रेलवे ट्रैक से मिले शव के सहारे अपहरण की गुत्थी सुलझाने की कोशिश में सीबीआई
भोजपुर जिले के सिन्हा थाना क्षेत्र के महुली घाट से पिछले करीब 20 माह से लापता बड़हरा के कोल्हरामपुर गांव निवासी शिक्षक कमलेश राय के अपहरण की गुत्थी सुलझाने सीबीआई की टीम सोमवार को फिर आरा पहुंची। सीबीआई की ओर से इस बार कुल्हड़िया के पास रेलवे ट्रैक से मिले एक युवक के शव के जरिए कांड की गुत्थी सुलझाने की कोशिश की गयी।

केटी न्यूज/ आरा
भोजपुर जिले के सिन्हा थाना क्षेत्र के महुली घाट से पिछले करीब 20 माह से लापता बड़हरा के कोल्हरामपुर गांव निवासी शिक्षक कमलेश राय के अपहरण की गुत्थी सुलझाने सीबीआई की टीम सोमवार को फिर आरा पहुंची। सीबीआई की ओर से इस बार कुल्हड़िया के पास रेलवे ट्रैक से मिले एक युवक के शव के जरिए कांड की गुत्थी सुलझाने की कोशिश की गयी। इसके लिए रेलवे ट्रैक से मिले शव की पहचान करने का प्रयास किया गया। इसे लेकर टीम कुल्हड़िया, आरा रेल थाना और आरा सदर अस्पताल भी गयी।
सीबीआई के बिहार-झारखंड के ज्वाइंट डायरेक्टर राजीव रंजन के निर्देश पर आरा पहुंची पांच सदस्यीय टीम पहले कोईलवर के कुल्हड़िया गांव गयी और मुखिया सहित आस-पड़ोस के लोगों से रेलवे ट्रैक से मिले शव के बारे में जानकारी ली। सीबीआई के अधिकारियों के अनुसार मुखिया सहित अन्य ग्रामीणों की ओर से शव की पहचान से इनकार किया गया और बताया गया कि युवक किसी दूसरे गांव का था। इसके बाद टीम आरा सदर अस्पताल पहुंची और पोस्टमार्टम संबंधित फाइल का अवलोकन किया गया।
बाद में सीबीआई टीम आरा रेल थाना (जीआरपी) पहुंची और रेलवे ट्रैक से मिले शव के बारे में जानकारी ली। घंटों छानबीन के बाद सीबीआई टीम वापस लौट गयी। टीम में केस के आईओ इंस्पेक्टर सुनील कुशवाहा सहित अन्य अधिकारी शामिल थे। 28 फरवरी 2024 को केस दर्ज कर कांड की गुत्थी सुलझाने में जुटी है सीबीआई अगवा शिक्षक कमलेश कुमार (30 वर्ष) बड़हरा थाना क्षेत्र के कोल्हरामपुर गांव निवासी राजेश कुमार के पुत्र हैं। वह आरा में प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करते थे और एक कोचिंग संस्थान में पढ़ाते थे।
13 जुलाई 2023 को कमलेश कुमार अपनी ससुराल आरा के मौलाबाग से एक महिला रिश्तेदार के दाह-संस्कार में भाग लेने सिन्हा थाना क्षेत्र के महुली घाट गये थे। शाम में महुली घाट से यह बोलकर निकल गये थे कि उन्हें एक काम से बड़हरा जाना है। इसके बाद से वह नहीं लौट सके। काफी खोजबीन करने के बाद भी कोई सुराग नहीं मिला था। मोबाइल भी बंद बता रहा था। बाइक भी अब तक नहीं मिली।
इसे लेकर 14 जुलाई को बड़हरा थाने में अपहरण की प्राथमिकी कराई गई थी। हालांकि मामले में कोई कार्रवाई नहीं होते देख उनके पिता की ओर से पटना हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गयी थी। इस पर कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए सीबीआई से जांच कराने का आदेश दिया था। उस आधार पर 28 फरवरी 2024 को सीबीआई ने केस रजिस्टर किया था। इसके बाद सीबीआई जांच में लगी है। इस क्रम में पूर्व में आरा पहुंची टीम की ओर से हर एंगल से छानबीन की जा चुकी है। मोबाइल लोकेशन के अलावा दोस्तों और नजदीकी लोगों से भी पूछताछ कर क्लू लेने का प्रयास किया जा चुका है।