जलनिकासी के अभाव में स्कूल पहुंचने का रास्ता बना चुनौती, खतरा मोल पढ़ाई करने जाते है छात्र

प्रखंड अंतर्गत धवछुआ गांव में जलनिकासी की समस्या से प्राथमिक विद्यालय धवछुआ के छात्रों और शिक्षकों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। स्कूल जाने वाले मुख्य रास्ते पर घुटने भर पानी जमा है, जिससे बच्चों और शिक्षकों को रोजाना कठिन परिस्थितियों में विद्यालय पहुंचना पड़ रहा है।

जलनिकासी के अभाव में स्कूल पहुंचने का रास्ता बना चुनौती, खतरा मोल पढ़ाई करने जाते है छात्र

- हाल प्राथमिक विद्यालय धवछुआ का, बच्चे एवं शिक्षक घुटने भर पानी से होकर पहुंचते है स्कूल, संक्रामक - - जलजनति बीमारियों के फैलने का बना हुआ है खतरा

केटी न्यूज/नावानगर 

प्रखंड अंतर्गत धवछुआ गांव में जलनिकासी की समस्या से प्राथमिक विद्यालय धवछुआ के छात्रों और शिक्षकों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। स्कूल जाने वाले मुख्य रास्ते पर घुटने भर पानी जमा है, जिससे बच्चों और शिक्षकों को रोजाना कठिन परिस्थितियों में विद्यालय पहुंचना पड़ रहा है।

विद्यालय की प्रधानाध्यापिका अनीता कुमारी ने जानकारी दी कि स्कूल में कुल 130 छात्र नामांकित हैं और तीन शिक्षक कार्यरत हैं। उन्होंने बताया कि जलनिकासी की व्यवस्था नहीं होने से पूरे स्कूल परिसर और पहुंच पथ पर पानी भरा रहता है। उन्होंने बताया कि गांव के कुछ लोगों ने अपने घर के पास मिट्टी डालकर पानी के प्राकृतिक बहाव को अवरुद्ध कर दिया है, जिससे जलजमाव की स्थिति और गंभीर हो गई है।

प्रधानाध्यापिका ने यह भी बताया कि विद्यालय की चारदीवारी नहीं होने के कारण स्कूल के चापाकल का उपयोग आसपास के लोग अपने घरेलू कार्यों के लिए करते हैं। इससे चापाकल से निकला पानी स्कूल के रास्ते में फैलकर कीचड़ और जलजमाव की स्थिति उत्पन्न कर रहा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कुछ स्थानीय लोगों ने विद्यालय और उसके रास्ते की जमीन पर अतिक्रमण कर लिया है,

जिससे रास्ता और संकरा हो गया है। विद्यालय प्रबंधन ने संबंधित अधिकारियों से स्कूल की घेराबंदी, जलनिकासी और अतिक्रमण हटाने की मांग की है ताकि बच्चों को सुरक्षित एवं स्वच्छ वातावरण में शिक्षा प्राप्त हो सके। वहीं, जजजमाव के कारण बच्चों तथा ग्रामीणों में संक्रामक व जल जनित बीमारियों के फैलने का खतरा बना हुआ है। जिससे ग्रामीण सहमें हुए है। अभिभावकों का कहना है कि बच्चे हर दिन खतरा मोल स्कूल जा रहे है। उन्हें रास्ते में विषैले जंतुओं का भय भी बना रहता है, लेकिन पढ़ाई के मजबूरी में बच्चों को स्कूल भेजना पड़ता है। 

बयान

मुझे इस समस्या की जानकारी पूर्व से नहीं थी। अंचल अधिकारी से संपर्क कर जल्दी ही इसका समाधान किया जाएगा, ताकि छात्रों को स्कूल आने-जाने में किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। - सुरेश प्रसाद, बीईओ, डुमरांव