मिली राहत : धनबाद के चर्चित संजय सिंह हत्याकांड में बरी हुए पप्पू सिंह

मिली राहत : धनबाद के चर्चित संजय सिंह हत्याकांड में बरी हुए पप्पू सिंह
कोर्ट के बाहर अधिवक्ताओं काे धन्यवाद देते रविशंकर सिंह

- 26 साल की लंबी सुनवाई के बाद बरी हुए विधान परिषद सदस्य, पहुंचे घर

- 26 मई, 1996 को हुई संजय सिंह की हत्या, कृष्णा सिंह नेर दर्ज करायी थी प्राथमिकी

- रविशंकर सिंह ने कहा - सत्य परेशान हो सकता है, पर पराजित नहीं

केटी न्यूज/बलिया

विधान परिषद सदस्य रविशंकर सिंह पप्पू आज धनबाद के चर्चित संजय सिंह हत्याकांड मे बाइज्जत बरी होने के बाद बलिया कासिम बाजार स्थित आवास पर पहुंचे। जहां पर गर्म जोशी से उनके परिवार के सदस्य व सैकड़ों की संख्यां में जुटे समर्थकों ने स्वागत किया। समर्थकों के प्यार और स्नेह ने रविशंकर सिंह को भावुक कर दिया। इस अवसर पर रविशंकर सिंह ने कहा कि सत्य परेशान हो सकता है, पर पराजित नहीं। सत्यमेव जयते... ईश्वर के घर देर है, अंधेर नहीं। साज़िशें नाकामयाब हुई और न्यायकी जीत हुई। हमें माननीय न्यायालय पर पूरा विश्वास था।  संजय सिंह हमारे अजीज मित्र थे, पर साजिश रचकर हमें ही फंसा गया। लेकिन, न्यायालय से हमें इंसाफ मिला। जिसके लिए सभी मित्रों, शुभचिन्तकों, सहयोगी गण का बहुत बहुत आभार। इस अवसर पर मुख्य रूप से अनिल सिंह पूर्व ब्लाक प्रमुख अनिरुद्ध सिंह दीपक सिंह, आलोक सिंह झुनझुन, मनोज सिंह, तेजा सिंह, अमित सिंह बघेल, विवेक सिंह, जितेंद्र सिंह, पिंकू सिंह, दिनबन्धु सिंह, करण सरावगी, विशाल माहेश्वरी, घनश्याम सिंह, धनंजय कुंअर, अनिल वर्मा, सम्राट सिंह, अजय सिंघाल, गूड्डू सिंह, शशी दुबे आदि मौजूद रहे। 

आरोप साबित नहीं कर पाया वादी पक्ष 

कोयला कारोबारी संजय सिंह की हत्या के चर्चित मामले मे 26 वर्ष तक चली लंबी सुनवाई के बाद 16 नवंबर को अदालत ने अपना फैसला सुनाया। जिला एवं सत्र न्यायाधीश अखलेश कुमार की अदालत ने आरोपी पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर सिंह के नाती व बलिया के भाजपा विधायक पप्पू सिंह उर्फ रवि शंकर सिंह को साक्ष्य के अभाव में बाइज्जत बरी कर दिया। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा संजय सिंह की हत्या हुई पर किसने की यह अभियोजन साबित नहीं कर सका। बचाव पक्ष की ओर से वरीय अधिवक्ता जया कुमार ने बचाव में दलील पेश की। 23 जनवरी 19 को पप्पू सिंह के खिलाफ अदालत ने हत्या का आरोप तय कर सुनवाई शुरू की थी। सुनवाई के दौरान मात्र तीन गवाह पुष्पा सिंह, कृष्णा सिंह व कांड के अनुसंधानकर्ता अशोक कुमार सिंह ने अपना अदालत में बयान दर्ज कराया था। पुष्पा सिंह व कृष्णा सिंह ने इस मामले में पप्पू सिंह की संलिप्तता नहीं बताई थी।

सीआईडी ने सुरेश सिंह व पप्पू सिंह को दी थी क्लीनचीट 

बताया जाता है कि 26 मई, 1996 को संजय सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। कृष्णा सिंह के फर्द बयान पर प्राथमिकी सुरेश सिंह एवं पप्पू सिंह के विरुद्ध दर्ज की गई थी। सीआईडी ने सुरेश सिंह व पप्पू सिंह को क्लीनचीट दी थी एवं रामाधीर सिंह समेत अन्य पर आरोप पत्र दायर किया था। परंतु पुलिस ने सुरेश सिंह को इस मामले में आरोपी बनाया था। बतातें हैं कि रामाधीर सिंह इस मामले में 22 मार्च 18 को बरी किए जा चुके थे। रिहाई के बाद मीडिया से बात करते हुए रवि शंकर सिंह ने कहा कि मैं निर्दोष था षड्यंत्र के तहत मुझे फंसाया गया मुझे न्यायालय से न्याय मिला है। संजय के हत्यारे अभी भी बाहर घूम रहे हैं ऊपर वाला उसका न्याय करेगा।