"आशा कार्यकर्ताओं का प्रतिवाद मार्च: सरकार के खिलाफ नारेबाजी, मासिक मानदेय और अन्य समस्याओं को लेकर हुई सभा"

बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ गोपगुट / ऐक्टू के राज्य कमेटी के निर्णय के तहत, अस्पताल मोड से सिविल सर्जन कार्यालय, जहानाबाद तक आशा कर्मियों ने एक प्रतिवाद मार्च निकाला।

"आशा कार्यकर्ताओं का प्रतिवाद मार्च: सरकार के खिलाफ नारेबाजी, मासिक मानदेय और अन्य समस्याओं को लेकर हुई सभा"

केटी न्यूज़ / जहानाबाद

बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ गोपगुट / ऐक्टू के राज्य कमेटी के निर्णय के तहत, अस्पताल मोड से सिविल सर्जन कार्यालय, जहानाबाद तक आशा कर्मियों ने एक प्रतिवाद मार्च निकाला। इस मार्च में आशा कर्मी सरकार के खिलाफ नारे लगा रहे थे। मार्च सिविल सर्जन कार्यालय पर पहुंचकर एक सभा में बदल गया, जहां सभा को संबोधित करते हुए आशा संघ की जिला सचिव सुनीता भारती ने कहा कि सरकार अपने समझौते से मुकर रही है और ₹1500 मासिक मानदेय नहीं दे रही है। इसके अलावा, बिहार कैबिनेट से समझौते को मंजूरी नहीं मिल रही है, जिससे आशा कर्मियों में भारी रोष है।

उन्होंने यह भी कहा कि मामूली प्रोत्साहन राशि पर काम करने वाली आशा कार्यकर्ताओं से अतिरिक्त मानदेय या पारिश्रमिक के बिना 10 से 12 घंटे तक काम लिया जा रहा है। इसके अलावा, आभा कार्ड और आयुष्मान भारत के काम जबरन सौंपे जा रहे हैं। सुनीता भारती ने यह भी आरोप लगाया कि अनिवार्य ट्रेनिंग लेने के लिए आशा कार्यकर्ताओं को अपने बालिग बच्चों या परिवार के अन्य सदस्यों को भी साथ लाने के लिए कहा जा रहा है, ताकि वे आशा कार्यकर्ताओं को डाटा भरने में मदद कर सकें।

सभा को संबोधित करते हुए भाकपा माले के राज्य कमेटी सदस्य श्रीनिवास शर्मा ने कहा कि आशा कार्यकर्ताओं से जबरन अतिरिक्त काम लेना, निर्धारित कामों से अलग कार्य सौंपना और आवागमन भत्ता की व्यवस्था न करना न्यायसंगत नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा निर्गत समझौता पत्र का पालन नहीं किया जा रहा है, जिससे आशा कार्यकर्ताओं में गहरा असंतोष है। श्रीनिवास शर्मा ने केंद्र और राज्य सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि स्कीम वर्कर्स जैसे आशा, रसोइया, आंगनबाड़ी और अन्य मानदेय पर कार्यरत कर्मियों के साथ सरकार आर्थिक शोषण और मानसिक उत्पीड़न कर रही है। उन्होंने इन कर्मियों का मानदेय न्यूनतम ₹25,000 करने की मांग की।

महासंघ गोप गुट के जिला सलाहकार राम उदय कुमार ने कहा कि आशा कार्यकर्ताओं की नियुक्ति मुख्य रूप से टीकाकरण, प्रसव और संबंधित कार्यों के लिए की गई थी, लेकिन उन्हें इन कार्यों से अलग अन्य कार्य सौंपे जा रहे हैं, जो उनके मुख्य कार्यों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहे हैं।

सभा को आशा संघ की जिला अध्यक्ष सुषमा कुमारी, बीरन कुमारी, बिना कुमारी, बेबी कुमारी, रंजू कुमारी, रेखा कुमारी, सियामणि कुमारी और कामरेड हसनैन अंसारी, भाकपा वाले जहानाबाद प्रखंड सचिव ने भी संबोधित किया।