पर्यावरण के खतरों से लोगों को जागरूक करने के लिए मनाया जाता है विश्व पर्यावरण दिवस : अवर न्यायाधीश

राज्य विधिक सेवा प्राधिकार, पटना के निर्देश के आलोक में बक्सर व्यवहार न्यायालय स्थित जिला विधिक सेवा प्राधिकार कार्यालय भवन में विधिक सेवा सदन में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पौधरोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत अवर न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार की सचिव नेहा दयाल एवं उपस्थित अन्य लोगों ने पौधरोपण कर की।

पर्यावरण के खतरों से लोगों को जागरूक करने के लिए मनाया जाता है विश्व पर्यावरण दिवस : अवर न्यायाधीश

-  जिला विधिक सेवा प्राधिकार कार्यालय भवन में किया गया पौधरोपण

- लोगों को पर्यावरण संरक्षण व पौधरोपण की महत्ता से कराया गया अवत

केटी न्यूज/बक्सर

राज्य विधिक सेवा प्राधिकार, पटना के निर्देश के आलोक में बक्सर व्यवहार न्यायालय स्थित जिला विधिक सेवा प्राधिकार कार्यालय भवन में विधिक सेवा सदन में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पौधरोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत अवर न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार की सचिव नेहा दयाल एवं उपस्थित अन्य लोगों ने पौधरोपण कर की। 

इस दौरान अपने संबोधन में अवर न्यायाधीश नेहा दयाल ने पर्यावरण की सुरक्षा के लिए ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, पर्यावरण से संबंधित कानून, न्यायिक घोषणाएं, साथ ही विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर सरकार द्वारा चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में उपस्थित लोगो को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि हर साल पांच जून के दिन दुनियाभर में विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में मनाया जाता है। पहला विश्व पर्यावरण दिवस 1974 को मनाया गया था। पर्यावरण खतरों के बारे में और इससे होने वाले नुकसान को कैसे रोका जा सकता है। इन चीजों के प्रति लोगों को जागरूक करने के मकसद से यह दिन मनाया जाता है। पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों में जागरुकता फैलाने के मकसद से विश्व पर्यावरण दिवस मनाने की शुरुआत हुई थी।

पर्यावरण संरक्षण एक महत्वपूर्ण कदम :

अवर न्यायाधीश ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण हमारे बच्चों और आने वाली पीढ़ियों को एक बेहतर और सुरक्षित पर्यावरण सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। मानव और पर्यावरण के बीच गहरे संबंध को समझाना जरूरी है। तभी लोग इसके प्रति अपनी जिम्मेदारी समझेंगे। साल 1972 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने मानव पर्यावरण पर स्टॉकहोम सम्मेलन के दौरान 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाने का एक प्रस्ताव पारित किया था। इसके बाद से हर साल यह दिन मनाया जाने लगा।

पहला विश्व पर्यावरण दिवस 1973 में “केवल एक पृथ्वी” थीम के साथ मनाया गया था। लगातार बढ़ता प्रदूषण सिर्फ मनुष्यों के लिए ही नहीं, बल्कि हमारी प्रकृति के लिए भी खतरनाक है। स्वस्थ और स्वच्छ प्रकृति मानव जीवन का आधार है। प्रकृति हमें जीवन जीने के लिए सभी जरूरी चीजें उपलब्ध कराती है। ऐसे में इसका दोहन हमारे जनजीवन को प्रभावित कर सकता है। 

पर्यावरण की रक्षा में बहुत बड़ा योगदान कर सकते हैं हम :

अवर न्यायाधीश कि स्वच्छता अभियान, वृक्षारोपण और ऊर्जा संरक्षण जैसे उपायों को अपनाकर हम पर्यावरण की रक्षा में बहुत बड़ा योगदान कर सकते हैं। इस अवसर पर बक्सर व्यवहार न्यायालय में पदस्थापित, विधिक सहायता प्रतिरक्षा परामर्श प्रणाली के चीफ विनय कुमार सिंहा, डिप्टी चीफ कुमार मानवेंद्र, संजय कुमार चौबे एवं सहायक काजल कुमारी, अभिनव वशिष्ट, आकाश कुमार श्रीवास्तव एवं

विकास यादव के अलावा पैनल अधिवक्ता दीपिका कुमारी केशरी, अखिलेश्वर दुबे, रामा नंद मिश्रा, जितेंद्र कुमार सिन्हा, कंचन कुमारी, चंद्र विजय सिंह, चंद्र कला वर्मा एव अन्य विधिक सेवक सुंदरम कुमार, प्रेम प्रकाश पाठक, नीतू कुमारी रुकैया, दीपक कुमार, अंजुम कुमार रावत, द्वारा व्यवहार न्यायालय, बक्सर अवस्थित, न्याय वाटिका में वृक्षारोपण का कार्यक्रम कियाl