डाक विभाग ने संभाली लोकतंत्र की डिलीवरी: डुमरांव में घर-घर पहुंच रहे नए वोटर कार्ड, युवाओं में उत्साह चरम पर

__ चुनाव से पहले मतदाता पहचान पत्र वितरण में डाककर्मियों की तेजी, करीब दस हजार नए मतदाता बने लोकतंत्र के साझीदार
केटी न्यूज/डुमरांव।
आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच डाक विभाग ने लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करने की जिम्मेदारी अपने कंधों पर उठा ली है। डुमरांव अनुमंडल क्षेत्र में डाक विभाग ने नए मतदाता पहचान पत्र (ईपीआईसी) के वितरण की प्रक्रिया तेज कर दी है। अब डाकिए सिर्फ चिट्ठी या पार्सल ही नहीं, बल्कि लोकतंत्र का सबसे बड़ा प्रतीक मताधिकार का दस्तावेज भी घर-घर पहुंचा रहे हैं।
डाक निरीक्षक मनीष कुमार ने जानकारी दी कि पूरे अनुमंडल क्षेत्र में अब तक करीब दस हजार नए ईपीआईसी कार्ड प्राप्त हो चुके हैं। इन कार्डों के वितरण के लिए सभी डाककर्मियों को विशेष रूप से निर्देश दिए गए हैं कि कार्य में तत्परता और पारदर्शिता दोनों सुनिश्चित की जाएं। उन्होंने कहा, “हर मतदाता तक उसका पहचान पत्र समय पर पहुंचे, यही हमारी प्राथमिकता है।
पहले ही दिन डुमरी और डुमरांव डाकघर में कुल 4,000 से अधिक नए कार्ड पहुंचे। इनमें डुमरी डाकघर में 1458 और डुमरांव डाकघर में 2600 मतदाता पहचान पत्र शामिल हैं। सभी कार्ड स्पीड पोस्ट के माध्यम से प्राप्त हुए हैं, ताकि वितरण प्रक्रिया में किसी प्रकार की देरी या त्रुटि न हो।
डुमरी डाकघर के पोस्टमास्टर श्याम बिहारी यादव ने बताया कि इस कार्य के लिए डाक विभाग ने विशेष योजना तैयार की है। उन्होंने कहा कि हमारी पूरी टीम एक मिशन की तरह जुटी है। प्रत्येक डाक कर्मी को अपना इलाका सौंपा गया है ताकि कोई भी मतदाता वंचित न रह जाए।
डाकघरों में इन दिनों उत्साह का माहौल है। शाम ढलने के बाद भी कर्मचारी काम में व्यस्त हैं, ताकि हर नए मतदाता तक कार्ड जल्द से जल्द पहुंच सके। मंगलवार को कई डाकघर देर रात तक खुले रहे। यह नजारा किसी त्यौहार से कम नहीं था, फर्क बस इतना था कि यह लोकतंत्र का त्योहार था।
सहायक निर्वाचन पदाधिकारी संदीप कुमार पांडे ने बताया कि नए ईपीआईसी कार्ड मिलने से मतदान केंद्रों पर पहचान से जुड़ी समस्याएं काफी हद तक दूर होंगी। उन्होंने कहा कि यह कदम न केवल प्रशासनिक सुविधा बढ़ाएगा, बल्कि मतदान प्रतिशत में भी उल्लेखनीय वृद्धि लाएगा। खासकर पहली बार वोट डालने जा रहे युवाओं में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है।
युवा वर्ग के बीच नए वोटर कार्ड हाथ में आते ही लोकतंत्र के प्रति अपनापन बढ़ता दिख रहा है। कई कॉलेजों और संस्थानों में विद्यार्थी इसे अपने “पहले अधिकार” के रूप में गर्व से साझा कर रहे हैं। डाक विभाग की यह मुहिम चुनाव आयोग की मतदाता जागरूकता अभियान को नया बल दे रही है। प्रशासनिक दृष्टि से यह न केवल दक्षता का उदाहरण है, बल्कि लोकतंत्र में नागरिक भागीदारी को गहराई तक ले जाने वाला कदम भी।
डुमरांव अनुमंडल में शुरू हुई यह पहल सिर्फ कार्ड वितरण तक सीमित नहीं, बल्कि यह एक संवेदनशील संदेश है—कि हर नागरिक की भागीदारी से ही लोकतंत्र पूर्ण होता है। जब डाकिया दरवाजे पर “मतदाता पहचान पत्र” थमाता है, तो वह केवल एक कार्ड नहीं, बल्कि लोकतंत्र के प्रति नागरिक जिम्मेदारी की चिट्ठी सौंपता है।