बिहार राज्य तैराकी प्रतियोगिता के विजेता बने पटना के दीपक पंडित, बलिया के राकेश उपविजेता
- गोकुल जलाशय में आयोजित हुई थी तैराकी प्रतियोगिता, विभिन्न जिलों के 30 प्रतिभागियों ने लिया हिस्सा
केटी न्यूज/ब्रह्मपुर
तैराकी प्राचीन खेल है तथा इससे शरीर का अच्छा व्यायाम होता है। अंतर्राष्ट्रीय तैराक कैप्टन विजेन्द्र का यह प्रयास सराहनीय है। वे लंबे समय से युवाओं को तैराकी का प्रशिक्षण दे रहे है। उक्त बातें डुमरांव एसडीओ कुमार पंकज ने रविवार को ब्रह्मपुर प्रखंड के सपही गांव के पास कही। अवसर था गोकुल जलाशय में कैप्टन विजेन्द्र के नेतृत्व में आयोजित राज्य स्तरीय तैराकी प्रतियोगिता का। एसडीओ इस प्रतियोगिता में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि तैराकी एक अच्छा खेल के साथ ही शरीर को स्वस्थ्य रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा कि एक कुशल तैराक जरूरत पड़ने पर किसी की जान भी बचा सकता है। इसके पहले एसडीओ ने प्रतियोगिता का उदघाटन किया। प्रतियोगिता में बिहार के विभिन्न जिलों से आए 30 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। प्रतियोगिता 800 मीटर फ्रीस्टाइल में रखी गई थी। तैराकी में भाग लेने वाले प्रतिभागियों की सुरक्षा के लिए सुरक्षा में तैनात किए गए कैडेट एवं एस डी आर एफ की टीम चार नावो के साथ प्रतिभागियों के साथ-साथ चल रही थी। ताकी किसी अप्रिय स्थिति में प्रतिभागियों को तत्काल राहत पहुंचाई जा सकें। तैराकी में समय सीमा का निर्धारण नहीं हुआ था फिर भी 30 मिनट के अंदर सभी ने दिए गए लक्ष्य को प्राप्त कर लिया।
पटना के दीपक पंडित बने विजेता
तैराकी को देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग गोकुल जलाशय के तट पर पहुचे थे। प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पटना के दीपक पंडित व द्वितीय स्थान उत्तर प्रदेश के बलिया जिला के रमेश ठाकुर जबकि तीसरा स्थान स्थानीय सपही गांव निवासी राकेश राम को चुना गया। विजेताओं को एसडीएम कुमार पंकज व आरपीएफ इंस्पेक्टर दीपक कुमार द्वारा मेडल एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। प्रतियोगिता में मुख्य रूप से हरेंद्र सिंह, चमचम पांडेय, डॉ सुधीर सिंह, नर्वदेश्वर शुक्ला, भोला सिंह, अभिषेक सिंह समेत सैकड़ो उपस्थित थे।
एक दशक से युवाओं को तैराकी का हुनर सिखा रहे है
बता दें कि सपही निवासी कैप्टन विजेन्द्र एक दशक पहले सेना से रिटायर्ड होने के बाद से युवाओं को मुफ्त में तैराकी का प्रशिक्षण दे रहे है। वे अब तक सैकड़ो युवाओं को कुशल तैराक बना चुके है। जबकि उनके प्रयास से तैराकी सीखने वाले दो दर्जन से अधिक युवा सेना, पुलिस तथा अन्य विभागों में नौकरी कर रहे है। उनके पुत्र वसंत सिंह भी सेना में है तथा सिंगल नौकायन में गोल्ड मेडल जीत चुके है। उनके यहा तैराकी सीखने बक्सर के साथ ही पड़ोसी जिलों से भी युवा आते है। तैराकी सीखने वाले युवाओं के लिए कैप्टन विजेन्द्र वरदान सरीखे है। वे हर साल अपने गांव के पास गोकुल जलाशय में राज्य स्तरीय तैराकी प्रतियोगिता भी करवाते है। जिसमें बिहार के कोने कोने से तैराक शामिल होते है।