जीविका में 25 लाख का गबन, आयुक्त ने बक्सर डीपीएम को दिए प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश
डुमरांव प्रखंड अंतर्गत अटांव पंचायत में कार्यरत जीविका सामुदायिक समन्वयक उपेंद्र कुमार एवं एसबीआई डुमरांव शाखा में कार्यरत बैंक मित्र खुशबू कुमार की मिलीभगत से जीविका से जुड़ी गरीब महिलाओं का लगभग 25 लख रुपए का गबन कर लिया गया है।

-- परिवादी पटना के प्रदीप कुमार सिंह के अपील पर सुनवाई करते हुए सुनाया फैसला
-- तथ्यों के अवलोकन व दोनों पक्षों की दलीले सुनने के बाद आयुक्त ने जीविका में कार्यरत बैंक मित्र खुशबू कुमारी व सामुदायिक समन्वयक उपेन्द्र कुमार को माना है दोषी
केटी न्यूज/बक्सर
डुमरांव प्रखंड अंतर्गत अटांव पंचायत में कार्यरत जीविका सामुदायिक समन्वयक उपेंद्र कुमार एवं एसबीआई डुमरांव शाखा में कार्यरत बैंक मित्र खुशबू कुमार की मिलीभगत से जीविका से जुड़ी गरीब महिलाओं का लगभग 25 लख रुपए का गबन कर लिया गया है।
इस मामले में बिहार लोक शिकायत निवारण के माध्यम से दर्ज शिकायत और गबन के खुलासे के बाद पटना प्रमंडलीय आयुक्त चंद्रशेखर सिंह ने जीविका बक्सर के डीपीएम चंदन कुमार सुमन को इस मामले में बैंक मित्र व सीसी पर प्राथमिकी दर्ज कराने तथा राशि रिकवरी के आदेश दे दिए है। आयुक्त के इस आदेश के बाद बक्सर जीविका में हड़कंप मच गया है।
अभी तक इस मामले के लीपापोती में जुटा विभाग पटना प्रमंडल के आयुक्त के आदेश के बाद उहापोह की स्थिति में आ गया है। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है कि आयुक्त ने 23 जून को ही एफआईआर के आदेश दिए है, लेकिन एक जुलाई को जब इस मामले में जीविका डीपीएम चंदन कुमार सुमन से संपर्क स्थापित किया गया तो उन्होंने कहा कि आदेश का अवलोकन किया जा रहा है।
जाहिर है, एक सप्ताह तक आयुक्त के आदेश पर एफआईआर दर्ज करने के बजाए विभाग अभी तक अवलोकन के बहाने मामले को टालने में जुट गया है। इधर परिवादी पटना के शिवपुरी निवासी प्रदीप कुमार सिंह का कहना है कि वे चुप नहीं बैठेंगे, बल्कि एफआईआर दर्ज नहीं कराने तथा दोषियों पर कार्रवाई नहीं होने पर वे आगे भी संघर्ष करेंगे तथा जरूरत पड़ने पर कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाएंगे।
-- महिला समूहों को लोन दिलाने व किस्त जमा करने में हुई है लूट-खसोट
बता दें कि यह मामला कोराना काल के दौरान हुआ था, जब सीसी उपेन्द्र व बैंक मित्र खुशबू ने अटांव पंचायत में दर्जनों महिला समूहों से जुड़ी महिलाओं को लोन दिलाने तथा लोन का किस्त जमा करने के नाम पर फर्जीवाड़ा करते हुए उनसे 25 लाख रूपए की ठगी कर ली गई है। महिलाओं से किश्त की राशि लेने के बाद बैंक मित्र खुशबू उसे बैंक में जमा कराने का न सिर्फ आश्वासन देती थी, बल्कि उन्हें फर्जी रशीद थमा इस बात का भरोसा भी देती थी कि उनके किश्त की राशि को संबंधित खाते में जमा करा दिया गया है, लेकिन खुशबू सारा पैसा अपने पास रख लेती थी।
इस मामले में जीविका के सीसी उपेन्द्र समेत कई अन्य अधिकारियों की भूमिका को संदिग्ध माना जा रहा है। बता दें कि सीसी को इसका मॉनिटरिंग करना था, लेकिन जब बैंक द्वारा लोन लेने वाली महिलाओं को नोटिश भेजा गया तथा उनपर कानूनी कार्रवाई की गई तो सीसी ने खुशबू पर कार्रवाई के बदले मात्र व्हाट्स चैटिंग कर अपनी जिम्मेवारी पूरी कर ली। जबकि आयुक्त के समक्ष बैंक मित्र खुशबू ने इस मामले में पूछा गया तो उसने लिखित पत्र के द्वारा माफीनामा मांगा एवं सारा पैसा कुछ समय में लौटाने की बात कही थी। उसने दूसरा लिखित कुबुलनामा दिया कि ये सारा पैसा तत्कालीन सीसी उपेन्द्र कुमार द्वारा लिया गया है
एवं उनके कहने पर ऐसा कार्य किया है। इस सम्बन्ध में तत्कालीन पूर्व प्रखंड परियोजना प्रबंधक, डुमराव के द्वारा तत्कालीन सीसी उपेन्द्र कुमार से स्पष्टीकरण की मांगी गई थी। तत्कालीन पूर्व प्रखंड परियोजना प्रबंधक, डुमराव के पत्र के आलोक में सीसी उपेन्द्र कुमार के द्वारा लिखित स्पष्टीकरण दिया गया, जिसमे उन्होंने आरोपकर्ता खुशबू कुमारी के द्वारा किये गए वित्तीय अनियमित्ता को प्रमाणित किया। प्रमाण के रूप में उपेन्द्र ने खुशबू के साथ 2020 से अगस्त 2022 तक हुए व्हाट्सएप बातचीत की छाया प्रति समर्पित की। बावजूद उनके द्वारा खुशबू पर किसी तरह की न तो कार्रवाई की गई और न ही कार्रवाई की अनुशंसा की गई, वहीं, विभागीय अधिकारियों की चुप्पी भी कई सवाल खड़े कर रही है।
-- पटना निवासी प्रदीप सिंह ने दर्ज कराया है परिवाद
बता दें कि इस मामले में पटना के शिवपुरी निवासी प्रदीप कुमार सिंह ने ’’जीविका में कार्यरत बैंक मित्र खुशबु कुमारी के सहयोग से सामुदायिक समन्वयक उपेंद्र कुमार द्वारा 25 लाख रुपए की अवैध निकासी का मामला दर्ज कराया गया था। उन्होंने अपने आवेदन में कहा है कि डुमरांव प्रखंड अंतर्गत अटांव पंचायत में कार्यरत जीविका सामुदायिक समन्वयक उपेंद्र कुमार एवं एसबीआई डुमरांव शाखा में कार्यरत बैंक मित्र खुशबू कुमारी की मिलीभगत से जीविका से जुड़ी गरीब महिलाओं का लगभग 25 लाख रुपए का गबन कर लिया गया है।
इस मामले में 23 जून 2025 को पटना प्रमंडल के आयुक्त चंद्रशेखर सिंह ने दोनों पक्षों की दलीले सुनने तथा उपलब्ध साक्ष्यों को देखने के बाद बक्सर डीपीएम को इस मामले में तत्कालीन सामुदायिक समन्वयक तथा बैंक मित्र पर एफआईआर कराने के आदेश दिए है। जिसके बाद जीविका प्रबंधन में हड़कंप मचा हुआ है।
बयान
मामले का अवलोकन किया जा रहा है तथा जरूरी मार्गदर्शन मांगा जा रहा है, इसके बाद ही इस मामले में एफआईआर दर्ज कराया जाएगा।- चंदन कुमार, सुमन, डीपीएम, जीविका बक्सर