सावन में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बक्सर प्रशासन सक्रिय, जिलाधिकारी ने रामरेखा घाट और मुक्तिधाम का लिया जायजा
श्रावणी मास की शुरुआत के साथ ही बक्सर के रामरेखा घाट और मुक्तिधाम पर श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ने लगी है। इसी क्रम में सोमवार को जिलाधिकारी डॉ. विद्यानंद सिंह ने घाटों की स्थिति का जायजा लिया और आवश्यक निर्देश जारी किए ताकि धार्मिक आस्था से जुड़ा यह महीना श्रद्धालुओं के लिए सुगम, सुरक्षित और स्वच्छ बना रहे।

केटी न्यूज/बक्सर
श्रावणी मास की शुरुआत के साथ ही बक्सर के रामरेखा घाट और मुक्तिधाम पर श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ने लगी है। इसी क्रम में सोमवार को जिलाधिकारी डॉ. विद्यानंद सिंह ने घाटों की स्थिति का जायजा लिया और आवश्यक निर्देश जारी किए ताकि धार्मिक आस्था से जुड़ा यह महीना श्रद्धालुओं के लिए सुगम, सुरक्षित और स्वच्छ बना रहे।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने घाटों पर श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ को देखा और इस बात पर चिंता जताई कि भीड़ के कारण घाटों पर दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है। उन्होंने मौके पर मौजूद कार्यपालक पदाधिकारी नगर परिषद को निर्देशित किया कि सभी प्रमुख घाटों की दैनिक सफाई और समुचित स्वच्छता व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। साथ ही श्रद्धालुओं की आवाजाही के रास्तों को जल-जमाव और कचरे से मुक्त रखा जाए।
डॉ. सिंह ने यह भी कहा कि घाट क्षेत्र में किसी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए अस्थायी कंट्रोल रूम की व्यवस्था की जाए, जिससे आपातकालीन सहायता तत्काल उपलब्ध हो सके। उन्होंने मौके पर मौजूद अधिकारियों को यह स्पष्ट किया कि श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा प्रशासन की प्राथमिकता होनी चाहिए।
निरीक्षण के दौरान एक गंभीर समस्या के रूप में अतिक्रमण की स्थिति सामने आई। घाट से सटे मार्गों पर कई दुकानदारों द्वारा अतिक्रमण कर लिया गया है, जिससे श्रद्धालुओं के आवागमन में बाधा उत्पन्न हो रही है। इस पर जिलाधिकारी ने अनुमंडल पदाधिकारी बक्सर को सख्त निर्देश दिया कि नगर परिषद, पुलिस प्रशासन और अंचल कार्यालय के साथ संयुक्त अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जाए ताकि रास्तों को चौड़ा और सुगम बनाया जा सके।
इसके अलावा, गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से मुक्तिधाम में दाह संस्कार के लिए स्थान की कमी हो गई है। इस पर जिलाधिकारी ने नगर परिषद को निर्देश दिया कि वैकल्पिक व्यवस्था के तहत अस्थायी चबूतरे या फ्लोटिंग मंच की संभावना पर त्वरित कार्य किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि वहां पर प्रत्येक शिफ्ट में स्वच्छता कर्मियों की प्रतिनियुक्ति हो और एक प्रभारी पदाधिकारी को निगरानी की जिम्मेदारी दी जाए।
निरीक्षण के दौरान अपर समाहर्ता, अनुमंडल पदाधिकारी, नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी समेत अन्य प्रशासनिक एवं तकनीकी अधिकारी भी मौजूद थे।