चौसा नगर पंचायत में पेयजल व्यवस्था ठप, जर्जर टंकी बनी संकट की जड़
चौसा नगर पंचायत के वार्ड 13 में पेयजल व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है और स्थिति दिन-प्रतिदिन गंभीर होती जा रही है। इलाके की वर्षों पुरानी जलापूर्ति टंकी जर्जर हालत में लंबे समय से बेकार पड़ी थी, लेकिन अब इसके फट जाने के बाद पूरे वार्ड में पाइपलाइन के जरिए होने वाली जलापूर्ति पूरी तरह बंद हो गई है। सैकड़ों परिवारों को पीने तक के पानी के लिए जूझना पड़ रहा है।
केटी न्यूज/चौसा
चौसा नगर पंचायत के वार्ड 13 में पेयजल व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है और स्थिति दिन-प्रतिदिन गंभीर होती जा रही है। इलाके की वर्षों पुरानी जलापूर्ति टंकी जर्जर हालत में लंबे समय से बेकार पड़ी थी, लेकिन अब इसके फट जाने के बाद पूरे वार्ड में पाइपलाइन के जरिए होने वाली जलापूर्ति पूरी तरह बंद हो गई है। सैकड़ों परिवारों को पीने तक के पानी के लिए जूझना पड़ रहा है।ग्रामीणों के अनुसार टंकी खराब होने की जानकारी कई बार प्रखंड और नगर पंचायत स्तर के अधिकारियों को दी गई, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

स्थानीय प्रतिनिधियों छोटेलाल चौधरी, सुरेंद्र बीन, सुदामा बीन, रीता देवी, अनिता देवी ने भी इस मुद्दे को कई बार उठाया, लेकिन सिर्फ आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला। लोगों का कहना है कि महीनों से शिकायतें की जा रही हैं, लेकिन मरम्मत कार्य शुरू करने के नाम पर एक ईंट भी नहीं लगाई गई।पानी संकट के कारण ग्रामीणों की दिनचर्या अस्त-व्यस्त हो गई है। जिन घरों में निजी बोरिंग नहीं है, वहां स्थिति और भी विकट है। हैंडपम्प की संख्या कम होने से लोगों को बारी-बारी से लंबी लाइनें लगानी पड़ती हैं।

मजदूर वर्ग के लोग बताते हैं कि सुबह का अधिकांश समय पानी जुटाने में ही निकल जाता है, जिससे काम पर देर होती है और आय पर सीधा असर पड़ता है। महिलाओं और बच्चों को भी रोजाना कई चक्कर लगाने पड़ते हैं। कई परिवार पड़ोसियों से पानी मांगकर किसी तरह काम चला रहे हैं।स्थानीय लोगों का कहना है कि गर्मी के दिनों में यह समस्या और भयावह रूप ले लेती है। उनका स्पष्ट कहना है कि पानी जैसी बुनियादी सुविधा की लगातार अनदेखी अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी और जरूरत पड़ने पर वे सामूहिक रूप से आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
