राहुल गांधी के बयान पर सरदार जसविंदर सिंह की प्रतिक्रिया

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने हाल ही में अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान सिख समुदाय को लेकर एक विवादित बयान दिया। इस बयान का विरोध करते हुए भाजपा नेता सरदार जसविंदर सिंह के नेतृत्व में ओलंदगंज में सिख समुदाय के सदस्यों ने उनका पुतला फूंका और तीव्र निंदा की।

राहुल गांधी के बयान पर सरदार जसविंदर सिंह की प्रतिक्रिया

केटी न्यूज/ जौनपुर

जौनपुर: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने हाल ही में अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान सिख समुदाय को लेकर एक विवादित बयान दिया। इस बयान का विरोध करते हुए भाजपा नेता सरदार जसविंदर सिंह के नेतृत्व में ओलंदगंज में सिख समुदाय के सदस्यों ने उनका पुतला फूंका और तीव्र निंदा की।

सरदार जसविंदर ने कहा कि राहुल गांधी का यह बयान न केवल सिख समुदाय, बल्कि सभी अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ है। उन्होंने इसे अत्यंत निंदनीय करार दिया और कहा कि विपक्ष के नेता की गरिमा के विपरीत है। “एक नेता को, जो इस महत्वपूर्ण पद पर बैठा है, ऐसे बयान देने की कोई आवश्यकता नहीं है। उन्हें सिख इतिहास का गहन अध्ययन करने की आवश्यकता है,” उन्होंने कहा।

सिख समुदाय ने हमेशा राष्ट्रहित और धर्म की रक्षा के लिए बलिदान दिया है। सरदार जसविंदर ने गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान का उदाहरण देते हुए बताया कि सिख समुदाय की भूमिका हमेशा महत्वपूर्ण रही है। उन्होंने सवाल उठाया, “क्या राहुल गांधी 1984 के दंगों को भूल गए हैं? उनके इस बयान में देश विरोधी ताकतों की साजिश का स्पष्ट संकेत दिखाई देता है। इसके लिए उन्हें न केवल सिख समुदाय, बल्कि पूरे भारत से माफी मांगनी चाहिए।”

उन्होंने यह भी कहा कि राहुल गांधी लगातार देश को बदनाम कर रहे हैं और उनकी निराशा चुनावी हार के बाद और बढ़ गई है। “क्या आवश्यक है कि आंतरिक मुद्दों को विदेशी धरती पर उठाया जाए? अपने देश की कमियों को बाहर जाकर उजागर करने का क्या तर्क है?” उन्होंने यह सवाल किया।

इस विरोध प्रदर्शन में सरदार सतवंत सिंह, सरदार हरचरण सिंह, सरदार मनदीप सिंह, सरदार नवनीत सिंह, सरदार गुरमीत सिंह, सरदार रणदीप सिंह, सरदार हरभजन सिंह और अन्य कई प्रमुख सिख नेता शामिल हुए। 

सभी ने एकजुटता के साथ राहुल गांधी के बयान की निंदा की और कहा कि ऐसा व्यवहार एक जिम्मेदार नेता को शोभा नहीं देता। उनके अनुसार, ऐसे बयानों से न केवल सिख समुदाय को अपमानित किया जाता है, बल्कि यह देश की एकता और अखंडता को भी नुकसान पहुंचाता है। इस प्रकार, सरदार जसविंदर और अन्य नेताओं ने राहुल गांधी से अपेक्षा की कि वे अपने शब्दों के प्रभाव को समझें और अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से लें।