सदर अस्पताल में बच्ची की मौत मामले में डीएस समेत चार स्वास्थ्यकर्मियों पर एफआईआर दर्ज

बक्सर सदर अस्पताल की लापरवाही से बच्ची की मौत मामले में परिजनों के बयान पर सदर अस्पताल की उपाधीक्षक डॉ. नमिता सिंह समेत चार स्वास्थ्यकर्मियों पर बक्सर नगर थाने में एफआईआर दर्ज कराया गया।यह एफआईआर बुधवार को मृतका के परिजन बिरेन्द्र यादव ने दर्ज कराया है। नगर थानाध्यक्ष मनोज कुमार सिंह ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि सदर अस्पताल के उपाधीक्ष समेत दो डॉक्टर व दो नर्सों पर एफआईआर दर्ज कराया गया है।

सदर अस्पताल में बच्ची की मौत मामले में डीएस समेत चार स्वास्थ्यकर्मियों पर एफआईआर दर्ज

-- सीएस ने मामले की जांच के लिए गठित की छह सदस्यीय टीम, मंगलवार को बरूणा की संजना को सदर अस्पताल में एंटी रैबिज लगाने के पांच मिनट बाद हो गई थी मौत, विरोध में परिजनों व ग्रामीणों ने काटा था बवाल 

केटी न्यूज/बक्सर

बक्सर सदर अस्पताल की लापरवाही से बच्ची की मौत मामले में परिजनों के बयान पर सदर अस्पताल की उपाधीक्षक डॉ. नमिता सिंह समेत चार स्वास्थ्यकर्मियों पर बक्सर नगर थाने में एफआईआर दर्ज कराया गया।यह एफआईआर बुधवार को मृतका के परिजन बिरेन्द्र यादव ने दर्ज कराया है। नगर थानाध्यक्ष मनोज कुमार सिंह ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि सदर अस्पताल के उपाधीक्ष समेत दो डॉक्टर व दो नर्सों पर एफआईआर दर्ज कराया गया है। 

वहीं, दूसरी तरफ इस मामले को सिविल सर्जन डॉ. शिव कुमार प्रसाद चक्रवर्ती ने गंभीरता से लिया है। बुधवार को ही उन्होंने मामले की जांच के लिए डीएस डॉ. नमिता के नेतृत्व में छह सदस्यीय टीम का गठन किया है। टीम की जांच रिपोर्ट के आधार पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। 

वहीं, सीएस द्वारा टीम गठन को ले सवाल उठने लगे है। लोगों का कहना है कि जिस उपाधीक्षक के खिलाफ नगर थाने में लापरवाही का आरोप लगा एफआईआर दर्ज कराया गया है, उनके नेतृत्व में जांच टीम का गठन करना न्यायोचित नहीं है।

बता दें कि मंगलवार को बरूणा निवासी प्रदीप कुमार की पुत्री संजना कुमारी को एक कुत्ते ने काट लिया था। इसके बाद उसके परिजन उसे इलाज के लिए लेकर सदर अस्पताल पहुंचे थे, जहां नर्स द्वारा उक्त मासूम को एंटी रैबिज का इंजेक्शन लगाया गया। इंजेक्शन लगाने के पांच मिनट के अंदर ही उसकी हालत तेजी से बिगड़ी तथा डॉक्टर कुछ समझ पाते इसके पहले ही उसकी मौत हो गई।

इस घटना के विरोध में मासूम के परिजनों, ग्रामीणों तथा स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मिलकर भारी बवाल मचाया था। इस दौरान सदर अस्पताल के डॉक्टर अस्पताल छोड़ फरार हो गए थे। 

बाद में बक्सर एसडीएम अविनाश कुमार के आश्वासन के बाद आक्रोशित लोगों शांत हुए। लोगों की मुख्य मांग थी कि इस मामले में दोषी डॉक्टरों तथा अन्य चिकित्साकर्मियों पर हत्या का मुकदमा 24 घंटे में दर्ज कराया जाए। एसडीएम ने उन्हें आश्वत किया था कि बुधवार को एफआईआर दर्ज कराया जाएगा।

इस दौरान सदर अस्पताल में अफरा तफरी मची रही। गौरतलब हो कि इसके पहले भी कई बार सदर अस्पताल में मरीजों के इलाज में लापरवाही के आरोप लगते रहे है, लेकिन इसके पहले कभी भी डॉक्टरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं हुआ था। एफआईआर दर्ज होने के बाद अब संबंधित स्वास्थ्यकर्मियों की मुश्किलें बढ़ गई है।