विधानसभा के समक्ष अनिश्चितकालीन अनशन को सफल बनाने के लिए शिक्षकों ने भरी हुंकार
- मंगलवार से आयोजित हो रहा है अनिश्चकालीन अनशन, शिक्षकों ने बैठक कर बनाई रणनीति
केटी न्यूज/डुमरांव
राज्य सरकार द्वारा शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दिए जाने के पहले सक्षमता परीक्षा लेने का फरमान जारी किया है। लेकिन शिक्षक इस फरमान का विरोध जता रहे है। शिक्षक एकता मंच के बैनर तले अब शिक्षक सरकार से आर पार क मूड में आ गए है। राज्य के शिक्षकों ने इस सक्षमता परीक्षा का विरोध करने के लिए 13 फरवरी से पटना के विधानसभा भवन के समक्ष अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे।
इस हड़ताल को सफल बनाने के लिए शिक्षक एकजुट होने लगे है। रविवार की शाम राज हाई स्कूल के मैदान में विभिन्न विद्यालयों के शिक्षकों तथा शिक्षिकाओं ने एक बैठक आयोजित कर इस अनिश्चितकालीन हड़ताल में अधिक से अधिक संख्या में शामिल होने की हुंकार भरी।
सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं ने एक स्वर में कहा कि सभी लोग आकस्मिक अवकाश लेकर पटना जाएंगे। शिक्षकों ने राज्य सरकार के इस फैसले को तुगलकी फरमान बताया और कहा कि अन्य किसी विभागों में राज्य सरकार क्यों नहीं सक्षमता परीक्षा का आयोजन कर कर्मियों के क्षमता की परख कर रही है।
बता दें कि जब से केके पाठक को शिक्षा विभाग का अपर सचिव बनाया गया है, तब से शिक्षकों के खिलाफ राज्य सरकार का रवैया काफी कठोर हो गया है। बैठक में कमलेश पाठक, उपेन्द्र पाठक, संजय सिंह, नवनीत कुमार, जितेंद्र ठाकुर, रजनीश सिंह, पूर्णानंद मिश्र, प्रियंबदा कुमारी, शोभा राय, निधि कुमारी, पूनम देवी, निशा प्रधान, चंदा कुमारी, प्रमोद ठाकुर, शशिभूषण तिवारी, वसंत कुमार वैरागी समेत सैकड़ों शिक्षक-शिक्षिकाएं उपस्थित थे।