भूत-प्रेत के विवाद को लेकर दो पक्षों में जमकर मारपीट एक का पैर तोड़ा पांच पर प्राथमिकी
भैंसहट में भूत-प्रेत के विवाद को लेकर दो पक्षों में जमकर मारपीट हुई, जिसमें एक पक्ष से पति-पत्नी गंभीर रूप से घायल हो गए। दोनों को इलाज के लिए भभुआ सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
केटी न्यूज़, ऑनलाइन डेस्क: चैनपुर
थाना क्षेत्र के ग्राम भैंसहट में भूत-प्रेत के विवाद को लेकर दो पक्षों में जमकर मारपीट हुई, जिसमें एक पक्ष से पति-पत्नी गंभीर रूप से घायल हो गए। दोनों को इलाज के लिए भभुआ सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इलाज के उपरांत, पीड़ित दंपति चैनपुर थाने में पहुंचकर आवेदन देते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई। घायल व्यक्ति की पहचान चंद्रशेखर सिंह (पिता रामअवध सिंह) और उनकी पत्नी रिंकू देवी के रूप में हुई है।
मामले की जानकारी देते हुए घायल चंद्रशेखर सिंह और उनकी पत्नी रिंकू देवी ने बताया कि 21 मई 2024 को दोपहर 12 बजे के करीब वे दोनों बगीचे में आम तोड़ रहे थे। इसी दौरान गांव के ही जितेंद्र सिंह, सीरंग सिंह, शंभू सिंह (पिता रामसखी सिंह), महिमा देवी (पति जितेंद्र सिंह) और रंजीता देवी (पति सीरंग सिंह) वहां पहुंचे। उन्होंने गाली-गलौज करते हुए लाठी-डंडा से मारपीट शुरू कर दी। इस हमले में चंद्रशेखर सिंह का दायां पैर टूट गया। बीच-बचाव करने पहुंची रिंकू देवी को भी बुरी तरह पीटा गया, जिससे दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए। स्थानीय लोगों के सहयोग से उन्हें चैनपुर थाने लाया गया, जहां से इलाज के लिए भेजा गया।
रिंकू देवी ने बताया कि इस विवाद का मुख्य कारण दूसरे पक्ष के लोगों के यहां कुछ समय पूर्व एक बच्चे की मौत हो जाना है। उन लोगों का आरोप है कि रिंकू देवी और चंद्रशेखर सिंह ने टोना-टोटका करके उनके पुत्र की जान ले ली है। इसी विवाद के कारण दोनों पति-पत्नी के साथ मारपीट की गई। इलाज के बाद, दंपति ने चैनपुर थाने में पहुंचकर मामले की शिकायत दर्ज कराई है। इस मामले से संबंधित जानकारी लेने पर थानाध्यक्ष विजय प्रसाद ने बताया कि मारपीट में घायल हुए पति-पत्नी के आवेदन पर प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। पांच लोगों के विरुद्ध मारपीट का आरोप लगाया गया है और मामले में कार्रवाई की जा रही है।
गौरतलब है कि इस तरह के अंधविश्वास और भूत-प्रेत के आरोपों के चलते ग्रामीण इलाकों में विवाद और हिंसा के मामले अक्सर सामने आते रहते हैं। यह घटना भी अंधविश्वास के चलते हुई मारपीट की एक और कड़ी है। स्थानीय प्रशासन का कहना है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और पीड़ितों को न्याय दिलाने का हर संभव प्रयास किया जाएगा।भूत-प्रेत और टोना-टोटका जैसे अंधविश्वासों के कारण कई निर्दोष लोग हिंसा का शिकार हो जाते हैं।
ऐसे मामलों में समाज को जागरूक करना और अंधविश्वास को खत्म करना बेहद जरूरी है। प्रशासन भी इस दिशा में कदम उठा रहा है, लेकिन समाज के हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है कि वे ऐसे अंधविश्वासों से दूर रहें और दूसरों को भी जागरूक करें। इस मामले में भी प्रशासन का कहना है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और पीड़ितों को न्याय मिलेगा।