सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना की जानकारी देने के लिए चौसा में 58 जगहों पर आयोजित होगा चौपाल
राज्य सरकार सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं की जानकारी गांव-गांव तक पहुंचाने का प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में अब गांव-गांव में चौपाल लगा सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं की जानकारी दी जाएगी। चौसा में यह चौपाल कुल 58 जगहों पर आयोजित होगा।

- चिन्हित विद्यालयों के प्रधानाध्यापक से लेकर आशा-सेविका तक निभाएंगे जिम्मेदारी
केटी न्यूज/चौसा
राज्य सरकार सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं की जानकारी गांव-गांव तक पहुंचाने का प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में अब गांव-गांव में चौपाल लगा सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं की जानकारी दी जाएगी। चौसा में यह चौपाल कुल 58 जगहों पर आयोजित होगा।
इसको लेकर गुरुवार को प्रखंड सभागार में प्रखंड विकास पदाधिकारी अशोक कुमार व प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी हृषिकेश कुमार सिंह के नेतृत्व में एक बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में मुख्य रूप से जिम्मेदार बनाये गए नोडल पदाधिकारी स्कूलों के हेडमास्टर उपस्थित रहे।
बैठक में चयनित प्रखंड के विभिन्न स्कूलों में पेंशन चौपाल अभियान की रूपरेखा तय की गई। बीडीओ अशोक कुमार ने स्पष्ट कहा कि सरकार की पेंशन योजनाओं का लाभ प्रत्येक पात्र व्यक्ति तक पहुंचे, इसके लिए यह अभियान अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि कोई भी पात्र व्यक्ति योजना से वंचित न रहे।
प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी हृषिकेश कुमार सिंह ने तकनीकी और प्रचार-प्रसार की जिम्मेदारी स्पष्ट करते हुए बताया कि कल से चौसा प्रखंड के 58 चयनित स्थानों पर चौपाल का आयोजन किया जाएगा। इन चौपालों में लाभार्थियों को वीडियो, ऑडियो और संवाद के माध्यम से योजनाओं की जानकारी दी जाएगी। इस कार्य मे जीविका दीदी, आशा कार्यकर्ता, सेविका-सहायिका, विकास मित्र एवं अन्य पंचायत कर्मी को लगाया गया है।
चौपाल का उदेश्य सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के दायरे में आने वाले पात्र लाभुकों को योजना की जानकारी देकर उन्हें योजना का लाभ दिलवाना है। इसके लिए प्रखंड प्रशासन ने तैयारी पूरी कर ली है।बता दें कि बिहार सरकार द्वारा राज्य में छह प्रकार की सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाएं चलाई जा रही हैं। वृद्धा पेंशन, विधवा पेंशन, दिव्यांग पेंशन, वृद्धजन, लक्ष्मी बाई पेंशन, व निशक्तता पेंशन।
प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे इस अभियान का मुख्य उद्देश्य योजनाओं की व्यापक जानकारी देना और समाज के सबसे कमजोर वर्गों को आर्थिक सहायता से जोड़ना है।