कलश यात्रा के साथ सोनवर्षा में शुरु हुआ मां दुर्गा प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा महायज्ञ
स्थानीय प्रखंड अंतर्गत सोनवर्षा के नवनिर्मित दुर्गा मंदिर में मां दुर्गा की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा के लिए गुरुवार को जलभरी शोभायात्रा निकाली गई। इसके साथ ही पांच दिवसीय नवचंडी महायज्ञ शुरु हो गया। मंदिर परिसर स्थित यज्ञशाला से वैदिक मंत्रोच्चार के साथ कलश यात्रा निकाली गई। कलश यात्रा का नेतृत्व यज्ञाधीश आचार्य वैदिक प्रसाद उर्फ मुन्नाजी तथा यजमान जालिम तुरहा ने किया। कलश शोभायात्रा में बैंड बाजे के अलावा हाथी घोड़े व बड़ी संख्या में महिला पुरुष श्रद्धालुओं ने नगर भ्रमण किया।
केटी न्यूज/नावानगर
स्थानीय प्रखंड अंतर्गत सोनवर्षा के नवनिर्मित दुर्गा मंदिर में मां दुर्गा की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा के लिए गुरुवार को जलभरी शोभायात्रा निकाली गई। इसके साथ ही पांच दिवसीय नवचंडी महायज्ञ शुरु हो गया। मंदिर परिसर स्थित यज्ञशाला से वैदिक मंत्रोच्चार के साथ कलश यात्रा निकाली गई। कलश यात्रा का नेतृत्व यज्ञाधीश आचार्य वैदिक प्रसाद उर्फ मुन्नाजी तथा यजमान जालिम तुरहा ने किया। कलश शोभायात्रा में बैंड बाजे के अलावा हाथी घोड़े व बड़ी संख्या में महिला पुरुष श्रद्धालुओं ने नगर भ्रमण किया।
इसके बाद बाली गांव स्थित छेरा नदी घाट तक पहुंचे। जहां पंडित विवेक शास्त्री, शास्त्री पंडित राजेश द्विवेदी, पंडित गुड्डू शास्त्री द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ कलशों में पवित्र जल भरवाया। जलभरी के बाद महिला व पुरुष श्रद्धालुओं ने मथा पर पवित्र जल भरा कलश लेकर जयकारे व गीत मंगल गाते हुए पुनः यज्ञशाला पहुंचे। जिसके बाद पांच दिवसीय नवचण्डी महायज्ञ शुरु हुआ। यज्ञ कमिटी के अध्यक्ष जालिम तुरहां ने बताया नवनिर्मित दुर्गा मंदिर में मां दुर्गा प्रतिमा के प्राण प्रतिष्ठा के लिए जलभरी शोभायात्रा के साथ नवचण्डी महायज्ञ की शुरु हो गई है। उन्होंने बताया कि पांच दिवसीय इस महायज्ञ तीन फरवरी को पूर्णाहुति सह प्राण प्रतिष्ठा की जायेगी। साथ ही 4 फरवरी को भंडारा किया जाएगा।
नवचंडी महायज्ञ के आयोजन से इलाके में भक्तिरस की अविरल धारा प्रवाहित हो रही है। ध्वनि विस्तारक यंत्रो से बज रहे भक्ति गीत, मंगलारण व वैदिक मंत्रोच्चार से माहौल भक्तिमय बन गया है। महायज्ञ में शामिल होने के लिए सोनवर्षा के साथ ही आस पास के गांवों के श्रद्धालु भी आ रहे है। वही, दूर दराज से आने वाले साधु-संतों का जमावड़ा भी शुरू हो गया है। जलभरी शोभायात्रा को सफल बनाने में मनोज तुरहा, मृत्युंजय ओझा, रवि पांडे, तूफानी लाल, बीडीसी अजय गुप्ता, रमेश गुप्ता, मो. अजमेर खान एवं समस्त ग्रामीणों की सराहनीय योगदान रहा।