अनुमंडलीय अस्पताल के उपाधीक्षक पर भारी पड़े रेडियोलॉजिस्ट, निर्देश के बाद भी नहीं किये अल्ट्रा साउंड

मूल रूप से सिमरी सीचएचसी के डॉक्टर व डुमरांव अनुमंडलीय अस्पताल में बतौर रेडियोलॉजिस्ट डॉ. प्रेम कुमार को डीएस व सीएस के निर्देशों की परवाह नहीं है। सोमवार को उन्होंने डीएस डॉ. गिरीश सिंह के कहने पर भी एक सामान्य मरीज का अल्ट्रासाउंड करने से साफ इंकार कर दिया, जबकि पूर्व में अस्पताल के निरीक्षण के दौरान सीएस डॉ. शिव कुमार प्रसाद चक्रवर्ती ने प्रत्येक सोमवार व बुधवार को गर्भवती महिलाओं के साथ ही सामान्य मरीजों का अल्ट्रा साउंड करने का निर्देश दे चुके है।

अनुमंडलीय अस्पताल के उपाधीक्षक पर भारी पड़े रेडियोलॉजिस्ट, निर्देश के बाद भी नहीं किये अल्ट्रा साउंड

केटी न्यूज/डुमरांव

मूल रूप से सिमरी सीचएचसी के डॉक्टर व डुमरांव अनुमंडलीय अस्पताल में बतौर रेडियोलॉजिस्ट डॉ. प्रेम कुमार को डीएस व सीएस के निर्देशों की परवाह नहीं है। सोमवार को उन्होंने डीएस डॉ. गिरीश सिंह के कहने पर भी एक सामान्य मरीज का अल्ट्रासाउंड करने से साफ इंकार कर दिया, जबकि पूर्व में अस्पताल के निरीक्षण के दौरान सीएस डॉ. शिव कुमार प्रसाद चक्रवर्ती ने प्रत्येक सोमवार व बुधवार को गर्भवती महिलाओं के साथ ही सामान्य मरीजों का अल्ट्रा साउंड करने का निर्देश दे चुके है।

लेकिन, उक्त रेडियोलॉजिस्ट ने सोमवार को अस्पताल उपाधीक्षक से यह साफ कर दिया कि वे सिर्फ गर्भवती महिलाओं का ही अल्ट्रा साउंड करेंगे। इसके बाद देर तक मरीजों के अलावे रोगी कल्याण समिति सदस्य अजय राय, युवा नेता दीपक यादव समेत अन्य युवाओं ने डीएस कक्ष में हंगामा मचाया। इसके बाद डीएस ने सीएस को पत्र लिख रेडियोलॉजिस्ट पर उनके तथा सीएस के आदेश को नहीं मानने की शिकायत की है।  हालांकि, हाल ही में इसी लापरवाही के कारण उन्हें सीएस ने सिमरी सीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी व निकासी तथा व्ययन पदाधिकारी के पदभार से मुक्त कर दिया था, बावजूद उन्होंने डीएस व सीएस के आदेश को अनसुना कर स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए है।

मिली जानकारी के अनुसार सोमवार को सामान्य मरीजों के अल्ट्रा साउंड होने की जानकारी पर दक्षिण टोला निवासी ज्योति कुमारी समेत कई अन्य मरीज पहुंचे थे। उनका इलाज करने वाली डॉक्टर ने पुर्जा पर अल्ट्रा साउंड के लिए लिखा भी था, लेकिन जब ज्योति अल्ट्रा साउंड कक्ष में पहुंची तो वहां मौजूद रेडियोलॉजिस्ट प्रेम कुमार ने कहा कि यहां सिर्फ गर्भवती महिलाओं का ही अल्ट्रा साउंड होता है। संयोग से उस समय अस्पताल में रोगी कल्याण समिति सदस्य अजय राय तथा युवा नेता दीपक यादव मौजूद थे।

दोनों ने उक्त रेडियोलॉजिस्ट से अस्पताल में उक्त मरीज का अल्ट्रा साउंड करने को कहा, लेकिन रेडियोलॉजिस्ट अल्ट्रा साउंड करने से इंकार करने के साथ ही युवाओं से भिंड़ गए। इसके बाद दोनों अन्य युवाओं के साथ डीएस कक्ष में पहुचे। डीएस ने पहले फोन पर रेडियोलॉजिस्ट से बात करने की कोशिश किए, लेकिन वे डीएस से फोन पर बात नहीं किए। इसके बाद वे खुद अल्ट्रा साउंड कक्ष पहुंचे, लेेकिन उनके आकर कहने पर भी रेडियोलॉजिस्ट ने अल्ट्रा साउंड करने से साफ इंकार कर दिया और कहा कि वे सिर्फ गर्भवती महिलाओं का ही अल्ट्रा साउंड करेंगे। इसके बाद सीएस ने उनके खिलाफ सीएस से शिकायत की है।

हालांकि, इस मामले में सीएस खुद लाचार दिखे और बोले कि वहीं, एक रेडियोलॉजिस्ट है, यदि उसे सस्पेंड भी कर दिया गया तो वहां अल्ट्रा साउंड बंद हो जाएगा। सीएस ने कहा कि वैसे इस मामले में उनसे शो-कॉज पूछा जाएगा। वहीं, इस घटना के बाद अनुमंडलीय अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए है। सबसे बड़ा सवाल है कि जब डीएस के आदेश को ही उनके मातहत नहीं मानेंगे तो मरीजों के इलाज की क्या गारंटी है। गौरतलब हो कि अनुमंडलीय अस्पताल में लगातार डॉक्टरों के अनुपस्थित रहने सहित कई तरह की शिकायतें अक्सर मिलते रहती है। 

वहीं, इस संबंध में रोगी कल्याण समिति सदस्य अजय राय ने कहा कि इस मामले की शिकायत जिलाधिकारी से की जाएगी। जबकि युवा नेता दीपक यादव ने कहा कि वे इस मामले को स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के समक्ष रखेंगे तथा उक्त गैर जिम्मेदार रेडियोलॉजिस्ट पर कार्रवाई नहीं होने पर अस्पताल परिसर में धरना दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पतालों में व्यवस्था सुधारने के लिए जरूरत पड़ी तो उग्र आंदोलन भी किया जाएगा।