फसल कटनी के बाद मिट्टी जांच के लिये लिया जाएगा नमूना

डुमरांव में मिट्टी जांच प्रयोगशाला खुले चार महीने से अधिक का समय गुजर गया, लेकिन उसमें काम शुरू नहीं किया गया है। अब किसानों के खेतों से मिट्टी जांच का कार्यक्रम विभाग बना रहा है। अप्रैल माह से ही मिट्टी जांच का कार्यक्रम शुरू होने वाला है, लेकिन अभी खेत में रबी फसल की पूरी कटाई नहीं हो पाई है। खेत में से जबतक पुरी तरह से फसल कट नहीं जाती, तबतक मिट्टी की जांच शुरू नहीं होगी।

फसल कटनी के बाद मिट्टी जांच के लिये लिया जाएगा नमूना

- जांच के बाद उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिये प्रशिक्षित किये जाएंगे किसान

केटी न्यूज/डुमरांव 

डुमरांव में मिट्टी जांच प्रयोगशाला खुले चार महीने से अधिक का समय गुजर गया, लेकिन उसमें काम शुरू नहीं किया गया है। अब किसानों के खेतों से मिट्टी जांच का कार्यक्रम विभाग बना रहा है। अप्रैल माह से ही मिट्टी जांच का कार्यक्रम शुरू होने वाला है, लेकिन अभी खेत में रबी फसल की पूरी कटाई नहीं हो पाई है। खेत में से जबतक पुरी तरह से फसल कट नहीं जाती, तबतक मिट्टी की जांच शुरू नहीं होगी। 

इसकी जानकारी कृषि समन्वयक मनीष कुमार व मृत्युंजय मिश्र ने देते हुए बताया कि किसान सलाहकार और समन्वयकों को खेतों से मिट्टी लाने की जिम्मेवारी दी गई है। यदि कोई किसान स्वयं मिट्टी जांच के लिये लाता है तो उसे भी स्वीकार्य होगा। फसल कटने के बाद उम्मीद है कि डुमरांव प्रखंड कार्यालय परिसर के ई-किसान भवन में चार माह पहले मिट्टी जांच प्रयोगशाला का उद्घाटन किया गया था,

लेकिन अभी वह काम नहीं कर रहा है, रबी फसल कटने के बाद जो मिट्टी का नमूना लिया जाएगा, उसकी जांच इसी प्रयोगशाला से शुरू किया जाए। मिट्टी जांच होने के बाद किसानों को उसका प्रमाण पत्र भी निर्गत किया जाएगा। जांच में जैसा रिपोर्ट आएगा उसी के अनुसार आगे की कार्रवाई होगी। मिट्टी की जांच कर उसका प्रमाण पत्र मिलने से किसानों में खुशी व्याप्त है।

 

समन्वयक मनीष ने बताया कि वैज्ञानिक पद्धति से खेती के लिए मिट्टी की जांच जरूरी हैं। मिट्टी की जांच होने से यह पता चलता है कि मिट्टी में किस पोषक तत्व की कमी है तथा इस कमी को कैसे दूर किया जा सकता है। वहीं, जांच के बाद यह पता भी चल पाता है कि इस मिट्टी में किस तरह की फसल का उत्पादन बेहतर होगा।

मिट्टी जांच के बाद वैज्ञानिकों द्वारा बताए तरीके से उसके उपचार से फसल का उत्पादन बेहतर होता है। कृषि समन्वयक ने कहा कि किसान मिट्टी की जांच करा तथा उसकी कमियों को दूर कर उत्पादन दर बढ़ा सकते है, जिससे उनकी आय में भी वृद्धि होगी।