महागठबंधन के डुमरांव विधायक ने फर्स्ट आईडिया की कार्यप्रणाली पर उठाया सवाल फिर भी सांसद सहयोगी चुप क्यों ......!

अक्सर शिक्षा विभाग की अनियमितताओं पर सवाल उठाने वाले तथा लोक शिकायत का दरवाजा खटखटाने वाले सांसद सहयोगी जिले के नावानगर प्रखंड सहित तीन प्रखंडो में कार्यरत हाउस कीपिंग एजेंसी फर्स्ट आईडिया की कार्यप्रणाली पर चुप्पी साधे बैठे है। जबकि इस कार्य एजेंसी पर नावानगर प्रखंड के विद्यालयों में बिना सफाई कराए भुगतान लेने का गंभीर आरोप है।

महागठबंधन के डुमरांव विधायक ने फर्स्ट आईडिया की कार्यप्रणाली पर उठाया सवाल फिर भी सांसद सहयोगी चुप क्यों ......!

-- डुमरांव विधायक ने तत्कालीन डीएम को सौंपा था पत्र

-- डीएम ने डीईओ व पीजीआरओ को दिया था जांच का जिम्मा

केटी न्यूज/बक्सर

अक्सर शिक्षा विभाग की अनियमितताओं पर सवाल उठाने वाले तथा लोक शिकायत का दरवाजा खटखटाने वाले सांसद सहयोगी जिले के नावानगर प्रखंड सहित तीन प्रखंडो में कार्यरत हाउस कीपिंग एजेंसी फर्स्ट आईडिया की कार्यप्रणाली पर चुप्पी साधे बैठे है। जबकि इस कार्य एजेंसी पर नावानगर प्रखंड के विद्यालयों में बिना सफाई कराए भुगतान लेने का गंभीर आरोप है। 

यह आरोप कोई और नहीं बल्कि खुद डुमरांव विधायक डॉ. अजित कुमार सिंह ने तत्कालीन जिलाधिकारी को पत्र लिख लगाया था। जिलाधिकारी को दिए पत्र में विधायक ने जिक्र किया था कि नावानगर प्रखंड में कार्यरत हाउस कीपिंग एजेंसी फर्स्ट आइडिया बिना स्कूलों की सफाई कराए ही जिला शिक्षा कार्यालय से भुगतान ले रहा है। जबकि उक्त कार्य एजेंसी के खिलाफ नावानगर के तत्कालीन बीईओ व बीपीएम ने नाकारात्मक प्रतिवेदन भी दिया था। 

इस मामले में जिलाधिकारी ने जांच के लिए दो सदस्यीय कमिटी का गठन भी किया था। जिसमें जिला शिक्षा पदाधिकारी तथा लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी को शामिल किया गया है। बावजूद उक्त कार्य एजंेसी पर न तो कार्रवाई हुई और न ही शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार की पोल खोलने का दंभ भरने वाले सांसद के सहयोगी ने मुुंह खोला है। जिससे कई सवाल उठ रहे है। यहां तक कि अभी चंद दिनों पहले नावानगर प्रखंड सहित तीनों प्रखंडो में फर्स्ट आइडिया एजेंसी का फरवरी महीने तक का भुगतान कर दिया गया है। वहीं, दिशा की बैठक में भी फर्स्ट आइडिया समेत हाउस कीपिंग एजेंसियों के मनमानी तथा उसके चयन को लेकर सवाल डुमरांव विधायक ने उठाया था।  

 

हाउस कीपिंग एजेंसी फर्स्ट आइडिया के कार्य को लेकर 13 मई 2025 को तत्कालीन डीईओ अमरेन्द्र कुमार पाण्डेय डीएम को वाटसैप के माध्यम से मैसेज किये थे ...............आज फिर से अजय सिंह और अरविंद सिंह मेरे कार्यालय में आये और फर्स्ट आइडिया हाउसकीपिंग एजेंसी के लिए मेरे ऊपर दबाव दिए और बोलने लगे की फर्स्ट आइडिया कंपनी में हम लोग भी पार्टनर है सीसीटीवी कैमरा देखा जा सकता है........ जिसके जबाब में डीएम साहब ने तत्कालीन एसडीएम धीरेन्द्र मिश्रा व एसडीपीओ सदर धीरज कुमार को जांच दिये थे। परन्तु तबादले के प्रकिया में  यह जांच अधुरी रह गयी है। 

 

-- सिर्फ जिला शिक्षा कार्यालय तक ही सिमटा काम

सांसद सहयोगी का काम सिर्फ जिला शिक्षा विभाग के कार्यालय तक ही सिमट गया है। जबकि जिले में डीईओ कार्यालय के अलावे कई कॉलेज भी संचालित हो रहे है। सभी सरकारी कॉलेजों में शैक्षणिक व्यवस्था चौपट हो गई है। सभी कॉलेजों में प्राध्यापकों तथा गैर शैक्षणिक कर्मियों के अलावे अन्य जरूरी संसधानों की घोर कमी है। ऐसे में सांसद सहयोगी की चुप्पी से जिले की शैक्षणिक व्यवस्था में सुधार होता नहीं दिखाई पड़ रहा है। 

-- मोबाईल कॉल डिटेल्स खोलेगा राज

वहीं, नाम नहीं छापने की शर्त पर विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि कार्यालय में सांसद सहयोगी अरविंद सिंह तथा अजय सिंह के भयादोहन से अधिकारी परेशान हो गए है। अधिकारी का कहना है कि यदि दोनों के मोबाईल नंबर का कॉल डिटेल्स निकाला जाए तो उनके कार्यशैली का प्रमाण मिल जाएगा। वहीं, एक अधिकारी का कहना है कि दोनों के कॉल डिटेल्स व्टसैप कॉल, मैसेंजर काल की जांच के लिए जिलाधिकारी व पुलिस कप्तान को आवेदन दिया जाएगा। क्योंकि इस परिस्थिति में कार्य करना कार्यालय में मुश्किल हो रहा है।