सभी भवनों में त्वरित गति से कार्य कराते हुए निर्धारित अवधि में पूरा करें कार्य: डीएम
स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से गुरुवार को जिलाधिकारी डॉ. विद्यानंद सिंह ने निर्माणाधीन सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के कार्यों का निरीक्षण किया। इस दौरान जिलाधिकारी को बताया गया कि डीपीआर के अनुसार निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज के सभी भवनों के निर्माण कार्य पूर्ण कराने की समय सीमा मार्च, 2026 निर्धारित की गई है। लेकिन अब तक लगभग 55 प्रतिशत कार्य ही पूर्ण हुआ है।

- जिलाधिकारी ने निर्माणाधीन डुमरांव मेडिकल कॉलेज व केसठ सीएचसी का किया निरीक्षण
- परियोजना प्रबंधक ने जीएमसीएच की खुबियों व विशेषताओं से जिलाधिकारी को कराया अवगत
केटी न्यूज/बक्सर
स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से गुरुवार को जिलाधिकारी डॉ. विद्यानंद सिंह ने निर्माणाधीन सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के कार्यों का निरीक्षण किया। इस दौरान जिलाधिकारी को बताया गया कि डीपीआर के अनुसार निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज के सभी भवनों के निर्माण कार्य पूर्ण कराने की समय सीमा मार्च, 2026 निर्धारित की गई है। लेकिन अब तक लगभग 55 प्रतिशत कार्य ही पूर्ण हुआ है।
जिलाधिकारी ने नाराजगी जताते हुए भवन निर्माण कराने वाली कंपनी बिहार मेडिकल सर्विसेज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीएमएसआईसीएल) के परियोजना प्रबंधक को निर्देश दिया कि सभी भवनों में त्वरित गति से कार्य कराते हुए निर्धारित अवधि तक कार्य पूर्ण कराना सुनिश्चित करेंगे। साथ ही, कार्य की गुणवत्ता का पूरा ख्याल रखा जाए, यदि कार्य की गुणवत्ता में किसी भी प्रकार की कमी पाई गई तो कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की जाएगी।
भूकंप प्रतिरोधी प्रणाली के साथ बनाया जा रहा है जीएमसीएच :
निरीक्षण के क्रम में बीएमएसआईसीएल के परियोजना प्रबंधक ने जिलाधिकारी को सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल परियोजना की मुख्य विशेषाताओं से अवगत कराया। परियोजना प्रबंधक ने बताया कि बक्सर जिले का जीएमसीएच भूकंप प्रतिरोधी प्रणाली के साथ बनाया जा रहा है। इसमें लीड रबर बियरिंग के साथ बेस आइसोलेशन तकनीक 500 बेड वाला अस्पताल ब्लॉक भी शामिल है। वहीं, अस्पताल ब्लॉक में 11 मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर बनाया जाएगा। इसके अलावा अस्पताल ब्लॉक में इमरजेंसी, ब्लॉक बैंक, आईसीयू, एनआईसीयू व पीआईसीयू इकाई भी बनाए जाएंगे।
दूसरी ओर, मेडिकल कॉलेज में प्रति वर्ष 100 अभ्यर्थियों की प्रवेश क्षमता के आधार पर छात्र-छात्राओं, नर्सों व प्रशिक्षुओं के लिए विशेष छात्रावास ब्लॉक भी बनाया जा रहा है। वहीं, संकाय एवं कर्मचारियों के लिए आवासीय ब्लॉक का भी निर्माण कराया जा रहा है। इन सब के साथ अस्पताल में इलाजरत मरीजों के रिश्तेदारों के रात्रि विश्राम के लिए 60 बेड की क्षमता वाला धर्मशाला भवन भी निर्माणाधीन है। साथ ही, पूरा परिसर आवश्यक सेवाओं में आत्मनिर्भर होगा, जिसमें ऑन-साइट सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, जल उपचार संयंत्र, भूमिगत जल टैंक व विद्युत सबस्टेशन सम्मिलित है।
दिसंबर, 2025 तक पूरा कर लिया जाएगा केसठ सीएचसी का निर्माण :
वहीं, इस क्रम में जिलाधिकारी डॉ. विद्यानंद सिंह ने केसठ प्रखंड अंतर्गत निर्माणाधीन सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का भी निरीक्षण किया। यहां बीएमएसआईसीएल के परियोजना प्रबंधक ने बताया कि इस जी+3 भवन का निर्माण का कार्य इस साल के दिसम्बर माह के अंत तक पूर्ण कर लिया जायेगा। वहीं, निरीक्षण के क्रम में जिलाधिकारी ने पाया कि लगभग 30 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है,
जिसकी प्रगति डीपीआर के तहत धीमी पाई गई। परियोजना प्रबंधक को निर्देश दिया गया कि माहवार कार्य योजना बनाकर उसकी एक प्रति एसडीएम एवं बीडीओ को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। उन्हाेंने निर्धारित अवधि के अंदर गुणवत्ता के साथ कार्य पूर्ण कराना सुनिश्चित करेंगे। वहीं, जिलाधिकारी ने डुमरांव एसडीएम राकेश कुमार व वरीय प्रभारी पदाधिकारी प्रखंड को निर्देश दिया कि वो अपने स्तर से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के निर्माण कार्य प्रगति की समीक्षा एवं अनुश्रवण करेंगे। निरीक्षण के क्रम में सिविल सर्जन बक्सर, डुमरांव भूमि सुधार उप समाहर्ता, वरीय प्रभारी पदाधिकारी प्रखंड केसठ, परियोजना प्रबंधक एवं अन्य संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे।