डुमरांव में धूूं-धूं कर जलने लगी स्कूली वैन, फायर ब्रिगेड ने पाया काबू

डुमरांव में अचानक एक स्कूली वैन धूं-धूं कर जलने लगी। गनीमत थी कि वैन में बच्चें नहीं थे। चालक ने तत्काल इसकी सूचना प्रबंधन को दी। वहीं, मौके पर मौजूद स्थानीय ग्रामीणाों ने आग बुझाने का प्रयास शुरू करने के साथ ही फायर ब्रिगेड को इसकी जानकारी दी। जानकारी मिलते ही तत्काल फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची तथा वैन में लगे आग को बूझाया।

डुमरांव में धूूं-धूं कर जलने लगी स्कूली वैन, फायर ब्रिगेड ने पाया काबू

-- स्कूली बच्चों को छोड़कर आ रही थी वैन, कोई नुकसान नहीं

केटी न्यूज/डुमरांव

डुमरांव में अचानक एक स्कूली वैन धूं-धूं कर जलने लगी। गनीमत थी कि वैन में बच्चें नहीं थे। चालक ने तत्काल इसकी सूचना प्रबंधन को दी। वहीं, मौके पर मौजूद स्थानीय ग्रामीणाों ने आग बुझाने का प्रयास शुरू करने के साथ ही फायर ब्रिगेड को इसकी जानकारी दी। जानकारी मिलते ही तत्काल फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची तथा वैन में लगे आग को बूझाया।

मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार की दोपहर फाउंडेशन स्कूल की एक वैन बच्चों को छोड़ने सम्महार के तरफ गई थी। उधर से लौटने के दौरान जैसे ही उक्त वैन बनकट गांव के समीप पहुंची कि उसमें आग लग गया तथा वैन जलने लगी। वैन में आग लगता देख चालक तुरंत सड़क किनारे उसे खड़ा कर प्रबंधन को सूचना दी। वहीं, ग्रामीणों ने तत्परता दिखाते हुए आग पर काबू पाने का प्रयास शुरू किया। इसी दौरान दमकल वाहन भी मौके पर पहुंची।

वैन में आग कैसे लगी इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है। प्रथम दृष्टया अनुमान लगाया जा रहा है कि संभवतः शॉर्ट सर्किट से वैन में आग लगी होगी।इस संबंध में स्कूल निदेशक मनोज चतुर्वेदी ने बताया कि उक्त वैन से बच्चों को नहीं ढोया जाता था, बल्कि वैन निजी प्रयोग में लाई जाती थी तथा कुछ रिश्तेदार इसे लेकर गए थे, लौटने के दौरान अचानक आग लग गई।

-- जर्जर वाहनों में ढोए जा रहे है स्कूली बच्चें, कभी भी हो सकता है हादसा

बता दें कि शहर में संचालित होने वाले स्कूलों के अधिकांश वैन जर्जर हो चुके है। जिनके सहारे हर दिन हजारों बच्चों को ढोया जाता है। जानकारों का कहना है कि इससे कभी-भी बड़ा हादसा हो सकता है।जबकि परिवहन विभाग व स्थानीय प्रशासन इस मामले में मौन साधे हुए है।

बता दें कि कुछ महीने पूर्व तत्कालीन जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल ने जिले के सभी स्कूल संचालकों के साथ बैठक कर उन्हें बच्चों के सुरक्षित परिवहन कराने का निर्देश दिया था। इसके लिए तत्कालीन जिलाधिकारी  ने स्कूल संचालकों को गाइड लान से भी अवगत कराया था। लेकिन, जिलाधिकारी के निर्देश का पालन जिले के स्कूल संचालक नहीं कर रहे है। 

-- नहीं होता है वाहनों के फिटनेस का जांच

यहां बता दें कि परिवहन विभाग द्वारा वाहनों के फिटनेस का जांच भी लंबे समय से नहीं किया जा रहा है। खासकर स्कूली बच्चों को ढोने के लिए संचालित होने वाले वाहनों की फिटनेस जांच नहीं होने से कई सवाल खड़े हो रहे है। इससे मासूमों की जिंदगी कभी भी खतरे में पड़ सकती है। जानकारों का कहना है कि अधिकांश स्कूलों में पुराने व जर्जर वाहनों से ही बच्चों को ढोया जा रहा है। जिससे बच्चें कभी भी हादसे का शिकार हो सकते है। 

बयान

स्कूलों में संचालित होने वाले वाहनों के फिटनेस की जांच करवाने के लिए परिवहन विभाग को निर्देश दिया जा रहा है। मानक पर खरा नहीं उतरने वाले स्कूली वैन को परिवहन से रोका जाएगा तथा सांचालक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। - राकेश कुमार, एसडीएम, डुमरांव