सदर अस्पताल और डुमरांव अनुमंडलीय अस्पताल में आईसीयू व्यवस्था की मांग पर दिया धरना
अस्पतालों में कई ऐसे विभाग हैं, जिसके डाक्टर या तकनीकी स्टाफ पदस्थापित नहीं किये जा सके हैं। उसी तरह से कई ऐसे यूनिट खुले भी हैं, लेकिन उसे चालू नहीं किया जा सका है,
- प्रशासन ने अनुमंडल व जिला मुख्यालय में नहीं दी थी धरने की स्वीकृति, मजबूर हो गांव में ही दिया धरना
केटी न्यूज/डुमरांव
अस्पतालों में कई ऐसे विभाग हैं, जिसके डाक्टर या तकनीकी स्टाफ पदस्थापित नहीं किये जा सके हैं। उसी तरह से कई ऐसे यूनिट खुले भी हैं, लेकिन उसे चालू नहीं किया जा सका है, जिससे मरीज और उनके अभिभावक निजी क्लीनिकों के दौड़ लगाने पर मजबूर हो जाते हैं। एसे ही कार्यों को लेकर आमजन से लेकर पार्टी कार्यकर्ता तक धरना-प्रदर्शन करने पर मजबूर हो जाते हैं।
ऐसा ही एक मामला सामने आया है, आईसीयू यूनिट को लेकर। सदर अस्पताल बक्सर में आईसीयू यूनिट खुल गया है, सारे समान भी आ चुके हैं, लेकिन उसकी सुविधाएं लोगों को नहीं मिल रही है। उन्हीं सुविधाओं को बहाल करने को लेकर मंगलवार को समाजसेवी हरेकृष्ण सिंह यादव ने अपने गांव में ग्रामीणों के साथ अनिश्चितकालीन धरना पर बैठ गए हैं।
इस संबंध में जब बात की गई तो उन्होंने बताया जिला मुख्यालय बक्सर में वर्षों से आईसीयू की कमी जिलेवासी झेल रहे थे। लंबे अर्से के बाद जब सदर अस्पताल के तीसरी मंजिल पर आईसीयू यूनिट सारी सुविधाओं के साथ तैयार हो गया तो जिलेवासियों को उसकी सुविधा नहीं मिल रही है। इसी को लेकर नंदन निवासी हरेकृष्ण सिंह उर्फ कृष्णा यादव ने धरना देने का फैसला किया। फिर उनके द्वारा जिला मख्यालय बक्सर में सदर अस्पताल, डीएम कार्यालय या अन्य स्थानों पर अनिश्चित कालीन धरना पर बैठने के लिये स्थल की मांग की थी, लेकिन उसे नहीं मिल पाया
फिर उसने अपने गांव में ही काली मंदिर के पास अपने साथियों के साथ धरना पर बैठ गए। उन्होंने केटी न्यूज के साथ बात करते हुए बताया की आईसीयू यूनिट खोलने के पीछे भी राज छिपा हुआ है। जिस मरीज को आईसीयू कराना होता है, उसे डाक्टर लिखते तो जरूर हैं, लेकिन उसे कराने के लिये बाहर निजी क्लीनिक का सहरा लेना पड़ता है। जहां मरीज को मनमाना पैसा अपने पॅाकेट से देना पड़ता है। कुछ ऐसे गरीब मरीज भी होते हैं, जिनके पास पैसा नहीं होता।
फिर ऐसे मरीज के अभिभावक अपने संगी-संबंधी की जान बचाने के लिये कर्ज लेकर निजी आईसीयू यूनिट में किसी तरह से पहुंचते हैं। यही सुविधा उन्हें जिला सदर अस्पताल बक्सर या डुमरांव अनुमंडलीय अस्पताल में मिलती तो लोग परेशानी और पैसा खर्च करने से बच जाते। इनका यह भी कहना था कि जब बक्सर में आईसीयू का यूनिट सुविधाओं के साथ बहाल हो गया है तो फिर उसे सार्वजनिक रूप में खोलने में क्यों परेशानी हो रही है।
कुछ लोगों का यह भी कहना है कि स्टाफ की कमी को लेकर यूनिट को नहीं खोला जा रहा है। अब सवाल यहां यह उठता है कि स्टाफ की कमी को कौन पूरा करेगा? धरना पर हरेन्द्र कुमार यादव, जिउत यादव, रंगलाल यादव, महेन्द्र यादव, बीरबहादुर यादव, नथुनी यादव, ध्रुव नारायण सिंह, मुन्ना कुमार यादव, धर्मेन्द्र यादव, मंजय यादव, धनंजय यादव, ओमप्रकाश सहित अन्य ग्रामीण मौजूद थे।