अपने बदहाली पर सौ-सौ आंसू बहा रहा है जिला चिकित्सालय का वेंटीलेटर

अपने बदहाली पर सौ-सौ आंसू बहा रहा है जिला चिकित्सालय  का वेंटीलेटर

- कोरोना काल में बना था पांच बेड का वेंटीलेटर 

- पड़ोसी बिहार के लोग भी होते लाभान्वित 

तिलक कुमार

बलिया। संसाधन है, बावजूद मैन पावर की कमी की वजह से जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर में लगा 5 बेड का वेंटीलेटर खुद ही बेजान पड़ा है। बेशक कोरोना काल से अब तक दर्जनों बार इस अस्पताल में माननियों और अधिकारियों का दौरा हुआ है। बड़ी—बड़ी घोषणाएं हुई है

लेकिन नतीजा सिर्फ टांय—टांय, फिस्स ही निकला। उत्तम स्वास्थ्य व्यवस्था की उम्मीद ही करना बेकार है। यदि आज 5 बेड का वेंटीलेटर चालू रहता तो सैकड़ों जानें बच सकती थी। मरीजों को न गोरखपुर, न आजमगढ़ और न ही वाराणसी ही जाना पड़ता। पड़ोसी राज्य बिहार भी इससे लाभान्वित होते।  आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जिला चिकित्सालय में कोरोना काल में बढ़ते मृत्युदर को देखते हुए आनन-फानन में पांच बेड का वेंटीलेटर मुहैया कराया गया था। वह बात दीगर है

उस वक्त सरकारी बयान के मुताबिक किसी को जरूरत नहीं पड़ी। लेकिन वह पांच बेड का वेंटीलेटर आज चालू अवस्था में होता तो सैकड़ों जानें बच सकती थी। इससे आप इंकार नहीं कर सकते। सबसे पहले आजाद होने वाला जिला बलिया, देश के प्रथम अमर शहीद मंगल पांडेय की धरती व पूर्व प्रधानमंत्री स्व. चंद्रशेखर के गृह जनपद के लोग आज भी स्वास्थ्य विकास के मामले में सबसे पीछे हैं। 

सीएमएस बेखबर, शिशु रोग विशेषज्ञ ने दी जानकारी 

बलिया। वेंटीलेटर के बारे में अनभिज्ञता के बाद सीएमएस ने जिला अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डा. विनेश कुमार को बुलाए। डा. विनेश कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना काल में आनन—फानन में पांच बेड का वेंटीलेटर यूनिट तैयार किया गया था। लेकिन किसी को जरूरत नहीं पड़ी उस वक्त। लेकिन सच तो यह है कि मैन पावर की कमी की वजह से वेंटीलेटर का संचालन नहीं हो पा रहा है। इसे लेकर 24 बार पत्राचार के बावजूद शासन स्तर से मैन पावर नहीं दिया गया। ऐसे में वेंटीलेटर का संचालन पूरी तरह से ठप्प पड़ा है। 

क्या होता है वेंटीलेटर 

बलिया। जब ज़िंदगी मौत से जूझने लगे, बचने का कोई आसार ना नज़र आए। तब मरीज़ को ज़रूरत पड़ती है वेंटिलेटर की। वो मशीन जो मुर्दों को भी ज़िंदा रखती है, उखड़ती सांसों को थाम लेती है। जनपद में कुल पांच वेंटीलेटर बेजान पड़ा है। यदि चालू होता तो आप खुद समझ सकते हैं इसका फायदा किस प्रकार होता।  

कैसे काम करता है वेंटीलेटर 

बलिया। वेंटीलेटर मानव श्वसन मांसपेशियों के काम को बदलने के लिए गैस के परिवहन की शक्ति प्रदान कर सकता है। यह श्वसन लय को आंतरिक मानव श्वसन केंद्रीय तंत्रिका के कार्य को बदलने के लिए श्वसन आवृत्ति और सांस लेने के अनुपात सहित एक निश्चित श्वसन लय का उत्पादन कर सकता है। श्वसन चयापचय की जरूरतों को पूरा करने के लिए उपयुक्त ज्वारीय मात्रा (वीटी) या मिनट वेंटिलेशन (एमवी) प्रदान कर सकता है। आपूर्ति की गई गैस मानव नाक गुहा के कार्य को बदलने के लिए गर्म और आर्द्रीकृत होने के लिए सबसे अच्छी है और वायुमंडल में निहित से अधिक आपूर्ति कर सकती है।