काराकाट (रोहतास) में ठगी का सनसनीखेज मामला: एक परिवार ने 300 ग्रामीणों से 8 करोड़ की ठगी की

रोहतास जिले के काराकाट प्रखंड के मोथा गांव में एक शातिर ठग परिवार ने सैकड़ों ग्रामीण पुरुषों और महिलाओं से लगभग 8 करोड़ रुपए की ठगी करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है।

काराकाट (रोहतास) में ठगी का सनसनीखेज मामला: एक परिवार ने 300 ग्रामीणों से 8 करोड़ की ठगी की

केटी न्यूज/ रोहतास 

रोहतास जिले के काराकाट प्रखंड के मोथा गांव में एक शातिर ठग परिवार ने सैकड़ों ग्रामीण पुरुषों और महिलाओं से लगभग 8 करोड़ रुपए की ठगी करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। पीड़ितों में अधिकतर महिलाएं शामिल हैं, और करीब तीन सौ ग्रामीण इस ठगी का शिकार हुए हैं। मामला तब उजागर हुआ जब विभिन्न बैंकों ने पीड़ितों को नोटिस भेजा, जिसके बाद वे स्थानीय थाने में शिकायत दर्ज कराने पहुंचे।

ठगी की पूरी योजना

यह मामला मोथा पंचायत का है, जहां एक परिवार ने पिछले करीब दस वर्षों से अपने गांववालों के नाम पर लोन निकालने का धंधा चला रखा था। इस ठग परिवार में नीलम देवी शामिल हैं, जो कैसपार बैंक में एक कर्मचारी के रूप में काम करती थीं। उन्होंने अपने निजी मकान में एक बैंक की शाखा चलाकर ठगी को अंजाम दिया। गांव के लोग बताते हैं कि नीलम और उसके परिवार ने पहले ग्रामीणों का विश्वास जीता और फिर एक बड़े धोखे को अंजाम दिया।

आरोप है कि ठग परिवार ने धीरे-धीरे ग्रामीणों को यह विश्वास दिलाया कि वे उन्हें लोन दिला सकते हैं। जब ग्रामीणों ने पूरी तरह से भरोसा कर लिया, तो ठग परिवार ने एक ही बार में सभी पैसे अपने खातों में ट्रांसफर कर लिए और फिर गांव छोड़कर भाग गए।

पीड़ितों की शिकायतें

पीड़ितों ने थाने में दिए गए आवेदन में आरोप लगाया है कि मोथा गांव के शिवकुमार साह, उनकी पत्नी रमावती देवी, पुत्र राजू गुप्ता, और अन्य परिजनों ने बैंकों के साथ मिलकर लगभग तीन सौ गरीब लोगों के नाम पर लोन निकालकर उन्हें ठगा है। पन्ना देवी नाम की एक पीड़िता ने बताया कि उनके नाम पर पांच अलग-अलग बैंकों से लोन निकाला गया था, जिसमें एक बैंक से 55,000 और दूसरे से 70,000 रुपए शामिल हैं। उन्हें केवल एक या दो हजार रुपए ही दिए गए।

चपरासी पासवान ने कहा कि उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर भी लाखों रुपए का लोन निकाला गया है। उन्होंने बताया कि नीलम देवी के बेटे संजीत उर्फ प्रिंस कुमार ने गांव में एक मशीन रखी थी, जिसके माध्यम से लोन के लिए अंगूठे का निशान लिया जाता था। इससे यह साफ होता है कि यह ठगी की योजना कितनी संगठित थी।

पुलिस की कार्रवाई

काराकाट थानाध्यक्ष फूलदेव चौधरी ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि सैकड़ों ग्रामीणों ने अपने ही गांव के एक परिवार पर ठगी का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि पीड़ितों के लिखित आवेदन और बयान के आधार पर धोखाधड़ी की धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस अब आरोपियों की तलाश कर रही है, और अगर वे जल्द नहीं मिलते हैं, तो उनके घर की कुर्की की कार्रवाई की जाएगी।

क्या कहते है ठगी के शिकार लोग :

पीड़ितों का कहना है कि ठग परिवार के सभी सदस्य अब भूमिगत हो चुके हैं और उनके मोबाइल भी स्विच ऑफ हैं। गांव के लोग अत्यंत परेशान हैं और उनके पास न्याय पाने के लिए कोई उपाय नहीं बचा है। माधुरी देवी ने कहा कि नीलम देवी ठगी की असली मास्टरमाइंड हैं, जिन्होंने पहले से ही गांव में एक महिला समूह चलाने का काम किया था।

इस ठगी ने मोथा गांव के लोगों के जीवन को कठिनाई में डाल दिया है। अब उन्हें उम्मीद है कि पुलिस जल्द से जल्द ठग परिवार को पकड़कर उन्हें न्याय दिलाएगी। ग्रामीणों ने कहा है कि वे सब गरीब हैं और इस ठगी ने उनके जीवन को पूरी तरह से प्रभावित किया है। इस प्रकार का मामला न केवल आर्थिक ठगी का है, बल्कि यह समाज में विश्वास के टूटने का भी संकेत है। अब सभी की नजरें पुलिस की कार्रवाई पर टिकी हैं।

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