केटी न्यूज़, ऑनलाइन डेस्क: काराकाट प्रखंड के राजकीय अमृत मध्य विद्यालय कुशी के प्रबंधन ने विद्यालय की चारदीवारी से सटे विद्युत ट्रांसफार्मर को हटाने की मांग की है। इस आवश्यकता को देखते हुए विद्यालय प्रबंधन ने विद्युत विभाग को एक आवेदन प्रेषित किया है। आवेदन में उल्लेखित है कि विद्यालय के मुख्य द्वार के निकट चारदीवारी से लगा ट्रांसफार्मर न केवल चारदीवारी को ऊंचा करने में बाधा उत्पन्न कर रहा है, बल्कि यह विद्यालय में आने वाले छोटे बच्चों के लिए एक बड़ा जोखिम भी बना हुआ है।
विद्यालय परिसर में स्थित इस ट्रांसफार्मर के कारण बच्चों के लिए पानी पीने के स्थान और नाली के निकट एक स्थायी खतरा बना हुआ है। इससे भविष्य में किसी भी समय दुर्घटना हो सकती है, जिसके लिए विद्युत विभाग को जिम्मेदार माना जाएगा। विद्यालय के प्रधानाध्यापक पुष्पेन्द्र कुमार राय ने बताया कि इस खतरे के प्रति जिला शिक्षा पदाधिकारी और अन्य संबंधित विभागीय अधिकारियों को भी सूचित किया गया है।
प्रत्येक शनिवार को 'मुख्यमंत्री सुरक्षित शनिवार' के अंतर्गत दुर्घटना और जोखिम से संबंधित जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाते हैं, जिसमें बच्चों को सुरक्षा के प्रति सतर्क रहने की शिक्षा दी जाती है। इस ट्रांसफार्मर की उपस्थिति से विद्यालय प्रबंधन और अभिभावकों में चिंता का विषय बनी हुई है, क्योंकि यह न केवल विद्यालय की संरचनात्मक सुरक्षा को प्रभावित कर रहा है, बल्कि बच्चों की शारीरिक सुरक्षा को भी खतरे में डाल रहा है।
विद्यालय प्रबंधन की इस मांग को देखते हुए, विद्युत विभाग से उम्मीद की जा रही है कि वह इस समस्या का समाधान शीघ्र अति शीघ्र करेगा। विद्यालय की चारदीवारी की सुरक्षा और बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए, इस ट्रांसफार्मर को यथास्थान से हटाने की आवश्यकता है।
इस मुद्दे को उठाते हुए, विद्यालय प्रबंधन ने न केवल विद्युत विभाग बल्कि स्थानीय प्रशासन और शिक्षा विभाग को भी इस समस्या के प्रति सचेत किया है। विद्यालय के आसपास के इलाके में विद्युत ट्रांसफार्मर की स्थिति को लेकर चिंता व्यक्त की गई है, और इसे एक सुरक्षित स्थान पर स्थापित करने की मांग की गई है।
विद्यालय के प्रधानाध्यापक ने बताया कि विद्यालय की चारदीवारी को ऊंचा करने की योजना है, जिससे विद्यालय परिसर की सुरक्षा को और अधिक मजबूत किया जा सके। हालांकि, ट्रांसफार्मर की वर्तमान स्थिति इस योजना को लागू करने में एक बड़ी बाधा है। इसलिए, विद्यालय प्रबंधन ने इसे तत्काल हटाने की मांग की है।