शीतलहर का सितम शुरू, पूरे दिन नहीं हुए सूर्य के दर्शन, पछिया हवा ने बढ़ाई कनकनी

शीतलहर का सितम शुरू, पूरे दिन नहीं हुए सूर्य के दर्शन, पछिया हवा ने बढ़ाई कनकनी

- पारा लुढ़कने से बढ़ी ठंड, शाम ढलते ही घरों का रुख कर रहे लोग

- अलाव की जरूरत लेकिन शहर में अब तक इंतेजाम नहीं

केटी न्यूज/डुमरांव 

अनुमंडल के इलाके में सर्दी के तेवर तीखे होते जा रहे है। पिछले दो दिनों से मौसम के बदले मिजाज का असर दिखने लगा है। शीतलहर भी शुरू हो गई है। पछिया हवा ने कनकनी बढ़ा दी है। पूरे दिन सूर्य के दर्शन नहीं हुए। जिस कारण पारा लुढ़कने से ठंड बढ़ी है और लोग घरों में शाम ढलते ही दुबकने लगे है। शुक्रवार को वातावरण का न्यूनतम तापमान 9 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। पूरे दिन भगवान भास्कर का दर्शन भी लोग नही कर सके, जिस वजह से लोगों का जनजीवन प्रभावित रहा।

वाहनों की रफ्तार पर ब्रेक लगने लगा है। प्रतिकूल मौसम की वजह से सड़क पर हादसे की आशंका बन गयी है। पछुआ हवा ने ठंड बढ़ाई तो ठंड से लोग बेहाल दिखे। ठंड और पछुआ हवा के कारण लोगों की मुश्किलें बढ़ गयी। बढ़ते ठंड के कहर के बाद भी शहर में कही भी अलाव का इंतेजाम नही हुआ। ऐसा मौसम लोगों को सुकून नही दे रहा है।लोग घरों में रहने के लिए विवश है। अहले सुबह क्षेत्र में ओस की बूंद भी जमी हुई देखने को मिल रही है। बसों और अन्य वाहनों में यात्रियों की भीड़ कम देखी जा रही है।

मंडियों में गर्म कपड़ों की दुकानें सज गयी है बावजूद खरीदार भी कम पहुंच रहे है। ठंड के बाद भी नगर परिषद प्रशासन की ओर से अबतक अलाव जलाने की कोई व्यवस्था नही की गयी है। हालत यह है कि लोग सुबह में घर से निकलने में परहेज कर रहे है। बढ़ती ठंड और पछुआ हवा से गरीबो की परेशानी बढ़ गयी है। असहाय गरीबो की नज़र शहर के स्वयंसेवी संस्थाओं की ओर टिकी है।

शहर के दर्ज़नो ऐसी स्वयंसेवी संस्थाएं है, जो गरीबो के बीच कंबल, गर्म कपड़े और अलाव की समुचित व्यवस्था करते है जबकि कई ऐसी संस्थाए है जो इन गरीबो के जीवन बचाने के लिए वाटर प्रूफ टेंट की भी व्यवस्था देती है।