विकराल हुआ मौसम, लू के चपेट में आकर बीमार पड़ रहे लोग

विकराल हुआ मौसम, लू के चपेट में आकर बीमार पड़ रहे लोग

डुमरांव अनुमंडलीय अस्पताल में लू की चपेट में आए एक दर्जन मरीज हुए भर्ती

- लू लगने सबसे अधिक बीमार पड़ रहे बच्चें और महिलाएं

केटी न्यूज/डुमरांव

भीषण गर्मी और लू से जनजीवन काफी प्रभावित हो गया है। इसकी चपेट में आने से लोग बीमार पड़ रहे हैं। मरीज के ज्यादा बीमार पड़ने पर अस्पताल में भर्ती करना पड़ रहा है। रविवार को अनुमंडलीय अस्पताल में लू से ग्रसित लगभग एक दर्जन मरीज को भर्ती किया गया था। बीमार मरीजों में अधिकांश महिलाएं और बच्चें थे। चिकित्सक द्वारा सभी को इलाज कर पानी चढ़ाया जा रहा था।

बता दें की लगभग दस दिनों से लू की रफ्तार काफी तेज हो गई है। इससे जन जीवन काफी प्रभावित हो गया है। सुबह दस बजे के बाद रोड पर लोगों का आवागमन कम हो जाता हैए फिर संध्या पांच बजे के बाद लू की रफ्तार कुछ कम पड़ती है तो लोग बाहर निकलने लगते हैं। बच्चे इसकी परवाह किए बगैर बाहर निकल पड़ते हैं और लू की चपेट में आ जाते हैं। इसी तरह घर की महिलाएं भी घरेलू कार्य करने के लिए समय का इंतजार किए बगैर काम पर निकल पड़ती हैं

और लू की चपेट में आ जाती हैं। रविवार को अनुमंडलीय अस्पताल में लगभग एक दर्जन मरीज लू से पीड़ित भर्ती थे। सभी लूज मोशन के शिकार थे। लूज मोशन से शरीर में पानी की कम हो जाती है। शरीर में पानी की कमी हो जाने से उन्हें स्लाइन के माध्यम ग्लूकोज पानी चढ़ाया जा रहा था। साथ ही जरूरी दवा भी दी जा रही थी। लू के शिकार मरीज अभिभावक घबड़ाए हुए थे।

सभी को स्टाफ और चिकित्सक समझा बुझाकर शांत कर रहे थे। इस संबंध में जब अनुमंडलीय अस्पताल के डीएस डाण् गिरीश कुमार सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया की एक सप्ताह से लू से पीड़ित मरीज अस्पताल में पहुंच रहे हैं। कुछ को इलाज कर दवा देकर छोड़ दिया जा रहा है। जो अधिक अक्रांत मरीज होते हैं, उन्हें भर्ती किया जा रहा है।

उन्होंने बताया लू लगने का मुख्य कारण खाली पेट बाहर निकलना और रहना है। इस समय काफी तेज पछुआ हवा चल रही हैए जो लू का मुख्य कारण है। सुबह 9 बजे से पहले बाहर का काम लोगों को कर लेना चाहिए और संध्या पांच बजे के बाद ही बहार निकलना चाहिए। बच्चे इससे अंजान रहते हैं, लिहाजा उनपर ध्यान बड़ो को देना होगा।

महिलाएं भी अपनी सेहत पर ध्यान देते हुए खाली पेट नहीं रहे और धूप में बाहर नहीं निकले। वैसे अस्पताल के चिकित्सक और स्टाफ को एलर्ट मोड में रखा गया है। जरूरी दवा भी अस्पताल में मौजूद है। लू लगने की शिकायत कभी भी कही भी मिले लोगों को अस्पताल में पहुंचाया जाए।