दिव्यांग विक्षिप्त गर्भवती की मदद को आगे आया विश्वामित्र हॉस्पिटल , सफल ऑपरेशन के बाद महिला ने स्वस्थ्य बच्चे को जन्म

दिव्यांग विक्षिप्त गर्भवती की मदद को आगे आया विश्वामित्र हॉस्पिटल , सफल ऑपरेशन के बाद महिला ने स्वस्थ्य बच्चे को जन्म

- गर्भवती महिला को छोड़ भागा उसका पति, डेढ़ माह तक लोगों की मदद से सदर अस्पताल में चला इलाज

- विश्वामित्र हॉस्पिटल में महिला का चल रहा है नि:शुल्क इलाज, उठाया सारा खर्च

- खरवनिया निवासी सह समाजसेवी मिथिलेश पांडेय ने की महिला की आर्थिक मदद

केटी न्यूज / बक्सर

'जाको राखे साइयां मार सके न कोई'... यह बात बीते दिन जिला मुख्यालय के गोलंबर के समीप स्थित विश्वामित्र हॉस्पिटल में देखने को मिल गया। जहां दोनों पैरों से दिव्यांग एक विक्षित महिला ने स्वस्थ्य बच्चे को जन्म दिया है। महिला ने बच्चे को ऐसी स्थिति में जन्म दिया है, जब विक्षिप्त और दिव्यांग होने के कारण उसके पति ने उसे छोड़ दिया था। इस विकट परिस्थिति में जिले के कुछ समाजसेवियों ने उसे सदर अस्पताल में भर्ती कराया था। लेकिन, जब उसकी हालत बिगड़ने पर चिकित्सकों ने उसे रेफर कर दिया। लेकिन, अर्थ के अभाव में उसे बाहर नहीं ले जाया जा सका। मामले की जानकारी होने के बाद विश्वामित्र हॉस्पिटल के संचालक डॉ. राजीव झा ने महिला का इलाज और प्रसव कराने की जिम्मेदारी ली। जिसके बाद महिला का सुरक्षित प्रसव कराया गया। वहीं, अब महिला की मदद के लिए लोग आगे आने लगे हैं।

स्टेशन पर मिली महिला :

मामले में बताया जाता है कि करीब डेढ़ माह पहले स्टेशन पर दोनों पैरों से दिव्यांग विक्षित महिला बैठी हुई थी। जो लगभग सात माह की गर्भवती भी थी। दिव्यांग हमिला स्टेशन पर हर आने जाने वाले लोगों से मदद की गुहार लगा रही थी। लेकिन, उसकी मदद को कोई भी आगे नहीं आया। इस बीच यथा संभव सेवा संस्थान के सदस्यों को महिला के संबंध में जानकारी मिली, तो वो उसकी मदद करने के लिए स्टेशन पहुंचे। जहां महिला ने बताया कि उसका नाम रेश्मा देवी है, वो लखनऊ की रहने वाली है। उसका पति उसे छोड़कर उसकी बहन के साथ फरार हो गया है। हालांकि, महिला की मानसिक स्थिति पर गौर करने के बाद उन्होंने सबसे पहले उसका इलाज कराने की ठानी। जिसके बाद उसे सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। लगभग डेढ़ माह तक चंदा व अन्य लोगों के सहयोग से उसके इलाज और खानापन की व्यवस्था की जाती रही। लेकिन, इस बीच महिला की स्थिति बिगड़ने लगी। जिसे देख सदर अस्पताल के चिकित्सकों ने उसे रेफर कर दिया।

युवाओं ने डॉक्टर राजीव झा से किया संपर्क 

रेफर किए जाने के बाद अब यथा संभव सेवा संस्थान के समक्ष सबसे पहली समस्या पैसों की थी। क्योंकि, अब तक वो चंदा कर करे महिला का ख्याल रख रहे थे। लेकिन, ऑपरेशन और बड़े हॉस्पिटल का खर्च के लिए उन्हें काफी मशक्कत करनी पड़ती। इधर, महिला की स्थिति बिगड़ता देख, उन्होंने विश्वामित्र हॉस्पिटल के डॉ. राजीव झा से संपर्क किया और पूरे मामले की जानकारी दी। डॉ. राजीव झा ने युवाओं काे तत्काल उनके अस्पताल लाने को कहा। जिसके बाद उन्होंने विक्षित गर्भवती महिला की जांच की और अपने अस्पताल में भर्ती कराया। जहां बीते दिन महिला ने एक स्वस्थ्य बच्चे को जन्म दिया है। डॉ. राजीव झा ने बताया कि महिला का इलाज और दवाओं का सारा खर्च अस्पताल ने उठाया है। साथ ही, घटना की जानकारी मिलने के बाद खरवनिया निवासी मिथिलेश पांडेय भी आगे आए और उन्होंने महिला को आर्थिक मदद दी। साथ ही, उन्होंने डॉ. राजीव झा को उनके नि:शुल्क इलाज और मेडिकेशन के लिए अस्पताल प्रबंधन की काफी सराहना की।