8 वर्षों से बकाया अनुदान राशि की शीघ्र भुगतान की मांग प्राचार्य विनोद कुमार सिंह ने की

वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय आरा से जुड़े महाविद्यालय प्रधानाचार्य एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से महंगाई और आठ वर्षों के बकाया अनुदान की तत्काल अदायगी की मांग की है।

8 वर्षों से बकाया अनुदान राशि की शीघ्र भुगतान की मांग प्राचार्य विनोद कुमार सिंह ने की

केटी न्यूज/ रोहतास

वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय आरा से जुड़े महाविद्यालय प्रधानाचार्य एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से महंगाई और आठ वर्षों के बकाया अनुदान की तत्काल अदायगी की मांग की है। महासचिव डॉ. बिनोद कुमार सिंह ने इस मुद्दे पर चिंता जताते हुए बताया कि 8 सितंबर 2008 को मुख्यमंत्री ने बिहार में वित्त रहित शिक्षा नीति को समाप्त कर परीक्षा परिणाम आधारित अनुदान देने की घोषणा की थी। इस नीति के तहत तय किया गया था कि प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण छात्रों को 8500 रुपये और छात्राओं को 8700 रुपये, द्वितीय श्रेणी के छात्रों को 8000 रुपये और छात्राओं को 8200 रुपये, और तृतीय श्रेणी के छात्रों को 7500 रुपये और छात्राओं को 7700 रुपये का अनुदान दिया जाएगा।

हालांकि, इस व्यवस्था के बावजूद, बिहार सरकार की उपेक्षा और शिक्षा विभाग की लापरवाही के कारण महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मचारियों को 2017 से 2024 तक का बकाया अनुदान नहीं मिल पाया है। महंगाई की लगातार वृद्धि के साथ, यह बकाया अनुदान शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए गंभीर आर्थिक संकट का कारण बन गया है। डॉ. बिनोद कुमार सिंह ने बताया कि कई शिक्षकों और कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति इतनी खराब हो गई है कि वे अपने दैनिक जीवन की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने में भी असमर्थ हैं।

महाविद्यालय प्रधानाचार्य एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. अशोक कुमार सिंह, महासचिव डॉ. बिनोद कुमार सिंह, उपाध्यक्ष डॉ. कमला कान्त सिंह यादव, मुख्य संरक्षक डॉ. अनिल कुमार, और अन्य सदस्य इस स्थिति को लेकर बेहद चिंतित हैं। उन्होंने एक स्वर में मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि बकाया अनुदान राशि को महंगाई की दर के अनुसार तत्काल भुगतान किया जाए। इसके अलावा, उन्होंने यह भी मांग की है कि अनुदान राशि को परीक्षा परिणाम आधारित वेतन मद के रूप में प्रतिमाह शिक्षकों और शिक्षकेतर कर्मचारियों के बैंक खातों में सीधे भेजा जाए।

एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने यह भी बताया कि प्रदेशभर में लगभग 25 हजार शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मचारी काम कर रहे हैं। इनमें से कई कर्मचारी दवा की कमी या अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के कारण असमय निधन हो चुके हैं, और उनके परिवारों को गंभीर आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। इन परिवारों के लिए सरकारी अनुदान की timely और पूरी अदायगी अत्यंत महत्वपूर्ण है ताकि उन्हें इस मुश्किल समय में सहारा मिल सके।

संगठन ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि वे इस गंभीर समस्या का त्वरित समाधान करें और बकाया राशि की अदायगी को प्राथमिकता दें, ताकि शिक्षकों और कर्मचारियों की कठिनाइयों को कम किया जा सके। इस समय, जब महंगाई और आर्थिक दबाव बढ़ रहा है, तो शिक्षकों और कर्मचारियों को राहत देने के लिए तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है।