कविता : समोसे की ताकत

अब समझ आई समोसे की ताकत, अधिकारियों की हो गई ना आफत।

कविता : समोसे की ताकत
समोसे की ताकत
अब समझ आई समोसे की ताकत,
अधिकारियों की हो गई ना आफत।
हा कीमती है मुख्यमंत्री का समोसा,
फ्रीबीज़ नहीं है ये, ना करो भरोसा।
इससे तो अच्छा खा लेते कोई डोसा,
न होता किसी भी प्रकार का शोशा।
समोसा तो विपक्ष ने भी नहीं खाया, 
कैसे सरकार विरोधी सूची में आया।
पुलिसकर्मियों के खिलाफ बैठी जांच,
भला समोसे पर ही आ गई ना आँच।
अरे भाई इसे इतना भी क्यों हैं खाना,
ये नहीं है कोई राजनीति का निवाला।
भले ही विकास का ध्यान ना रखना,
ये छीन सकता है नौकरी याद रखना।
सच, यहीं हैं समोसे की बड़ी ताकत,
अधिकारियों की हो जाती हैं आफत।
संजय एम. तराणेकर 
(कवि, सूत्रधार व समीक्षक)
इंदौर (मध्यप्रदेश)