"सीएम योगी ने वन और वन्य जीव रक्षकों को नियुक्ति पत्र दिए, जलवायु परिवर्तन पर की बात"

लखनऊ, 10 सितंबर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज कहा कि जलवायु परिवर्तन देश और दुनिया के लिए सबसे बड़ा चिंता का विषय है। अनियंत्रित और अनियोजित विकास से मानवता के सामने गंभीर संकट उत्पन्न हो चुका है। असमय बारिश, अतिवृष्टि, और ओलावृष्टि जैसी समस्याएं आम हो गई हैं।

"सीएम योगी ने वन और वन्य जीव रक्षकों को नियुक्ति पत्र दिए, जलवायु परिवर्तन पर की बात"

केटी न्यूज़/ लखनऊ

लखनऊ, 10 सितंबर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज कहा कि जलवायु परिवर्तन देश और दुनिया के लिए सबसे बड़ा चिंता का विषय है। अनियंत्रित और अनियोजित विकास से मानवता के सामने गंभीर संकट उत्पन्न हो चुका है। असमय बारिश, अतिवृष्टि, और ओलावृष्टि जैसी समस्याएं आम हो गई हैं। कहीं सूखा तो कहीं बाढ़ से लोग परेशान हैं, और जलवायु परिवर्तन के दुष्परिणाम हर किसी को झेलने पड़ रहे हैं। नवनियुक्त वन और वन्य जीव रक्षक अगर ईमानदारी से काम करेंगे, तो जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने आज उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से चयनित 647 वन रक्षकों/वन्य जीव रक्षकों और 41 अवर अभियंताओं को लोकभवन में नियुक्ति पत्र वितरित किए।

भर्ती प्रक्रिया में सिफारिश और लेनदेन की नहीं आई नौबत

सीएम योगी ने बताया कि पहले फाइनल नियुक्ति पत्र मिलने में एक साल लग जाता था, लेकिन अब सरकार ने तेजी से नियुक्ति पत्र दिए हैं। भर्ती प्रक्रिया से लेकर नियुक्ति पत्र वितरण तक किसी भी तरह की सिफारिश या लेन-देन की स्थिति नहीं आई है। मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि सभी नवनियुक्त कर्मी भी इसी ईमानदारी से काम करेंगे।

वन और वन्य जीव संघर्ष पर ध्यान

सीएम योगी ने कहा कि सरकार ने साढ़े सात वर्षों में कई महत्वपूर्ण कार्यक्रम चलाए हैं। जलवायु परिवर्तन के प्रमुख कारण घटते जंगल, अनियंत्रित विकास, और प्लास्टिक का बेतरतीब उपयोग हैं। इन समस्याओं पर लगाम लगाने के बावजूद इनका दुरुपयोग होता रहता है। जंगलों में आग लगने से पर्यावरण को नुकसान और भूस्खलन होता है। वन के दायरे में कमी से मानव-वन्य जीव संघर्ष की स्थिति उत्पन्न होती है।

15 प्रतिशत वनाच्छादन का लक्ष्य

मुख्यमंत्री ने कहा कि साढ़े सात साल पहले वनाच्छादन बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया था। हर साल बड़े पैमाने पर पौधरोपण किया जा रहा है, और 210 करोड़ वृक्षारोपण का कार्यक्रम पूरा किया गया है। 2028-29 तक 15 प्रतिशत वनाच्छादन का लक्ष्य है। इसके लिए जनसहभागिता महत्वपूर्ण है।

प्रदूषण नियंत्रण पर जोर

सीएम योगी ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को जनसहभागिता के साथ काम करना चाहिए। नदियों के प्रदूषण को रोकने के लिए जिम्मेदार संयंत्र और फैक्ट्रियों को तैयार करना आवश्यक है। नमामि गंगे कार्यक्रम को बढ़ावा देना और नदियों को साफ करना प्राथमिकता है।

वन्य जीव हिंसा और फेंसिंग

मुख्यमंत्री ने वन्य जीवों के हिंसक होने की समस्या पर भी ध्यान दिलाया। उन्होंने तराई क्षेत्रों में सोलर और इलेक्ट्रिक फेंसिंग की सिफारिश की ताकि जानवरों की बस्तियों में घुसपैठ को रोका जा सके।

उत्तर प्रदेश का प्रयास

सीएम योगी ने बताया कि उत्तर प्रदेश पहला राज्य है जिसने मानव-वन्य जीव संघर्ष को आपदा श्रेणी में रखा है। प्रदेश ने 1.55 लाख पुलिस कार्मिकों और 1.64 लाख शिक्षकों की भर्ती पूरी की है। 2017 के पहले भर्ती प्रक्रिया में भ्रष्टाचार था, लेकिन अब पारदर्शिता के साथ भर्ती की जा रही है।

पौधरोपण का महत्व

मुख्यमंत्री ने कहा कि पौधरोपण केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि जीवन रक्षा का महत्वपूर्ण उपाय है। एनसीआर में स्मॉग के कारण पर्यावरण को नुकसान हो रहा है। बायो कंप्रेस्ड यूनिट्स की स्थापना से किसानों को भी लाभ मिलेगा।

भर्ती की पारदर्शिता

सीएम योगी ने कहा कि उनकी सरकार ने पारदर्शी भर्ती प्रक्रियाएं सुनिश्चित की हैं। नई भर्ती प्रक्रिया को लेकर पूरा ध्यान रखा जा रहा है और पुराने भ्रष्टाचार से निपटने के लिए ठोस कदम उठाए गए हैं।

इस अवसर पर राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. अरुण कुमार सक्सेना, राज्यमंत्री केपी मलिक, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, और प्रधान मुख्य वन संरक्षक सुधीर कुमार शर्मा भी मौजूद थे। सीएम ने नियुक्ति पत्र कानपुर देहात की शशि तोमर, अयोध्या की स्मृति उपाध्याय, गोंडा की शिखा सिंह, गोरखपुर के अभिनय सिंह, लखनऊ की ज्योति रावत, प्रयागराज के अभिषेक तिवारी, और अन्य को प्रदान किए।