नीट की परीक्षा में बक्सर की छात्राओं ने लहराया परचम

मेडिकल में नामांकन के लिए आयोजित नीट की परीक्षा में जिले की तीन व एक प्रवासी समेत कुल छात्रों ने अपने प्रतिभा का परचम लहराया है। छात्रों के इस प्रदर्शन से एक तरफ उनके परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई है तो दूसरी तरफ छात्रों ने अपनी प्रतिभा से पूरे जिले को गौरवान्वित किया है। इसी क्रम में कृषि कालेज डुमरांव के कर्मचारी प्रदीप कुमार सिंह की पुत्री सुहानी सिंह ने नीट की परीक्षा में बाजी मार अपना और अपने परिवार का मान बढ़ाया है।

नीट की परीक्षा में बक्सर की छात्राओं ने लहराया परचम

- जिले की तीन व एक प्रवासी समेत कुल चार छात्रों को मिली है सफलता, डॉक्टर बन समाज की सेवा करना चाहते है सभी 

केटी न्यूज/डुमरांव

मेडिकल में नामांकन के लिए आयोजित नीट की परीक्षा में जिले की तीन व एक प्रवासी समेत कुल छात्रों ने अपने प्रतिभा का परचम लहराया है। छात्रों के इस प्रदर्शन से एक तरफ उनके परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई है तो दूसरी तरफ छात्रों ने अपनी प्रतिभा से पूरे जिले को गौरवान्वित किया है। इसी क्रम में कृषि कालेज डुमरांव के कर्मचारी प्रदीप कुमार सिंह की पुत्री सुहानी सिंह ने नीट की परीक्षा में बाजी मार अपना और अपने परिवार का मान बढ़ाया है।

उससे जब बात की गई तो उसने बताया की आरंभिक शिक्षा पूर्णिया से ग्रहण करने के बाद मैट्रिक एवं इंटर की परीक्षा वर्ष 2023 मे वाराणसी के टीबीएन कालेज से उर्त्तीण की। बाद में नीट की परीक्षा की तैयारी में जुट गई। वाराणसी के आकाश नामक को कोचिंग संस्था से नीट की प्रतियोगिता परीक्षा को पढ़ाई करते हुए इस साल वर्ष 2025 के चार मई को एनटीए द्वारा आयोजित नीट की प्रतियोगिता परीक्षा में मैं शामिल हुई थी,

अब सबकुछ आपके सामने है। वहीं पुत्री की इस सफलता पर माता सविता देवी व पिता प्रदीप कुमार सिंह ने प्रसन्नता जाहिर की है। वहीं सुहानी सिंह ने इस सफलता का श्रेय अपने माता पिता को दी तो दादा के आशीष का परिणाम बताया। वहीं बक्सर शहर की चीनी मिल निवासी प्रदीप कुमार एवं त्रिलोचना देवी की पुत्री जीविशा कुमारी ने नीट 2025 की परीक्षा में परचम लहराते हुए 99.715 पर्सेटाइल प्राप्त कर सिर्फ क्वालीफाई ही नहीं किया, बल्कि पूरे जिले का नाम भी रौशन किया है।

इनका ऑलइंडिया रैंक 6063 है तो ओबीसी में 2438 रही है। यह सफलता उसने अपने प्रथम प्रयास में ही हासिल किया है। इसके पिता प्रखंड कर्मी तो माता शिक्षिका हैं। जीविशा ने बताया कि वह एक अच्छी डॉक्टर बन समाज की सेवा करना चाहती है। जीविशा की माने तो मेडिकल सेक्टर में उसे शुरू से ही रूचि थी।  उसी तरह से पुराना भोजपुर निवासी ग्रामीण चिकित्सक डा. भोला केशरी के सुपुत्र सौरव केशरी ने 2025 के नीट परीक्षा में सफलता पाई है,

जिसका रैंक 5603 रहा है और उसे सरकारी मेडिकल कॉलेज मिला है।वहीं, सौरव की सफलता से पूरा परिवार आह्लादित हो उठा है। सौरव के पिता को इस बात का गर्व है कि अभी तक लोग उन्हें ग्रामीण चिकित्सक के तौर पर ही जानते थे, लेकिन अब उनके पुत्र की गिनती एमबीबीएस डॉक्टर के रूप में होगी। उन्होंने बताया कि सौरव को सरकारी कॉलेज मिला है।

वहीं, सौरव ने बताया कि वह बचपन से ही अपने पिताजी को देखकर डॉक्टर बनने की सोंचा था, इसी के तहत नीट परीक्षा के लिए कठिन परिश्रम किया था, जिसका परिणाम काफी सुखद रहा।