संत को अपनी संवेदना का ध्यान रखना चाहिए-उमा भारती
प्रयागराज में महाकुंभ में मौनी अमावस्या के दिन मची भगदड़ पर सियासत जारी है। बागेश्वर धाम के महंत धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने इस भदगड़ में जान गंवाने वालों पर बड़ा विवादित बयान दिया
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केटी न्यूज़/प्रयागराज
प्रयागराज में महाकुंभ में मौनी अमावस्या के दिन मची भगदड़ पर सियासत जारी है। बागेश्वर धाम के महंत धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने इस भदगड़ में जान गंवाने वालों पर बड़ा विवादित बयान दिया था, जिसके बाद लगातार राजनीतिक गलियारे में हलचल मची हुई है। शास्त्री ने कहा था कि गंगा किनारे मरने वाले लोगों को मोक्ष मिलता है, इसलिए इसे हादसा नहीं मोक्ष माना जाना चाहिए। अब उनके इस बयान पर उमा भारती भड़क गई।
उमा भारती ने कहा कि कुंभ में स्नान से मोक्ष मिलता है, यह बात सत्य है, लेकिन वहां लोग कुचल कर, तड़प-तड़प कर मरे हैं, यह मोक्ष नहीं है।जो लोग जीवित हैं, उनके परिवार वाले भगदड़ में तड़प-तड़प कर मर गए, उन्होंने कौन सा पाप किया था? इतना ही नहीं उन्होंने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को नसीहत भी दी।उन्होंने कहा है, ‘मुझे लगता है संत को अपनी संवेदना का ध्यान रखना चाहिए और उसके प्रति सजग भी रहना चाहिए।वहां बहुत लोग मरे हैं, यह बात भी सत्य है। अचानक भगदड़ की स्थिति कैसे बनी या किसने बनाई, यह बात सामने आनी चाहिए जो हुआ वह दुखद और शर्मनाक है।महाकुंभ में मौनी अमावस्या के दिन गंगा नहाने के लिए अलग-अलग राज्यों से कई लोग आये थे।यहां भगदड़ की चपेट में आकर 30 लोग मर गए थे।