नीरा एक शुद्ध, प्राकृतिक और पौष्टिक पेय है, भरपूर मात्रा में मिलता है विटामिन, खनिज व पोषक तत्व -डीपीएम

बिहार सरकार के गरीबी उन्मूलन व नशा मुक्ति अभियान के तहत सोमवार को जिले के इटाढ़ी प्रखंड अंतर्गत कुकुढ़ा में दो स्थानों पर नीरा उत्पादन सह बिक्री केंद्र का उद्घाटन किया गया। यह उद्घाटन जीविका के जिला परियोजना प्रबंधक चंदन कुमार सुमन, प्रखंड परियोजना प्रबंधक श्वेता सुरभि एवं प्रखंड मेंटर भोला नाथ पांडेय द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।

नीरा एक शुद्ध, प्राकृतिक और पौष्टिक पेय है, भरपूर मात्रा में मिलता है विटामिन, खनिज व पोषक तत्व -डीपीएम

- इटाढ़ी प्रखंड में डीपीएम जीविका द्वारा नीरा स्टाल का उद्घाटन किया गया 

केटी न्यूज/बक्सर

बिहार सरकार के गरीबी उन्मूलन व नशा मुक्ति अभियान के तहत सोमवार को जिले के इटाढ़ी प्रखंड अंतर्गत कुकुढ़ा में दो स्थानों पर नीरा उत्पादन सह बिक्री केंद्र का उद्घाटन किया गया। यह उद्घाटन जीविका के जिला परियोजना प्रबंधक चंदन कुमार सुमन, प्रखंड परियोजना प्रबंधक श्वेता सुरभि एवं प्रखंड मेंटर भोला नाथ पांडेय द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। 

इस संबंध में जिला परियोजना प्रबंधक ने बताया कि नीरा का प्रोत्साहन न केवल एक आर्थिक पहल है, बल्कि यह ग्रामीण स्वास्थ्य और पोषण को भी सुदृढ़ बनाने की दिशा में सकारात्मक कदम है। उन्होंने बताया कि नीरा सूर्याेदय से पहले एक विशेष विधि द्वारा निकाली जाती है और इसकी शुद्धता बनाए रखने एवं लंबे समय तक भंडारण के लिए विशेष उपकरणों का उपयोग किया जाता है।

नीरा एक शुद्ध, प्राकृतिक और पौष्टिक पेय है, जिसमें भरपूर मात्रा में विटामिन, खनिज और अन्य पोषक तत्व पाए जाते हैं। यह पेय शरीर को ठंडक प्रदान करता है और गर्मी के मौसम में ऊर्जा का अच्छा स्रोत माना जाता है। इसमें भरपूर मात्रा में ग्लूकोज मिलता है, जो भीषण गर्मी के मौसम में स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद रहता है।

वहीं, प्रखंड परियोजना प्रबंधक श्वेता सुरभि ने कहा कि यह पहल पारंपरिक रूप से ताड़ी उत्पादन से जुड़े परिवारों को सरकार द्वारा वैकल्पिक एवं स्थायी रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में एक सशक्त कदम है। इसमें महिलाओं की भागीदारी को प्राथमिकता दी जा रही है, ताकि उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त किया जा सकेें।

उन्होंने कहा कि ताड़ और खजूर के पेड़ों से जुड़ी अन्य वस्तुएं जैसे झाड़ू, पंखा, डलिया, चटाई आदि का भी निर्माण कर लाभ कमाया जा सकता है। नीरा से गुड़, पेड़ा और आइसक्रीम जैसे उत्पाद तैयार कर बाजार में बेचे जा सकते हैं, जिससे रोजगार के साथ-साथ आमदनी में भी वृद्धि संभव है।

इस अवसर पर क्षेत्रीय समन्वयक जय प्रकाश, सामुदायिक समन्वयक ऋषिकेश कुमार, सीएलएफ अध्यक्ष, वीआरपी एवं ग्रामीणों के साथ बड़ी संख्या में जीविका दीदियां उपस्थित थी।