राजा भोज की नगरी में सब्जी मंडी युवा समिति द्वारा भव्य झांकी का आयोजन

ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों से सजी राजा भोज की नगरी डुमरांव में मंगलवार को एक खास आयोजन ने लोगों का ध्यान आकर्षित किया। नगर के सब्जी मंडी क्षेत्र के युवाओं ने मिलकर "सब्जी मंडी राजा भोज युवा समिति" के बैनर तले एक भव्य और आकर्षक झांकी कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक संदेशों को रचनात्मक रूप से प्रस्तुत किया गया।

राजा भोज की नगरी में सब्जी मंडी युवा समिति द्वारा भव्य झांकी का आयोजन

केटी न्यूज/ डुमराँव

ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों से सजी राजा भोज की नगरी डुमरांव में मंगलवार को एक खास आयोजन ने लोगों का ध्यान आकर्षित किया। नगर के सब्जी मंडी क्षेत्र के युवाओं ने मिलकर "सब्जी मंडी राजा भोज युवा समिति" के बैनर तले एक भव्य और आकर्षक झांकी कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक संदेशों को रचनात्मक रूप से प्रस्तुत किया गया।

 युवाओं की भागीदारी बनी आयोजन की जान 

झांकी कार्यक्रम में स्थानीय युवाओं की भागीदारी और उनकी मेहनत साफ तौर पर दिखाई दी। समिति के अध्यक्ष चीका लिटी और बीएलसी कंपनी के डायरेक्टर सोनू चौधरी ने बताया कि इस आयोजन का उद्देश्य न केवल धार्मिक भावनाओं को जागृत करना था, बल्कि सामाजिक समरसता, भाईचारा और सांस्कृतिक विरासत को सहेजना भी था। उन्होंने कहा कि, "हमारा प्रयास है कि नई पीढ़ी अपनी परंपराओं से जुड़े और समाज के प्रति जिम्मेदार बने।

झांकियों में दिखा सांस्कृतिक विविधता का संगम

इस आयोजन में कई थीम आधारित झांकियों को तैयार किया गया था। एक झांकी में माता दुर्गा की मूर्ति को दिखाया गया, जिसमें महिषासुर मर्दिनी का दृश्य बेहद जीवंत रूप में प्रस्तुत किया गया। वहीं एक अन्य झांकी में स्वच्छ भारत अभियान, नारी सशक्तिकरण और जल संरक्षण जैसे समसामयिक विषयों को दर्शाया गया।

विशेष आकर्षण का केंद्र रही रामायण पर आधारित झांकी जिसमें भगवान श्रीराम, लक्ष्मण और सीता जी के वनवास तथा रावण वध जैसे प्रसंगों को नाटकीय शैली में प्रदर्शित किया गया। बच्चों और महिलाओं ने विशेष रूप से इस झांकी को खूब सराहा।

 भविष्य में और भव्य आयोजन का संकल्प 

कार्यक्रम के समापन पर समिति के सदस्यों ने धन्यवाद ज्ञापन किया और अगले वर्ष और भी भव्य और विविध झांकी आयोजन करने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि इस बार जो सहयोग मिला है, उससे प्रेरणा लेकर अगले वर्ष कई और क्षेत्रों को जोड़ने और और भी बड़े स्तर पर कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बनाई जाएगी।

निष्कर्षतः, राजा भोज की ऐतिहासिक नगरी में युवाओं द्वारा आयोजित यह झांकी कार्यक्रम न केवल मनोरंजन और आस्था का केंद्र बना, बल्कि सामाजिक चेतना और एकता का भी प्रतीक बना। युवाओं की रचनात्मकता, सामूहिक सहयोग और समाज के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण ने यह साबित कर दिया कि यदि सही दिशा और उद्देश्य के साथ प्रयास किया जाए तो हर आयोजन प्रेरणा का स्रोत बन सकता है।