ठंड में हार्ट अटैक की बढ़ती है संभावना, बचाव के लिए दिनचर्या में करना होगा बदलाव

सर्दियों के दिनों में हार्ट अटैक की समस्या लोगों में बढ़ जाती है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि इस मौसम में हार्ट में ब्लड फ्लो कम हो जाता है या ब्लॉक हो जाता है। जैसे-जैसे तापमान कम होता है, हाइपरटेंशन से पीड़ित लोगों में खून के गाढ़ापन और क्लॉटिंग के साथ ही हाई ब्लड प्रेशर की संभावना भी बढ़ जाती है।

ठंड में हार्ट अटैक की बढ़ती है संभावना, बचाव के लिए दिनचर्या में करना होगा बदलाव

- तापमान गिरने के साथ शरीर का तापमान सामान्य करने के लिए करना पड़ता है अधिक काम
- ब्लड वैसल्स सिकुड़ने के कारण खून को निकलने के लिए डालना पड़ता है अधिक दबाव

बक्सर | जिले में पछुआ हवा  के कारण ठंड बढ़ती जा रही है। मौसम विभाग के अनुसार गुरुवार से जिले के तापमान में लगातार गिरावट होने की संभावना है। ऐसे में गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को सतर्क और सावधान रहने की जरूरत है। खासकर हाइपरटेंशन से ग्रसित मरीजों को विशेष देखभाल की जरूरत है। वहीं, सर्दियों के दिनों में हार्ट अटैक की समस्या लोगों में बढ़ जाती है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि इस मौसम में हार्ट में ब्लड फ्लो कम हो जाता है या ब्लॉक हो जाता है। जैसे-जैसे तापमान कम होता है, हाइपरटेंशन से पीड़ित लोगों में खून के गाढ़ापन और क्लॉटिंग के साथ ही हाई ब्लड प्रेशर की संभावना भी बढ़ जाती है। चिकित्सकों का भी मानना है कि गर्मियों की तुलना में सर्दियों में हार्ट अटैक का जोखिम अधिक हो जाता है। इसलिए ठंड के मौसम के दौरान हाइपरटेंशन व बड़े बुजुर्गों पर विशेष स्वास्थ्य संबंधी निगरानी ज़रूरी है। इस परिस्थिति में किसी प्रकार की चिकित्सा सुविधा के लिए निकट के सरकारी अस्पताल में संपर्क कर सकते हैं।

तापमान कम होने के कारण शरीर में होते हैं बदलाव :
प्रभारी अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी सह डीवीबीडीसीओ डॉ. शैलेंद्र कुमार ने बताया, सर्दी में हार्ट अटैक का खतरा सुबह के समय ज्यादा रहता है। हमारे शरीर में तापमान कम होने के कारण कई तरह के बदलाव होते हैं। शरीर में ये बदलाव हर स्तर  पर जैसे हार्ट, ब्लड वैसल्स और हार्मोन्स में होते हैं। जैसे जैसे तापमान गिरता  ऐसे में शरीर को अपना तापमान सामान्य करने के लिए अधिक काम करना पड़ता है। जिससे शरीर पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। ऐसे में बढ़ा  हुआ ब्लड प्रेशर हमारे दिल की सेहत को नुकसान पहुंचाता है। उन्होंने बताया कि ठंड के मौसम में गुनगुना पानी पीना चाहिए। ताकि सर्दी, जुकाम और खांसी की समस्या दूर रहे। गर्म पानी में नमक डालकर गरारे करना काफी फायदेमंद होता है। व्यायाम या योग का सहारा लेकर शरीर और मन को चुस्त दुरुस्त रखें। साथ ही, ज्यादा मसालेदार भोजन से परहेज करना होगा, ताकि कब्ज व एसीडिटी से बच सकें।

हार्ट अटैक का खतरा 30 गुना अधिक :
यूरोपियन जर्नल ऑफ एपडिमियोलॉजी में प्रकाशित एक रिसर्च के मुताबिक मोटापे और हाई ब्‍लड प्रेशर से पीड़ित लोगों को इस मौसम में हार्ट अटैक का खतरा 30 गुना अधिक होता है। सर्दियों में बढ़ते तापमान की वजह से बॉडी ठिठुरने लगती है। दिल तक खून लाने और ले जाने वाली ब्लड वैसल्स सिकुड़ने लगती हैं। ब्लड वैसल्स सिकुड़ने की वजह से खून को निकलने के लिए अधिक दबाव डालना पड़ता है, जिससे मरीज का ब्लड प्रेशर बढ़ने लगता है। ब्लड प्रेशर अधिक होने से हार्ट अटैक के मामले ज्यादा सामने आते हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक इस मौसम में खून  गाढ़ा होने लगता है। जिसकी वजह से थक्का जमने लगता जो हार्ट अटैक का कारण बनता है।

इन उपयों से कम होगा हार्ट अटैक का खतरा :
- सुबह-सुबह सैर (वॉक) करने से बचें। सुबह 6-7 बजे सैर करने से दिल के रोगों का खतरा बढ़ जाता है।
- सर्दी में वॉक करने के लिए सुबह 9 बजे का समय तय करें।
- सर्दी में खाने में नमक का सेवन कम करें। नमक का ज्यादा सेवन करने से दिल को काम करने में ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है।
- धूप में ज्यादा समय बिताएं ताकि सिकुड़ी हुई ब्लड वैसल्स सामान्य  हो जाएं।
- सर्दी में नियमित व्यायाम (रेगुलर एक्सरसाइज) और पैदल चलना (वॉक) ना सिर्फ शरीर  को स्वस्थ्य रखता  बल्कि गरम भी रखता है।
- सर्दी में खुराक (डाइट) पर कंट्रोल करें। इस मौसम में तला, भुना और मीठा खाने की लालसा (क्रेविंग) बढ़ जाती है। ऐसी डाइट कोलेस्ट्रॉल को बढ़ा देती है, जिससे दिल के रोगों का खतरा बढ़ने लगता है। इस मौसम में खान-पान पर कंट्रोल करें।