बक्सर के लाल प्रभात रंजन ने बढ़ाया जिले का मान, एनडीए की परीक्षा में बना बिहार टॉपर

कौन कहता है आसमान में सुराख नही होता, अगर इरादे मजबूत हो और मेहनत व लग्न रहेगी तो कोई भी लक्ष्य दूर नही है सफलता कदम चूमेगी। ऐसा ही कर दिखाया जिले के अंतिम छोर पर बसा चौसा के तिवाय गांव के रहने वाले एक मामूली से किसान परिवार के बेटा प्रभात रंजन ने, जिसने देश के डिफेंस में प्रथम श्रेणी की परीक्षा नेशनल डिफेंस एकेडमी की परीक्षा में सफलता प्राप्त कर जिले के साथ राज्य को भी गौरवान्वित किया।

बक्सर के लाल प्रभात रंजन ने बढ़ाया जिले का मान, एनडीए की परीक्षा में बना बिहार टॉपर

- संघर्ष, समपर्ण व आत्मविश्वास से मिली सफलता, पूरा परिवार आह्लादित 

केटी न्यूज/बक्सर    

कौन कहता है आसमान में सुराख नही होता,  अगर इरादे मजबूत हो और मेहनत व लग्न रहेगी तो कोई भी लक्ष्य दूर नही है सफलता कदम चूमेगी। ऐसा ही कर दिखाया  जिले के अंतिम छोर पर बसा चौसा के तिवाय गांव के रहने वाले एक मामूली से किसान परिवार के बेटा प्रभात रंजन ने, जिसने देश के डिफेंस में प्रथम श्रेणी की परीक्षा नेशनल डिफेंस एकेडमी की परीक्षा में सफलता प्राप्त कर जिले के साथ राज्य को भी गौरवान्वित किया।

प्रभात की इस सफलता से पूरा परिवार के साथ गांव के लोगों में भी खुशी की लहर है। प्रभात यूपीएससी द्वारा आयोजित इस प्रतिष्ठित परीक्षा में बिहार में पहला और पूरे देश में 80वां स्थान प्राप्त किया है। जिसका चय भारतीय वायुसेना में पायलट के पद पर किया जाएगा। प्रभात रंजन के पिता जयप्रकाश यादव बसपा के पूर्व प्रदेश महासचिव के साथ रामपुर के पूर्व बीडीसी सदस्य रहे है।

हालांकि, बच्चों की शिक्षा के वजह से वह जिला मुख्यालय में रहते है, मगर खेती-बाड़ी गांव पर की जाती है, जो उनका मुख्य पेशा है। जबकि, मा गृहणी है। प्रभात के इस सफलता से वह बेहद खुश है। पिछले सत्र में छोटे बेटे की भी महाराष्ट्र में सैनिक स्कूल में दाखिला की तैयारी है। हालांकि, अभी रिजल्ट नही आया है। जयप्रकाश यादव ने बताया कि प्रभात रंजन ने अपने दूसरे ही प्रयास में यह उपलब्धि हासिल कर अपने माता-पिता के सपनों को साकार किया है।

प्रभात ने यह तैयारी घर से ही कि थी। उसकी पहली पढ़ाई पहली कक्षा से पांचवी तक देहरादून पब्लिक स्कूल बक्सर से की। वह, तेज छात्र रहा, इसी का नतीजा पिता जयप्रकाश ने छठी में बच्चे को सैनिक स्कूल के लिए तैयार कराया। जहा इंट्रेंस के बाद सैनिक स्कूल कज़ाकोटम केरल में दाखिला मिला। वहीं छठी कक्षा से बारहवीं तक वही पढ़ाई की। उसके बाद उसने एनडीए की तैयारी के लिए घर आ गया।

पहली बार परीक्षा में प्रभात को सफलता नही मिली, सीमित संसाधनों के बीच भी उन्होंने कभी हार नहीं मानी और पूरी लगन से अपनी तैयारी जारी रखी। वही कही कोचिंग भी नही किया।  उसने अपना आत्म विश्वास के साथ दूसरे प्रयास में वह मुकाम हासिल कर ली। यही नही वही बिहार प्रथम व देश मे 80 वां रैंक लाया। 

प्रभात की सफलता की कहानी संघर्ष, समर्पण और आत्मविश्वास की मिसाल है। सीमित संसाधनों के बीच भी उन्होंने कभी हार नहीं मानी और पूरी लगन से अपनी तैयारी जारी रखी। उनके इस उपलब्धि से न सिर्फ उनके परिवार बल्कि पूरा बक्सर गौरवांवित महसूस कर रहा है।