मनमाने होल्डिंग टैक्स वूसली के खिलाफ मुखर हुए पुराना भोजपुर के ग्रामीण, जताया विरोध
- समाजिक मंच ने नियमों को ताक पर रख नगरवासियों पर होल्डिंग टैक्स लादने का लगाया आरोप
केटी न्यूज/डुमरांव
होल्डिंग टैक्स को लेकर सालों से नगर परिषद के विरोध में हायतौबा मचा हुआ है। इसको लेकर कईबार नगर में धरना-प्रदर्शन से लेकर बंदी की घोषणा भी की जा चुकी है, लेकिन नप इसकी तरफ देखता भी नहीं। एकबार फिर यह मुद्दा नगर परषिद क्षेत्र में उठने लगा है। इसके विरोध में गुरूवार को सामाजिक मंच ने गुरूवार को पुराना भोजपुर के ग्रामीणो के साथ बैठक की।
बता दें कि समाजिक मंच होल्डिंग टैक्स जब से लागू हुआ है तब से इसका विरोध करते आ रहा है। यह बैठक मंच के प्रदीप शरण की अध्यक्षता में हुई। संचालन पूर्व मुखिया प्रतिनिधि इस्लाम अंसारी ने किया। आयोजन में होल्डिंग टैक्स को लेकर लागू डुमरांव नगर परिषद के नियमों को मनमाना बताया गया।
समाजसेवी ने बताया कि विस्तारित क्षेत्र में 2021 से टैक्स निर्धारण कर वसूलने का यह नियम लोगों के समझ से परे है, न तो जनता को नियमों की जानकारी दी गई, न ही होल्डिंग टैक्स का बारकोड लगाते हुए यह बताया गया कि क्या दरें निर्धारित है। जो मन में आया, वसूलना शुरू कर दिया और कहा गया कि टैक्स जमा नहीं किया तो संपत्ति जब्त होगी।
सामाजिक मंच के माध्यम से लोगों को यह बताया कि बिहार नगरपालिका अधिनियम 2007 की धारा 127 के प्रावधानों के तहत वार्षिक किराया मूल्य का निर्धारण करने के संबंध में पत्रांक संख्या 2550 दिनांक 17 अक्टूबर 2023 के माध्यम से निर्देश जारी हुआ। इस निर्देश में बताया गया कि नगर निकायों में की गई वार्षिक किराया मूल्य में हुई बढ़ोतरी को वापस कर लिया गया है।
इसका प्रतिफल यह हुआ कि कतिपय नगर निकायों में जहां बिहार नगरपालिका 2007 की धारा 127 के प्रावधानों के अनुरूप 27 कोष्ठक वार्षिक किराया मूल्य की दरें निर्धारित नहीं थी, वहां निर्धारित दरों को वापस लिए जाने के कारण पुनः पुरानी दर पर संपति कर की वसूली का विकल्प प्रभावी कर दिया गया।
बताया गया कि इस नियम के अंतर्गत जो कैटेगरी बांटी गई, उसमें कर संशोधित करने का भी अधिकार दिया गया लेकिन डुमरांव नगर परिषद ने इसे लागू नहीं किया। बताया कि नियमानुसार विभागीय पत्रांक 3451 द्वारा परिचारित दरें वापस ले ली गई, परन्तु इसमें यह नियम लाया गया कि नगर निकाय इसमें वर्णित वार्षिक किराया मूल्यों के ढांचों में
स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप आवश्यक फेरबदल कर अपने लिए 27 कोष्ठक वार्षिक किराया मूल्य निर्धारित कर उसमें स्थाई सशक्त समिति एवं बोर्ड का अनुमोदन प्राप्त कर अग्रेतर कारवाई कर सकते हैं। इस नियम को डुमरांव नप ने लागू करना मुनासिब नहीं समझा और कैटेगरी पांच में शामिल नगर परिषद के ढांचे में तय वर्गफिट के होल्डिंग टैक्स को ही जनता के सर लाद दिया।
लोगों को बताया गया कि नियमों में जहां संशोधन और रियायत की छूट दी गई, उसे एक तो नगर परिषद ने लागू नहीं किया और ऊपर से जनता पर तुगलकी फरमान जारी कर दिया। सबसे ज्यादा परेशानी विस्तारित क्षेत्र के लोगों को हो रही है। मालूम हो कि चुनाव 2023 में हुआ और बोर्ड गठित भी 2023 में ही हुई, लेकिन नगर परिषद होल्डिंग टैक्स तब से मांग रही है जब से नगर परिषद के विस्तारित क्षेत्रों को नगर परिषद में शुमार होने का आदेश जारी हुआ।
उन्होंने कहा कि नप ने निर्देशित किया कि पूरे साल का कर निर्धारण नहीं करने पर भुगतान चूक मानते हुए भू स्वामी की संपति की जब्ती और उसकी बिक्री नप करेगा। अचल संपति की भी कुर्की और बिक्री की जाएगी। कायम भी कहना है कि 2023 के चुनाव के उपरांत चेयरमैन सुनीता गुप्ता और उप चेयरमैन विकास ठाकुर ने अपने मैनिफेस्टो में शामिल किया था कि वर्ग फीट होल्डिंग टैक्स को कम करेंगे। लेकिन आज जनता की लड़ाई में जीते हुए जनप्रतिनिधि दूर- दूर तक नजर नहीं आ रहे हैं।
लोगों को बताया गया कि जो रेट होल्डिंग टैक्स कंपनी द्वारा प्रति वर्ग फीट निर्धारित की गई है उसमें अगर स्थानीय जनप्रतिनिधि चाहे तो संशोधन हो सकता है। यह तो विभाग का आदेश है, खुद की बनी बनाई नियम वो थोड़ी कह रहे हैं। लेकिन यह जनप्रतिनिधियों के चाहने की इच्छाशक्ति है। मौके पर अनिल कुमार चौधरी, मुसाफिर सिंह, निर्मल केशरी, लालजी सिंह, राजीव नंदन सिंह, लक्ष्मण सैनी सहित दर्जनों लोग मौजूद रहे।