डीएम के हस्तक्षेप पर सीलिंग की जमीन खरीदने वालों की बढ़ी मुश्किल, राजघराने ने साधी चुप्पी
- 50 वर्ष सीलिंग एक्ट में फंसा है राजघराने का 65 एकड़ जमीन
केटी न्यूज/ डुमरांव
डीएम अमन समीर द्वारा सीलिंग एक्ट वाली डुमरांव राजघराने की 65 एकड़ जमीन की खोज खबर लेते ही उक्त जमीन खरीदने वालों के बीच हड़कंप मच गया है। अब इस जमीन की असलियत तथा संभावित भविष्य के बारे में चर्चा करने लगे हैं। हुआ यह है कि डीएम ने पश्चिमी रेलवे क्रॉसिंग के उत्तर स्थित घोड़ा अस्पताल तथा उसके आगे राजघराने की 65 एकड़ जमीन की खूब खबर ली है। जिला पदाधिकारी ने स्थानीय अंचल को इस जमीन के जमाबंदी की जांच कर रैयतों की सूची तैयार करने का निर्देश दिया है। स्थल जांच के दौरान उनके साथ एसडीओ कुमार पंकज, बीडीओ संतोष कुमार सिंह, नरि ईओ मनोज कुमार, राजस्व कर्मचारी ज्योति मोहन ओझा, कृष्ण मुरारी ओझा के अलावा अंचल अमीन व अन्य कर्मी उपस्थित थे। डीएम ने बीडीओ राजस्व कर्मचारी को उक्त जमीन का जांच कर किन लोगों के नाम पर इस जमीन का जमाबंदी है उसे चिन्हित करने के साथ सभी रैयतों का नाम की सूची बनाने का निर्देश दिया है।
मामले में बताया जाता है कि डुमरांव मौजा के खाता संख्या 265 का है। यह जमीन 50 वर्ष पूर्व वर्ष 1970-71 में राजघराने की 65 एकड़ जमीन पर सरकार द्वारा सीलिंग एक्ट लगाया गया। तब राजघराने ने इस जमीन को ओने पौने दाम पर आम लोगों को बेचकर सीलिंग एक्ट के खिलाफ कोर्ट में मुकदमा दायर कर दिया। अंचल कार्यालय का कहना है कि बहुत दिन तक इस जमीन पर प्रशासन के तरफ से कुछ नहीं हुआ। इस बार डीएम ने अपना पक्ष मजबूत करने के लिए जमीन की तलाश शुरू की है। जानकार बताते हैं कि इस जमीन पर कई पक्के मकान बन चुके हैं। ऐसे में अगर प्रशासन की कार्रवाई होती है तो करवाई के जद में न सिर्फ सैकड़ों रैयतदार आएंगे बल्कि कई मक्के मकान भी टूटने की नौबत आ जाएगी। हालांकि सरकारी स्तर पर भी इस जमीन में जमकर लापरवाही हुई है। इस जमीन को भू माफियाओं ने मोटी रकम लेकर आम लोगों को बिक्री किया है। अगर सरकारी कार्रवाई हुई तो उन लोगों का क्या होगा जो अपने जीवन की गाढ़ी कमाई इस जमीन के खरीदने और मकान बनाने में लगाए है। जिला प्रशासन द्वारा अचानक की गई इस जमीन की खोज खबर की चर्चा लोगों के बीच जोर शोर से है।
जिलाधिकारी लेंगे अंतिम फैसला :
जिलाधिकारी अमन समीर के निर्देश पर राजघराने के सीलिंग एक्ट में फंसे 65 एकड़ जमीन के जमाबंदी के आधार पर सूची बनाई जा रही है। निर्देश के अनुरूप जल्द ही सूची जिला धिकारी महोदय को समर्पित कर दी जाएगी। जिसके बाद मामले में अंतिम निर्णय भी जिलाधिकारी ही लेंगे। - संतोष कुमार सिंह, बीडीओ, डुमरांव