नागपुर-रामपुर पथ पर गड्ढों का जाल, जर्जर पुल से बढ़ा हादसे का खतरा, ग्रामीणों ने जताया विरोध
प्रखंड के अंतिम छोर पर स्थित नागपुर पंचायत सहित आसपास के दर्जनों गांवों को उत्तर प्रदेश से जोड़ने वाले नागपुर-रामपुर मुख्य पथ की स्थिति बेहद दयनीय हो गई है। सड़क पर जगह-जगह बड़े गड्ढे बन गए हैं, जिससे आवागमन में गंभीर दिक्कतें उत्पन्न हो रही हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि कार्य एजेंसी ने निर्माण कार्य के बाद सड़क की देखरेख नहीं की, जिसके कारण बरसात के मौसम में ही यह मार्ग पूरी तरह खराब हो गया।
केटी न्यूज/बक्सर
प्रखंड के अंतिम छोर पर स्थित नागपुर पंचायत सहित आसपास के दर्जनों गांवों को उत्तर प्रदेश से जोड़ने वाले नागपुर-रामपुर मुख्य पथ की स्थिति बेहद दयनीय हो गई है। सड़क पर जगह-जगह बड़े गड्ढे बन गए हैं, जिससे आवागमन में गंभीर दिक्कतें उत्पन्न हो रही हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि कार्य एजेंसी ने निर्माण कार्य के बाद सड़क की देखरेख नहीं की, जिसके कारण बरसात के मौसम में ही यह मार्ग पूरी तरह खराब हो गया।

इस मार्ग पर गांव से कुछ ही दूरी पर धर्मावती नदी के नाले पर बना पुल भी जर्जर अवस्था में पहुंच चुका है। पुल में लोहे के सरिए साफ दिखाई दे रहे हैं और ग्रामीणों का कहना है कि भारी वाहन गुजरने पर कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। इसी कारण वाहन चालकों में भय का माहौल है। रोजाना इस मार्ग से गुजरने वाले दोपहिया वाहन चालक फिसलकर दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं। महज पांच किलोमीटर की दूरी तय करने में 30 मिनट से अधिक समय लग रहा है। रोगियों को अस्पताल ले जाने वाले वाहन चालक भी मजबूरी में खतरा मोल लेकर इस रास्ते से गुजर रहे हैं।
इस सड़क का उपयोग मंगराव, संगराव, कजरिया, खीरी, हंकारपुर, बन्नी, तियरा, जमौली, कैमूर जिले के मुखराव, पड़ियारी समेत सैकड़ों गांवों के लोग वाराणसी, गहमर और गाजीपुर जाने के लिए करते हैं। उत्तर प्रदेश की ओर से रोहतास जिले तक ईंट लदे ट्रैक्टरों और मालवाहक वाहनों का आवागमन भी इसी मार्ग से होता है।

सड़क और पुल की बदहाली को लेकर नागपुर पंचायत के पूर्व मुखिया अमित राय, डब्लू राय, निरंजन पाठक, भूषण पांडेय, मृत्युंजय राय, दुर्गा सिंह, साधू सिंह, पवन राय, राम एकबाल पासवान समेत ग्रामीणों ने नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह मार्ग बक्सर और राजपुर विधानसभा क्षेत्र की सीमा पर स्थित है, लेकिन दोनों क्षेत्रों के जनप्रतिनिधियों ने इस पर ध्यान नहीं दिया है।ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि गड्ढों की भराई और जर्जर पुल का मरम्मत कार्य तत्काल नहीं कराया गया, तो किसी संभावित हादसे की जिम्मेदारी जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों की होगी।
