अजग-गजबे किस्से है बक्सर एसडीएम कार्यालय का: जिसे समझते सदर एसडीओ ऑफिस का बड़ा बाबू, वह निकला हाई स्कूल का चपरासी, बीडीओ-सीओ को भी हड़काता है पैसे का करता है डिलिंग........
जिसे सदर एसडीओ कार्यालय का बड़ा बाबू सभी समझते थे। वह गिरीश कुमार राजपुर प्रखंड स्थित प्लस टू सोमेश्वर हाई स्कूल गोगौरा का चतुर्थ श्रेणी (परिचारी) यानी चपरासी निकाला। ब्रह्मपुर प्रखंड के युवा चेतना मंच के अध्यक्ष बाल गोविंद पाठक ने जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल को दिए आवेदन में कहा है
- दस साल से अधिक से जमे है, सदर एसडीओ कार्यालय में
केटी न्यूज/बक्सर।
जिसे सदर एसडीओ कार्यालय का बड़ा बाबू सभी समझते थे। वह गिरीश कुमार राजपुर प्रखंड स्थित प्लस टू सोमेश्वर हाई स्कूल गोगौरा का चतुर्थ श्रेणी (परिचारी) यानी चपरासी निकाला। ब्रह्मपुर प्रखंड के युवा चेतना मंच के अध्यक्ष बाल गोविंद पाठक ने जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल को दिए आवेदन में कहा है कि गिरीश कुमार प्लस टू सोमेश्वर हाई स्कूल गोगौरा का चतुर्थ श्रेणी (परिचारी) है। जो दस साल से अधिक समय से सदर एसडीओ कार्यालय में प्रतिनियुक्ति पर जमे हुए है।
यह आम जनता से किसी भी कार्य के लिए पैसा का दोहन करते है। आवेदक ने डीएम से मांग किया है कि इस बात की जांच किया जाए कि आखिर एक परिचारी इतने दिनों तक कैसे प्रतिनियुक्ति पर है। मिली जानकारी के अनुसार शिक्षा विभाग से कड़े आदेश आने पर चंद दिनों के लिए विद्यालय में जाते है। पुनः अधिकारियों से मिली भगत कर वापस एसडीओ कार्यालय में आ जाते है। गिरीश कुमार लगातार लंबे समय से एसडीओ कार्यालय में जमे है। ऑफिस में क्लर्क के टेबुल कुर्सी पर बैठे रहते है। इस कारण सभी जानते है वह एसडीओ कार्यालय के बड़ा बाबू है।
अधिकारियों के उड़े होश
जब यह बात उजागर हुई कि गिरीश कुमार एक परिचारी या चपरासी है। तब कई अधिकारियों के होश उड़ गए। क्योंकि अधिकारी यह जानते थे कि गिरीश एसडीओ कार्यालय के क्लर्क है। सदर एसडीओ के काफी नजदीक का संबंध है। वह कोई कार्रवाई करवा सकता है। इसका बात का फायदा उठाते हुए गिरीश अधिकारियों पर अपना धौंस जमाते रहते है। अब यह देखना है कि गिरीश की प्रतिनियुक्ति टुटती है या अधिकारियों के छत्रछाया में जमे रहते है।