त्रिदंडी देव राजकीय डिग्री कॉलेज उन लोगों की तपस्या का परिणाम है जिन लोगों ने यह भूमि दान की है: राज्यपाल
- त्रिदंडी देव राजकीय डिग्री कॉलेज शुरू हुआ, राज्यपाल ने राजेंद्र विश्वनाथ अलेकर ने किया उद्घाटन
- भूमि दान करने वालों और उनके परिजनों को सम्मानित करने की रखी बात
- कहा कि जिस समाज में बेहतरीन शिक्षा होती है उस समाज को कोई प्रगति से रोक नहीं सकता
केटी न्यूज/आरा
जिले के शाहपुर विधानसभा क्षेत्र में बनाए गए नए डिग्री कॉलेज की शुक्रवार को विधिवत शुरुआत हुई। बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आलेरकर ने डिग्री कॉलेज का उद्घाटन किया है। इस मौके पर राज्यपाल ने कहा कि आज का दिन एक ऐतिहासिक क्षण है, क्योंकि यहां एक महाविद्यालय आ रहा है। यह कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के अधीन संचालित होगा। क्षेत्र के युवाओं और बच्चियों का वर्षों पुराना सपना आज पूर्ण हुआ है।
जिस क्षण का हम सब करीब दशकों से इंतजार कर रहे थे, वह आज आया है। बच्चियों और नौजवान साथियों को इस महाविद्यालय में पढ़ता देखकर अपार खुशी हो रही है। यह विद्यालय उन लोगों की तपस्या का परिणाम है जिन लोगों ने यह भूमि दान की है। अगर वे लोग जीवित नहीं हैं तो उनके परिवार के सदस्यों को सम्मानित करना चाहिए। जिन्होंने भूमि दान देकर यह सुनहरा मौका उपलब्ध कराया है। 1980 स्वामी जी को महाविद्यालय बनाने के लिए दान में भूमि दी गई थी। उन्हीं लोगों के प्रयास से यह महाविद्यालय दिख रहा है।
उन्होंने कहा कि शिक्षा एक ऐसी व्यवस्था है जिसे समाज की शिक्षा शिक्षा समाज की रीढ़ है जिसके कारण समाज की प्रगति होती है शिक्षा समाज की रीढ़ हैं समाज की संस्कृति का आना है जिस प्रकार के शिक्षा लेते आप लेते हैं ।उस प्रकार के समाज में की सेवा करने की ऊर्जा प्राप्त होती है। इसकी पूर्ति करने वाला भवन यहां खड़ा है। यह महाविद्यालय केवल ईंट और सीमेंट से नहीं बना है।
यह सबकी दृढ़ इच्छाशक्ति एवं अच्छी सोच के कारण खड़ा हुआ है। जिसमें स्वामी जी के अथक प्रयास देखने को मिल रहा है।स्वामी जी को या भूमि जनता ने दान में दी थी और स्वामी जी ने उस भूमि को सरकार को दान किया। अगर यह महाविद्यालय नहीं बना होता तो आने वाली युवा पीढ़ी पूछती कि आपके हाथ में सब कुछ था तब आपने हमें क्या दिया। तो हम क्या जवाब देते? जिस समाज में बेहतरीन शिक्षा होती है उस समाज को कोई प्रगति से रोक नहीं सकता।
नई शिक्षा नीति लागू करने का किया है प्रयास :
राज्यपाल ने कहा कि बिहार में बेहतर शिक्षा पैदा करना हम सबका दायित्व है। यह हम सबका दायित्व है कि हमारे प्रदेश के सभी बच्चों को बेहतर शिक्षा मिले। हमने इसके लिए नई शिक्षा नीति लागू करने का प्रयास किया है। जिसके तहत चार वर्ष के स्नातक कोर्स की योजना बन रही है। इसके लिए हाल ही में वीसी की बैठक हुई है। यह हमारी जिम्मेदारी है कि बिहार के सभी जनता का सहयोग मांगने।
यदि लोग हमारा सहयोग करेंगे तो हमें पूरा विश्वास है कि हमारे बिहार का एक भी बच्चे को शिक्षा लेने के लिए बिहार से बाहर नहीं जाना पड़ेगा। बिहार का इतिहास गवाह है कि पहले बिहार में बाहर के लोग बिहार में शिक्षा ग्रहण करने के लिए आते थे। पर आज बिहार के बच्चे बाहर शिक्षा ग्रहण करने के लिए जाते हैं। हमसे कहां गलती हुई हैं। आज हमें नए सिरे से विचार करने की जरूरत है। आगे कदम बढ़ाने की जरूरत है। हमारे युवा पीढ़ी हमारी तरफ देख रही हैं। बिहार हमारा प्रदेश है, बिहार हमारा गांव हैं फिर भी हमें बिहार से बाहर दिल्ली-मुंबई समेत अन्य प्रदेशों में शिक्षा लेने क्यों जाना पड़ता है।
बिहार में शिक्षा की प्रगति कोई नहीं रोक सकता :
हम सब लोग स्वामी जी के समक्ष यह प्रण करें कि बिहार की शिक्षा बेहतर करने के लिए वो जिम्मेदार हैं। मुझे लगता है कि इस दिशा में विचार करेंगे तो बिहार के अंतर्गत कोई शिक्षा की प्रगति कोई नहीं रोक सकता हैं। इस दौरान कार्यक्रम की अध्यक्षता वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति शैलेंद्र चतुर्वेदी, मंच संचालन प्रोफेसर रणविजय कुमार सिंह, स्वागत भाषण शैलेंद्र ओझा, पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर, पांडे बिहार विधान पार्षद जीवन कुमार, वर्तमान एमएलसी अवधेश नारायण सिंह, पूर्व विधायक राजेश्वर राज , विधायक मुन्ना तिवारी, शाहपुर विधायक राहुल तिवारी, धनंजय मिश्रा, पारस मिश्रा, दलजीत मिश्रा, धर्मपाल मिश्रा, विरेन्द्र मिश्रा, मनीष मिश्र,समेत अन्य गणमान्य लोगों ने सभा को संबोधित किया है। सीनेट सदस्य संतोष तिवारी, भोजपुर डीएम राजकुमार, भोजपुर एसपी प्रमोद कुमार, एसडीएम सीमा कुमारी, डीसीएलआर मोना झा, बीडीओ राकेश कुमार, बीईओ गुलाम सरवर, सीडीपीओ अलका कुमारी समेत वरीय अधिकारी उपस्थित रहे।