मिज़ोरम में भारी बारिश से ढही खदान, 10 की मौत
मिजोरम की राजधानी आइजोल के बाहरी इलाके में भारी बारिश के कारण एक खदान ढह गई, जिससे अब तक 10 लोगों की जान चली गई है। पुलिस और बचाव दल घटनास्थल पर मलबे में दबे लोगों को निकालने में जुटे हुए हैं।
इस हादसे की शुरुआत सुबह छह बजे आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच हुई। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अनिल शुक्ला ने जानकारी दी कि अब तक मलबे से दस शव निकाले जा चुके हैं, जबकि कई लोग अभी भी दबे हुए हैं। अधिकारियों के अनुसार, मरने वालों में सात स्थानीय निवासी थे, जबकि तीन अन्य राज्य के थे। शुक्ला ने आगे बताया, "मलबे में अभी भी 10 से ज्यादा लोगों के फंसे होने की संभावना है।"
भारी बारिश के चलते राज्य के विभिन्न इलाकों में भूस्खलन की घटनाएं भी हुई हैं। हुनथर में राष्ट्रीय राजमार्ग-6 पर भूस्खलन के कारण आइजोल का संपर्क देश के बाकी हिस्सों से कट गया है। बारिश की गंभीरता को देखते हुए राज्य के सभी स्कूलों को बंद कर दिया गया है।
चक्रवात रेमल के प्रभाव से हुई भारी बारिश ने राज्य के कई क्षेत्रों में भूस्खलन की स्थिति पैदा कर दी है, जिसमें कम से कम दो लोगों की मौत हो गई है। एक अधिकारी ने बताया कि आइजोल के सेलम वेंग इलाके में भूस्खलन से एक इमारत ढह गई, जिससे तीन लोग लापता हो गए हैं। उनकी तलाश जारी है। भूस्खलन के कारण कई अंतर्राज्यीय राजमार्ग भी बाधित हो गए हैं।
मौजूदा स्थिति का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री लालडुहोमा ने गृह मंत्री के. सपडंगा, मुख्य सचिव रेनू शर्मा और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक बुलाई है। इस बैठक में राज्य की वर्तमान स्थिति, राहत और बचाव कार्यों पर चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को स्थिति पर कड़ी निगरानी रखने और जल्द से जल्द राहत कार्यों को पूरा करने के निर्देश दिए।
राज्य में हो रही भारी बारिश और भूस्खलन की घटनाओं ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। कई इलाकों में बिजली और पानी की आपूर्ति बाधित हो गई है। प्रशासन ने प्रभावित लोगों के लिए राहत शिविर स्थापित किए हैं, जहां उन्हें भोजन और अन्य आवश्यक सामग्री मुहैया कराई जा रही है।
पुलिस और बचाव दल के साथ स्थानीय लोग भी मलबे में दबे लोगों को निकालने के प्रयास में जुटे हुए हैं। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे सुरक्षित स्थानों पर रहें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।
इस गंभीर स्थिति में राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से भी मदद की अपील की है। केंद्रीय आपदा प्रबंधन दल को भी घटनास्थल पर भेजा गया है ताकि राहत और बचाव कार्यों को तेजी से पूरा किया जा सके।
राज्य की जनता से अपील करते हुए मुख्यमंत्री लालडुहोमा ने कहा कि वे धैर्य बनाए रखें और प्रशासन का सहयोग करें। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि सरकार इस कठिन समय में उनके साथ है और हर संभव मदद करेगी।
इस तरह की आपदाएं दिखाती हैं कि प्रकृति की ताकत के सामने हम कितना असहाय हो सकते हैं। सरकार और जनता को मिलकर इन चुनौतियों का सामना करना होगा और भविष्य में ऐसी आपदाओं से निपटने के लिए अधिक तैयार रहना होगा।