सदर हॉस्पिटल में इनजेक्शन लगते ही 22 महिलाओं की बिगड़ी तबियत, परिजनों ने किया हंगामा
- अस्पताल उपाधीक्षक ने कहा- इनजेक्शन के लॉट की कराई जा रही है जांच
केटी न्यूज/जहानाबाद
सदर अस्पताल में उस समय अफरा तफरी का माहौल कायम हो गया जब इंजेक्शन लगते ही 22 महिला मरीजों की हालत बिगड़ने लगी जिसके बाद परिजनों ने हंगामा खड़ा कर दिया। वही हंगामा शुरू होते ही अस्पताल के डाक्टर व नर्स अस्पताल के खिड़की से फरार हो गये। मामला सदर अस्पताल के प्रसव कक्ष का है, परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते कहा कि डिलीवरी के लिए महिला को अस्पताल में भर्ती कराया है जहां गुरुवार की रात सेफ्ट्रियक्सोन इंजेक्शन लगाने से एक नहीं दो नही बल्कि बाइस महिला मरीजों की हालत बिगड़ गयी। अस्पताल प्रबंधक को फोन करने के बावजूद कोई सुनने वाला नहीं है। हद तो तब हो गई कि शुक्रवार को फिर से वही इंजेक्शन दोबारा मरीजों को दिया जा रहा है। जिसके बाद एक बार फिर मरीजों की हालत बिगड़ने लगी है। मरीज के परिजनों ने यह भी आरोप लगाया कि सरकारी अस्पताल सिर्फ नाम के है यहां हर काम करवाने के लिए पैसे मांगे जाते है। अगर मरीज को सलाइन चढ़ाना हो तो उसमें पैसे, मरीज को इधर से उधर ले जाने हो तो उसमें पैसे, उपस्थित डॉक्टर से इस बात को पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है। अगर ऐसी शिकायत है तो इसकी जांच कराई जाएगी। जो लोग इस पर दोषी पाए जाएंगे। उन लोगों पर कार्रवाई की जाएगी।
वहीं इस घटना के बाद मरीज के परिजनों में आक्रोश व्याप्त है। वही हंगामा की खबर पाकर मौके पर अस्पताल प्रशासन हरकत में आयी और फिर मरीजों को किसी तरह कंट्रोल किया गया। इधर इस बाबत अस्पताल उपाधीक्षक डीडी चौधरी ने बताया कि सेफ्ट्रियक्सोन इंजेक्शन लगाने के बाद मरीजों की तबियत खराब हो गयी थी। जिसके बाद इस इंजेक्शन को लगाने पर रोक लगा दी गयी है। उन्होंने संभावना जताते हुए कहा कि लगता कि इंजेक्शन खराब आ गयी है जिसकी जांच कराई जा रही है।