गंगा का जलस्तर स्थिर, फिर भी तटीय गांवों में चिंता बरकरार; प्रशासन ने बढ़ाई चौकसी
बक्सर में गंगा नदी के जलस्तर में फिलहाल स्थिरता बनी रहने से कुछ हद तक राहत की उम्मीद जरूर जगी है, लेकिन चेतावनी बिंदु पर बना हुआ जलस्तर तटीय क्षेत्रों में रह रहे लोगों की चिंता को कम नहीं कर सका है। गुरुवार को जल संसाधन विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, बीते 24 घंटों में गंगा के जलस्तर में कोई विशेष उतार-चढ़ाव नहीं देखा गया है। लगातार हो रही बारिश में कमी आने से नदी की गति स्थिर हुई है, फिर भी खतरा पूरी तरह से टला नहीं है।

केटी न्यूज/बक्सर
बक्सर में गंगा नदी के जलस्तर में फिलहाल स्थिरता बनी रहने से कुछ हद तक राहत की उम्मीद जरूर जगी है, लेकिन चेतावनी बिंदु पर बना हुआ जलस्तर तटीय क्षेत्रों में रह रहे लोगों की चिंता को कम नहीं कर सका है। गुरुवार को जल संसाधन विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, बीते 24 घंटों में गंगा के जलस्तर में कोई विशेष उतार-चढ़ाव नहीं देखा गया है। लगातार हो रही बारिश में कमी आने से नदी की गति स्थिर हुई है, फिर भी खतरा पूरी तरह से टला नहीं है।
गंगा का बहाव अब भी चेतावनी बिंदु के करीब बना हुआ है। यही कारण है कि जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क है और तटीय क्षेत्रों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है। चौसा, इटाढ़ी, सिमरी और राजपुर प्रखंड के कई गांवों में गंगा के पानी का असर साफ देखा जा सकता है। खेतों में जलभराव की स्थिति बन गई है और कुछ स्थानों पर घरों के आसपास पानी घुसने लगा है, जिससे स्थानीय लोग डरे हुए हैं।
ग्रामीणों की रातों की नींद हराम हो चुकी है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए कई लोग अपने मवेशियों को ऊंचे स्थानों पर ले जाकर बांध रहे हैं, ताकि किसी भी आपात स्थिति में नुकसान से बचा जा सके। घरों के बाहर से लेकर आंगनों तक पानी पहुंचने की खबरें मिल रही हैं, जिससे लोग अपने घरों से बाहर निकलने में भी हिचक रहे हैं।
हालात को नियंत्रित रखने के लिए प्रशासन द्वारा एहतियातन नावों की व्यवस्था कर दी गई है। साथ ही, राहत एवं बचाव दलों को तैनात कर दिया गया है, जो जरूरत पड़ने पर तत्काल मदद पहुंचा सकें। जिला प्रशासन की ओर से संवेदनशील गांवों में लगातार निगरानी की जा रही है और ग्रामीणों से भी अपील की गई है कि वे गंगा के किनारे ना जाएं और किसी प्रकार की जोखिमपूर्ण गतिविधि से बचें।
जल संसाधन विभाग की माने तो अगर आगामी दिनों में बारिश की तीव्रता कम बनी रहती है, तो जलस्तर में गिरावट की संभावना है। हालांकि, यदि पहाड़ी क्षेत्रों में पुनः बारिश तेज होती है, तो बक्सर जिले में जलस्तर फिर से बढ़ सकता है। इस परिस्थिति को लेकर प्रशासन हर स्थिति से निपटने की तैयारी में जुटा हुआ है।
इधर, स्थानीय लोगों ने बताया कि हर साल गंगा के उफान से उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है, लेकिन इस बार स्थिति अधिक गंभीर प्रतीत हो रही है। ग्रामीणों ने जलनिकासी की व्यवस्था बेहतर करने और राहत सामग्री पहले से मुहैया कराने की मांग भी उठाई है।
फिलहाल गंगा की रफ्तार थमी हुई जरूर है, लेकिन तटवर्ती क्षेत्रों में बाढ़ जैसी आशंका को देखते हुए प्रशासन और आमजन दोनों ही सतर्क हैं।