सदर एसडीओ की बढ़ी मुश्किलें! सामान्य प्रशासन विभाग के अवर सचिव ने डीएम को पत्र भेजकर दी जांच का आदेश
सदर एसडीओ धीरेंद्र द्वारा डीएम व एडीएम के आदेश को पलट कर अपना नया आदेश जारी करने के मामले में सामान्य प्रशासन विभाग ने संज्ञान लिया है। सामान्य प्रशासन विभाग के अवर सचिव ने डीएम को पत्र भेजकर मामले की जांच का आदेश दिया है। साथ ही जांच प्रतिवेदन की भी मांग की है।
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केटी न्यूज/ पटना ।
सदर एसडीओ धीरेंद्र द्वारा डीएम व एडीएम के आदेश को पलट कर अपना नया आदेश जारी करने के मामले में सामान्य प्रशासन विभाग ने संज्ञान लिया है। सामान्य प्रशासन विभाग के अवर सचिव ने डीएम को पत्र भेजकर मामले की जांच का आदेश दिया है। साथ ही जांच प्रतिवेदन की भी मांग की है। विदित हो कि राजपुर प्रखंड के सैंथू गांव निवासी गणेश चौबे की जमीन पर दूसरे पक्ष ने अंचल कार्यालय की मिली भगत से करीब 14 एकड़ भूमि अपने नाम पर जमाबंदी करा लिया था। गणेश चौबे को इस बात की जानकारी मिलते ही उन्होंने लोक शिकायत में आवेदन दिया था।
डीएम की सुनवाई के बाद यह सामने आया कि अंचलाधिकारी की गड़बड़ी से यह हुआ है डीएम के आदेश पर गणेश चौबे ने एडीएम कोर्ट में परिवाद दाखिल किया था। दोनों पक्ष का दस्तावेज देखने व दलील सुनने के बाद एडीएम कुमारी अनुपम ने गणेश चौबे के पक्ष में फैसला सुनाया था। सीओ को आदेश दिया गया था कि तत्काल समस्त भूमि का जमाबंदी गणेश चौबे के नाम पर किया जाए।
पीड़ित ने भेजा था वरीय पदाधिकारियों के यहां पत्र
जमाबंदी गणेश चौबे के नाम होने के बाद वह जमीन पर अपनी फसल काटने गए थे। तभी विपक्षी विवाद शुरू किए। गणेश चौबे ने एसडीओ के यहां इस संबंध में आवेदन दिया। मामले की सुनवाई करने के लिए एसडीओ धीरेंद्र मिश्रा राजपुर थाना पहुंच गए। डीएम व एडीएम के आदेश को पलटते हुए अपना एक नया आदेश जारी कर दिया। जिसमें जमाबंदी गणेश चौबे के पास रहेगी और मालिकाना हक विपक्षी के पास रहेगा। इसके बाद दोनों पक्षों में विवाद गहराने लगा था। परेशान पीड़ित गणेश चौबे ने इस संबंध में सभी बड़े पदाधिकारियों के यहां आवेदन भेजा।
सामान्य प्रशासन ने लिया संज्ञान
गणेश चौबे ने सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव के यहां भी गुहार लगायी थी। वहां मामले को संज्ञान लिया गया। सदर एसडीओ धीरेंद्र मिश्रा के संबंध में सभी साक्ष्य व शपथ पत्र की मांग की गई। पीड़ित ने सभी दस्तावेज, साक्ष्य व शपथ पत्र सामान्य प्रशासन विभाग को उपलब्ध करा दिया। इसके बाद डीएम को जांच के लिए प्रतिवेदन भेजा गया। जांच रिपोर्ट के बाद ही स्पष्ट हो पायेगा कि सदर एसडीओ धीरेंद्र मिश्रा की कार्य प्रणाली निष्पक्ष थी या उन्होंने मनमाने तौर पर कार्य किया था।