डुमरांव नगर परिषद में करोड़ों की सफाई उपकरण खरीदारी पर उठे सवाल, लोक शिकायत पहुंचा मामला

डुमरांव नगर परिषद में सफाई उपकरणों की खरीद के नाम पर करोड़ों की सरकारी राशि खर्च किए जाने को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। नगर परिषद द्वारा खरीदे गए दो कम्पैक्टर और 40 टीपर वाहनों में भारी अनियमितताओं की शिकायत अनुमंडलीय लोक शिकायत कार्यालय तक पहुंच गई है। शिकायत पर संज्ञान लेते हुए पदाधिकारी ने तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी (ईओ) से पूरे मामले पर बिंदुवार स्पष्टीकरण तलब किया है।

डुमरांव नगर परिषद में करोड़ों की सफाई उपकरण खरीदारी पर उठे सवाल, लोक शिकायत पहुंचा मामला

-- बेकार पड़े कम्पैक्टर, टीपर, बैटरी चोरी, नियम तोड़कर खरीद का आरोप, लोक शिकायत पदाधिकारी ने ईओ से पूछा बिंदुवार शो-कॉज

केटी न्यूज/डुमरांव।

डुमरांव नगर परिषद में सफाई उपकरणों की खरीद के नाम पर करोड़ों की सरकारी राशि खर्च किए जाने को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। नगर परिषद द्वारा खरीदे गए दो कम्पैक्टर और 40 टीपर वाहनों में भारी अनियमितताओं की शिकायत अनुमंडलीय लोक शिकायत कार्यालय तक पहुंच गई है। शिकायत पर संज्ञान लेते हुए पदाधिकारी ने तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी (ईओ) से पूरे मामले पर बिंदुवार स्पष्टीकरण तलब किया है।

मामले का विवाद तब और गहराया जब यह तथ्य सामने आया कि वर्ष 2013 में नगर परिषद ने 65 लाख रुपये की लागत से एक कम्पैक्टर खरीदा था, पर छोटा और गलीनुमा शहर होने के कारण उसका उपयोग कभी हो ही नहीं पाया। इस्तेमाल न होने से वह मशीन वर्षों तक खुले में पड़ी-पड़ी जंग खाती रही और अन्ततः कबाड़ में बदल गई।

इतिहास के इस कड़वे अनुभव के बावजूद वर्ष 2024 में तत्कालीन ईओ मनीष कुमार ने नियमों को दरकिनार कर दो नए कम्पैक्टर खरीद लिए, जिन पर लगभग 1 करोड़ 60 लाख रुपये खर्च हुए। आरोप है कि जिस मशीन की शहर में कोई उपयोगिता नहीं, उस पर दोबारा भारी-भरकम राशि खर्च करके सरकारी खजाने को चूना लगाया गया।

-- 40 टीपर खरीदे, महीनों खड़े रहे, बैटरियां चोरी हो गईं

कम्पैक्टर के साथ ही नगर परिषद ने 40 टीपर वाहनों की भी खरीदारी की। लेकिन ये वाहन महीनों तक प्रखंड कार्यालय परिसर में ही धूल खाते रहे। लापरवाही का आलम यह रहा कि लंबे समय तक खड़े रहने के दौरान कई वाहनों से बैटरियां चोरी हो गईं।इसके बाद नगर परिषद ने ही एक लाख रुपये से अधिक खर्च कर नई बैटरियां खरीदीं, जबकि वाहनों का वास्तविक उपयोग शुरू भी नहीं हुआ था। फिलहाल कुछ वाहनों को अन्यत्र स्थानांतरित किया गया है, लेकिन छह से ज्यादा टीपर अब भी प्रखंड कार्यालय में बेकार पड़े हैं।

-- कमीशनखोरी में डूबी खरीद, जेडीयू नेता धीरज कुमार का आरोप

नगर परिषद की इस कथित मनमानी और फिजूलखर्ची के खिलाफ पूर्व वार्ड पार्षद एवं जेडीयू नेता धीरज कुमार सामने आए हैं। उन्होंने अनुमंडलीय लोक शिकायत में परिवाद दायर करते हुए मामले की उच्चस्तरीय जांच और कार्रवाई की मांग की है।

धीरज कुमार का आरोप है कि तत्कालीन ईओ ने नियम-कायदों को ताक पर रखकर करोड़ों रुपये की खरीदारी सिर्फ मोटी कमीशन के लिए की। उन्होंने सवाल उठाया कि जब पहले खरीदा गया कम्पैक्टर ही बेकार पड़ा रहा, तो दो नए कम्पैक्टर खरीदने की क्या जरूरत थी।जेडीयू नेता का कहना है कि नगर परिषद क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति कम्पैक्टर संचालन के अनुकूल ही नहीं है। ऐसे में इन मशीनों की खरीद जनहित नहीं बल्कि निजी हित के लिए की गई, जो सरकारी राशि के स्पष्ट दुरुपयोग की ओर इशारा करता है।

-- लोक शिकायत कार्यालय ने मांगा बिंदुवार प्रतिवेदन

अनुमंडलीय लोक शिकायत पदाधिकारी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए नगर परिषद के ईओ से पूरी खरीद प्रक्रिया, निविदा, उपयोगिता मूल्यांकन, भुगतान विवरण, और वाहनों के वास्तविक उपयोग पर विस्तृत रिपोर्ट तुरंत उपलब्ध कराने को कहा है।सूत्र बताते हैं कि प्रतिवेदन मिलने के बाद लोक शिकायत कार्यालय आगे की कार्रवाई जांच समिति गठन से लेकर दोष निर्धारण तक कर सकता है।

-- नगर परिषद की चुप्पी बढ़ा रही शंका

मामले पर नगर परिषद प्रशासन की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। करोड़ों की लागत से खरीदे गए उपकरणों के बेकार पड़े रहने और बैटरी चोरी जैसी घटनाओं पर अधिकारियों की चुप्पी लोगों के बीच कई तरह की शंकाएँ पैदा कर रही है।