लक्ष्य के अनुसार हर हाल में 2025 तक जिले से टीबी का करना है उन्मूलन: सीएस
- "टीबी हारेगा, देश जीतेगा" अभियान के तहत जिला स्तर से लेकर प्रखंडों और पंचायतों में तेज हुआ अभियान
- जिले में आशा कार्यकर्ताओं, एएनएम, सीएचओ, एमओआईसी व अन्य अधिकारियों को टीबी के लक्षण पहचानने की दी जा रही जानकारी
केटी न्यूज/बक्सर | प्रत्येक वर्ष 24 मार्च को जिले में विश्व यक्ष्मा दिवस मनाया जाता है। जिले में अभी से तैयारी शुरू कर दी गई। जिसके तहत जिले के सभी प्रखंडों में स्थित सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे। साथ ही, टीबी के लक्षणों वाले मरीजों की जांच भी की जाएगी। इसके लिए जिला स्तर से लेकर प्रखंड स्तर पर आशा कार्यकर्ताओं, एएनएम, सीएचओ, एमओआईसी व अन्य अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस संबंध में सिविल सर्जन सह सीडीओ डॉ. सुरेश चंद्र सिन्हा ने बताया कि विश्व में 2030 तक टीबी उन्मूलन का लक्ष्य निर्धारित किया गया, लेकिन सरकार ने इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए देश से 2025 तक की समय सीमा तय की है। जिसे हर हाल में पूरा करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं।
आशाओं का किया जा रहा क्षमतावर्धन :
सिविल सर्जन डॉ. सिन्हा ने बताया कि राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत निर्धारित लक्ष्य को हासिल करने के लिए सभी स्तर पर कार्य करना होगा। जिसमें फ्रंटलाइन वर्कर्स की भूमिका सबसे अहम है। इसलिए प्रखंडों में पंचायतवार आशा कार्यकर्ताओं और एएनएम का क्षमतावर्धन किया जा रहा है। जिसमें उन्हें टीबी के लक्षणों की पहचान, जांच व इलाज के साथ निगरानी के संबंध में विस्तृत जानकारी दी जा रही है। साथ ही, उन्हें मिलने वाली प्रोत्साहन राशि तथा मरीजों को निक्षय पोषण राशि के संबंध में बताया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आशा कार्यकर्ता टीबी के लक्षणों वाले मरीजों को जांच के लिए पीएचसी रेफर करेंगी। जिसमें रोग की पुष्टि होने पर उन्हें प्रथम सूचक के रूप में 500 रुपये की राशि भुगतान की जाती है। वहीं, निश्चय पोर्टल पर मरीजों का डाटा अपलोड होते ही पूरा इलाज उनके घर पर ही डॉट प्रोवाइडर के माध्यम से निःशुल्क किया जाता है। साथ ही, मरीजों को इलाज अवधि में प्रतिमाह 500 रुपये निक्षय पोषण योजना के अंतर्गत उनके बैंक खाता में दी जाती है।
कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर के जिम्मे मरीजों की निगरानी :
सिविल सर्जन डॉ. सिन्हा ने बताया, टीबी उन्मूलन के प्रयासों की पहुंच दूर-दराज के ग्रामीण इलाकों तक सुलभ बनाने के उद्देश्य से सभी हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर पर कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर की प्रतिनियुक्त की गयी है। टीबी उन्मूलन के लिये संचालित गतिविधियों के संचालन, संबंधित क्षेत्र में रोगियों की खोज, जरूरी जांच व उपचार ही नहीं, क्षेत्र में टीबी रोग के प्रति जागरूकता अभियान के संचालन से जुड़ी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी उन्हें सौंपी गयी है। जिसके तहत वह केंद्र पर आ रहे लोगों को बेहतर ढंग से टीबी की जांच और इलाज के साथ-साथ इससे बचने के लिए टीबी के लक्षण और सावधानियों के बारे में अच्छी तरह से जागरूक करें। साथ ही, गुणवत्तापूर्ण सेवाओं के साथ लोगों को टीबी को लेकर मनोवैज्ञानिक, सहयोग भी उपलब्ध कराया जाएगा। वहीं फ्रंट लाइन वर्कर्स के सहयोग से टीबी के लक्षणों वाले मरीजों के बलगम का सैंपल कलेक्ट किया जायेगा। ताकि, मरीजों को जांच कराने के लिए प्रखंड या जिला मुख्यालय नहीं आना पड़ेगा।