इंजेक्शन लगने के पांच मिनट में बच्ची की मौत, अस्पताल कर्मियों की लापरवाही पर हंगामा
बक्सर सदर अस्पताल में मंगलवार को इलाज के नाम पर लापरवाही की सारी हदें पार हो गईं। महज सात साल की मासूम बच्ची की मौत एक साधारण इंजेक्शन लगने के महज पांच मिनट के भीतर हो गई। आरोप है कि कुत्ते के काटने के बाद बच्ची को जब एंटी-रेबीज इंजेक्शन लगाया गया, तो उसके तुरंत बाद उसकी तबीयत बिगड़ने लगी और कुछ ही देर में उसकी मौत हो गई। .

_ बक्सर सदर अस्पताल की है घटना, स्थिति नियंत्रित करने पहुंची चार थानों की पुलिस टीम
केटी न्यूज/बक्सर
बक्सर सदर अस्पताल में मंगलवार को इलाज के नाम पर लापरवाही की सारी हदें पार हो गईं। महज सात साल की मासूम बच्ची की मौत एक साधारण इंजेक्शन लगने के महज पांच मिनट के भीतर हो गई। आरोप है कि कुत्ते के काटने के बाद बच्ची को जब एंटी-रेबीज इंजेक्शन लगाया गया, तो उसके तुरंत बाद उसकी तबीयत बिगड़ने लगी और कुछ ही देर में उसकी मौत हो गई। .
घटना के बाद गुस्साए परिजनों और ग्रामीणों ने अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया। स्थिति बेकाबू होते देख ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर और अस्पतालकर्मी अस्पताल छोड़कर भाग निकले। घटना के बाद पूरे सदर अस्पताल में अफरातफरी मच गई। बच्ची के शव को देख परिजन बेसुध हो गए। मृतका की पहचान वरूणा गांव निवासी प्रदीप कुमार की पुत्री संजना के रूप में हुई है। संजना अपनी जुड़वा बहन और छोटे भाई के साथ घर पर थी। पिता विदेश में कार्यरत हैं।
कुरकुरे लेने निकली थी, कुत्ते ने काटा
मंगलवार दोपहर संजना कुरकुरे लेने के लिए घर के पास की दुकान गई थी, तभी एक आवारा कुत्ते ने उसके पैर में काट लिया। परिजन तुरंत उसे लेकर सदर अस्पताल पहुंचे। समय दोपहर दो बजे के बाद का था, इसलिए उसे इमरजेंसी वार्ड में दिखाया गया। नर्स ने बिना किसी विशेष जांच के एंटी-रेबीज इंजेक्शन दे दिया।
प्यास बढ़ी, फिर अचानक आंखें तनीं और मौत
संजना की मां ने बताया कि इंजेक्शन लगने के कुछ ही मिनटों के भीतर बच्ची को बार-बार प्यास लगने लगी। मां को लगा कि दवा की गर्मी से ऐसा हो रहा है। पर बच्ची की हालत तेजी से बिगड़ने लगी। उसकी आंखें अचानक उलट गईं और वह अचेत हो गई। परिजन मदद के लिए चिल्लाते रहे, लेकिन कोई डॉक्टर या नर्स समय पर नहीं आया। कुछ देर बाद नर्स आई और बच्ची को एक दूसरी जगह शिफ्ट किया गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
अस्पताल छोड़कर भागे डॉक्टर व कर्मचारी
जैसे ही बच्ची की मौत की खबर फैली, ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर और कर्मी अस्पताल छोड़कर भाग निकले। डॉ. सुमित मिश्रा, जो इमरजेंसी ड्यूटी पर थे, उनका कोई अता-पता नहीं चला। बाद में पता चला कि वे छत पर छिपे हुए थे। चार थानों की पुलिस को मौके पर बुलाया गया, तब जाकर स्थिति नियंत्रण में आई।
इसी समय दो लोगों को काटा था कुत्ते ने
स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि उसी समय एक और व्यक्ति को भी कुत्ते ने काटा था, जिसे एक निजी अस्पताल में ले जाया गया और वह अब स्वस्थ है। पर संजना को सरकारी अस्पताल लाने पर जान से हाथ धोना पड़ा।
सीसीटीवी फुटेज से होगी सच्चाई सामने
नगर थानाध्यक्ष मनोज कुमार ने बताया कि बच्ची को जो इंजेक्शन दिया गया, उसकी शीशी, पर्ची आदि जब्त कर ली गई है। पोस्टमार्टम के बाद मौत के कारणों की स्पष्ट जानकारी मिल सकेगी। अस्पताल परिसर में लगे सीसीटीवी फुटेज को भी खंगाला जाएगा ताकि यह पता चल सके कि इंजेक्शन किसने दिया और किसकी मौजूदगी में यह सब हुआ।
सीएस ने हादसे को बताया ‘दुर्घटना’
सिविल सर्जन डॉ. शिव कुमार प्रसाद चक्रवर्ती ने बताया कि मामला संज्ञान में है, जांच कराई जाएगी। यदि परिजन मांग करेंगे तो मेडिकल बोर्ड का गठन किया जाएगा। हालांकि उन्होंने इस मामले को लापरवाही नहीं बल्कि एक 'दुर्घटना' बताया है।
यह घटना एक बार फिर सरकारी अस्पतालों की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़ा करती है। जब छोटी-सी जान की रक्षा तक की गारंटी नहीं है, तब आमजन इन अस्पतालों पर भरोसा कैसे करे