पहले मांगी रिश्वत अब ऑडियो नष्ट करने की धमकी दे रहे है काजीपुर मुखिया, पीड़िता ने डीएम से लगाई गुहार
पीएम आवास योजना की दूसरी किश्त के बाद 10 हजार रूपए की रिश्वत मांगने वाले सिमरी प्रखंड के काजीपुर पंचायत के मुखिया इम्तियाज अंसारी अब उक्त ऑडियो को नष्ट करने के लिए पीड़िता पर दबाव बना रहे है तथा उसे धमकी दे रहे है।
- डीएम ने दिए जांच के आदेश, बढ़ी मुखिया की मुश्किलें
- पीएम आवास योजना की दूसरी किश्त के बाद पीड़िता से मांगी थी 10 हजार रूपए की रिश्वत
केटी न्यूज/सिमरी
पीएम आवास योजना की दूसरी किश्त के बाद 10 हजार रूपए की रिश्वत मांगने वाले सिमरी प्रखंड के काजीपुर पंचायत के मुखिया इम्तियाज अंसारी अब उक्त ऑडियो को नष्ट करने के लिए पीड़िता पर दबाव बना रहे है तथा उसे धमकी दे रहे है। ऐसा आरोप पीड़िता उषा देवी पति मनीष चौधरी ने डीएम को लिखित आवेदन दे लगाई है। पीड़िता के आवेदन पर डीएम ने तत्काल डीआरडीए के डायरेक्टर अरविंद कुमार सिंह तथा सिमरी बीडीओ शशिकांत शर्मा को इसके जांच के आदेश भी दे दिए है। मामला डीएम के संज्ञान में आने के बाद काजीपुर पंचायत के मुखिया की मुश्किलें बढ़ गई है।
पीड़िता ने डीएम को दिए आवेदन में इस बात का जिक्र की है कि पहली किश्त मिलने के बाद मुखिया ने 10 हजार रूपए लिये थे तथा दूसरी किश्त आते ही मेरे पड़ोसी के मोबाईल पर फोन कर फिर से 10 हजार रूपए की रिश्वत मांगने लगे और बोले की नहीं देने पर तीसरी किश्त की राशि होल्ड हो जाएगी। पीड़िता ने डीएम को बताई है कि वह उनके बीच की बातचीत को पड़ोसी के मोबाईल में रिकार्ड कर ली है। जिसे नष्ट करने के लिए अब मुखिया दबाव बना रहे है तथा जान से मारने की धमकी दे रहे है। पीड़िता का कहना है कि मुखिया दबंग टाइप के आदमी है तथा वे किसी काम के बदले पहले पैसा लेते है। पैसा नहीं देने पर काम नहीं करते है।
बोले डीएम, जांच में शिकायत की पुष्टि के बाद होगी कार्रवाई
डीएम अंशुुल अग्रवाल ने इसे बेहद गंभीर मामला माना है। उन्होंने कहा कि डीआरडीए निदेशक व सिमरी बीडीओ को इस मामले की जांच कर जांच रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है। जांच में मुखिया पर लगे आरोपों की पुष्टि होने पर मुखिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। डीएम ने कहा कि सरकारी योजनाओं में लूट खसोट व दलाली बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने पीड़िता को न्याय दिलाने का आश्वासन भी दिया है।
क्या है मामला
काजीपुर पंचायत की स्थानीय गांव निवासी उषा देवी पीएम आवास योजना की लाभुक है। प्रथम किश्त मिलने के बाद वह योजना के तहत मकान निर्माण का काम शुरू कराई, प्रथम किश्त से मिली राशि के मुताबिक मकान को निर्धारित मानक तक पूरा की, इसके बाद द्वितीय किश्त की राशि आई। द्वितीय किश्त की राशि आने के बाद पंचायत के मुखिया इम्तियाज ने रिश्वत लेने के लिए अपने आदमी को लाभुक के घर भेजा, लेकिन लाभुक घर पर नहीं मिली। इसके बाद मुखिया ने उसके पड़ोसी के मोबाईल पर फोन कर उषा से बात कराने को कहा। तब पड़ोसी ने ही मोबाईल में कॉल रिकार्डिग एक्टिव कर दी थी, जिस कारण मुखिया व लाभुक के बीच हुई बातचीत रिकार्ड हो गई। जिसमें मुखिया यह कहते सुने जा रहे है कि द्वितीय किश्त मिलने पर 10 हजार रूपए नहीं देने पर तीसरे किश्त की राशि होल्ड हो जाएगी। वह लाभुक को डराकर रिश्वत लेना चाह रहे थे, लेकिन लाभुक तथा उसकी पड़ोसी की चालाकी से मुखिया की भद्द पिट रही है तथा उनपर अब कानूनी कार्रवाई का शिकंजा कसने लगा है।
कहते है अधिवक्ता
इस मामले जब कानूनी पहलू समझने के लिए बक्सर व्यवहार न्यायालय के तेज तर्रार अधिवक्ता सत्य प्रकाश पांडेय से राय ली गई तो उन्होंने कहा कि यह संगीन मामला है। सरकारी कार्य में रिश्वत लेना संज्ञेय अपराध है। उन्होंने कहा कि इस मामले में ऑडियो सही पाए जाने पर मुखिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज होगा तथा भ्रष्टाचार के आरोप में उनका निलंबन भी हो सकता है।